Raksha Bandhan 2022 : जोधपुर/जयपुर। राजस्थान के ज्योतिष विद्वानों ने रक्षाबंधन (Rakhi) का त्यौहार (Festival) 11 अगस्त को मनाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी और डॉ अनीष व्यास के सानिध्य में आयोजित बैठक में राजस्थान के पंचांगकर्ता और ज्योतिष विद्वानों ने वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से एकमत होकर 11 अगस्त को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) मनाने का निर्णय लिया।
Raksha Bandhan : रक्षाबंधन पर भद्रा का साया
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी और भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। 11 अगस्त को प्रातः सूर्योदय के साथ चतुर्दशी तिथि रहेगी तथा 10:58 से पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी। पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा आरंभ हो जाएगी जो कि रात्रि 8:50 तक रहेगी। शास्त्रों में भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाने का निषेध कहा गया है तथा इस दिन भद्रा का काल रात्रि 8:50 तक रहेगा। इस समय के बाद ही राखी बांधना ज्यादा उपयुक्त रहेगा।
Raksha Bandhan 2022 : भद्रा का निवास पृथ्वी लोक में नहीं होकर पाताल लोक में
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी और भविष्यवक्ता डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस बार भद्रा का निवास पृथ्वी लोक में नहीं होकर पाताल लोक में है। अतः भूलोक पर इसका इतना प्रभाव नहीं रहेगा। रक्षाबंधन पर घटित होने वाली भद्रा वृश्चिकी भद्रा है। सर्पिणी भद्रा नहीं होने से इसके मुंख में रक्षाबंधन मनाया जा सकता है क्योंकि बिच्छू के पुंछ में विष होता है। अतः वृश्चिकी भद्रा की पूछ त्याज्य है।
Raksha Bandhan Subh Muhurat : रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
यद्यपि शास्त्रानुसार 11 अगस्त को रात्रि 8:50 के बाद भद्रोत्तरम ( भद्रा के उपरांत) राखी बांधी जाना अधिक उपयुक्त है। परंतु आवश्यक परिस्थिति में सायं 6:08 से रात्रि 8:00 बजे तक भद्रा मुख में राखी बांधी जा सकती है।
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