Shardiya Navratri 2021 : श्रीदुर्गा महाअष्टमी : बुधवार, 13 अक्टूबर
श्रीदुर्गा महानवमी : गुरुवार, 14 अक्टूबर
विजया दशमी : शुक्रवार, 15 अक्टूबर
कुमारी पूजन से होती है नवरात्र व्रत की परिपूर्णता
नवरात्रि में जगत्जननी माँ जगदम्बा दुर्गाजी की पूजा-अर्चना की अनन्त महिमा है। ज्योतिॢवद् विमल जैन ने बताया कि नवरात्र के धार्मिक अनुष्ठान के पश्चात कुमारी कन्याओं की पूजा-अर्चना करना अत्यन्त आवश्यक है।
धर्मशा में कुमारी कन्याओं को त्रिशक्ति यानि महाकाली, महालक्ष्मी एवं महासरस्वती देवी का स्वरूप माना गया है। नवरात्र में व्रतकर्ता को या देवीभक्त को कुमारी कन्या एवं बटुक की विधि-विधानपूर्वक पूजन करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
यह भी पढ़ें : सुंदरकांड का पाठ करने से मिलती है सफलता, जाने कैसे
श्रीदुर्गाजी की अर्चना करके हवन आदि करने का विधान है। इस बार 13 अक्टूबर, बुधवार को महाअष्टमी व 14 अक्टूबर, गुरुवार को महानवमी का व्रत रखा जाएगा। महानिशा पूजा 13 अक्टूबर, बुधवार को मध्यरात्रि में होगी।
ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि इस बार आश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर, मंगलवार को रात्रि 9 बजकर 48 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन 13 अक्टूबर, बुधवार को रात्रि 8 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।
तत्पश्चात नवमी तिथि लग जाएगी जो कि 14 अक्टूबर, गुरुवार को सायं 6 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। तदुपरान्त दशमी तिथि प्रारम्भ हो जाएगी, जो कि 15 अक्टूबर, शुक्रवार को सायं 6 बजकर 03 मिनट तक रहेगी।
अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर, मंगलवार को रात्रि 9 बजकर 48 मिनट पर लगेगी, अष्टमी तिथि का हवन-पूजन इसी दिन रात्रि में किया जाएगा।
अष्टमी तिथि उदया तिथि के रूप में 13 अक्टूबर, बुधवार को है, फलस्वरूप महाअष्टïमी का व्रत इसी दिन रखा जाएगा। महानवमी का व्रत 14 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जाएगा। महानवमी का व्रत रखकर जगतजननी की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाएगी।
महाअष्टमी तिथि व महानवमी तिथि के दिन कुमारी व बटुक पूजन का विधान है। नवरात्र व्रत का पारण 15 अक्टूबर, शुक्रवार (दशमी) को किया जाएगा। इसी दिन दशमी तिथि सायं 6 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। जिसके फलस्वरूप विजया दशमी का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।
यह भी पढ़ें – Best Loan Apps : आसान लोन लेने के लिए ये हैं बेस्ट ऐप्स, मिलेगा 5 से 10 लाख रुपये का लोन
विजया दशमी
विजया दशमी का पर्व 15 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। विजया दशमी के दिन नीलकण्ठ पक्षी का दर्शन किया जाता है, उन्हें आजाद करवाया जाता है। इसी दिन अपराजिता देवी तथा शमी वृक्ष की पूजा होती है साथ ही शस्त्रों के पूजन का भी विधान है।
मनोकामना की पूर्ति के लिए कुमारी पूजन
विमल जैन ने बताया कि अपने मनोकामना की पूॢत के लिए सभी वर्ण या अलग-अलग वर्ण की कन्याओं का पूजन करना चाहिए।
देवीभागवत ग्रन्थ के अनुसार ब्राह्मण वर्ण की कन्या-शिक्षा ज्ञानार्जन व प्रतियोगिता, क्षत्रिय वर्ण की कन्या-सुयश व राजकीय पक्ष से लाभ, वैश्य वर्ण की कन्या-आॢथक समृद्धि व धन की वृद्धि के लिए, शूद्र वर्ण की कन्या-शत्रुओं पर विजय एवं कार्यसिद्धि हेतु पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
दो वर्ष से दस वर्ष तक की कन्या को देवी स्वरूप माना गया है, जिनकी नवरात्र पर भक्तिभाव के साथ पूजा करने से भगवती प्रसन्न होती हैं।
किस वर्ष (उम्र) की कन्या की होती है पूजा
धर्मशास्त्रों में दो वर्ष की कन्या को कुमारी, तीन वर्ष की कन्या-त्रिमूॢत, चार वर्ष की कन्या-कल्याणी, पाँच वर्ष की कन्या-रोहिणी, छ: वर्ष की कन्या-काली, सात वर्ष की कन्या-चण्डिका, आठ वर्ष की कन्या-शाम्भवी एवं नौ वर्ष की कन्या-दुर्गा तथा दस वर्ष की कन्या-सुभद्रा के नाम से उल्ïलेखित हैं। इनकी पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फल मिलता है।
कन्याओं का पूजन करने के पशचात उन्हें सात्त्विक व पौष्टिïक भोजन करवाना चाहिए, तत्पश्चात नव, ऋतुफल, मिष्ठन्न तथा नकद द्रव्य आदि उपहार स्वरूप देकर उनके चरणस्पर्श करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
भगवती की आराधना में अस्वस्थ, विकलांग एवं नेत्रहीन कन्याओं का पूजन वॢजत है। फिर भी इनकी उपेक्षा न करते हुए यथाशक्ति यथासामथ्र्य इनकी सेवा व सहायता करते रहने पर जगत् जननी माँ दुर्गा की प्रसन्नता सदैव बनी रहती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है।
Shardiya Navratri 2021: शरद नवरात्रि पर डोली पर सवार होकर आयेगी माता रानी, जानें नवरात्रि का पर्व
(हस्तरेखा विषेशज्ञ, रत्न-परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिषी एवं वास्तुविद्, एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टैगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी -221002)
More News : Navratri , Shardiya Navratri, Navratri 2021 , sharadiya navratri 2021 , Sharad Navratri 2021 , navratri Kalash Sthapana , Shardiya Navratri 2021 mata ki sawari, Navratra2021, Navratri 2021 Maha Ashtami Puja, Navratri 2021 Kanya Pujan, Durga Puja ashtami kanya pujan,