प्रयागराज। सेवा और सामुदायिक एकता की अद्भुत मिसाल पेश करते हुए, हेमकुंट फाउंडेशन की 10 सिख स्वयंसेवकों की टीम ने 14 घंटे का सफर तय कर प्रयागराज पहुंचकर महाकुंभ के घाटों की सफाई की। इस पहल ने न केवल दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक की स्वच्छता सुनिश्चित की, बल्कि हिंदू-सिख एकता का भी प्रतीक बनाया।
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में डुबकी लगाने आते हैं, जिससे घाटों पर काफी कचरा जमा हो जाता है। इस पवित्र स्थल की शुद्धता बनाए रखने के महत्व को समझते हुए, हेमकुंट फाउंडेशन की टीम ने दिन-रात मेहनत कर घाटों की सफाई की, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।
इस सेवा के बारे में हेमकुंट फाउंडेशन के संस्थापक, हरतीरथ सिंह ने कहा: “सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। हमारा धर्म हमें यह सिखाता है कि हम मानवता के लिए खड़े हों, चाहे कोई भी जाति या धर्म हो। महाकुंभ के घाटों की सफाई केवल कचरा प्रबंधन नहीं था, बल्कि यह एक पवित्र स्थल का सम्मान करने और इस संदेश को मजबूत करने का प्रयास था कि जब दूसरों की सेवा करने की बात आती है, तो हम सभी एक हैं।”
हेमकुंट फाउंडेशन की इस पहल को तीर्थयात्रियों और स्थानीय प्रशासन ने खूब सराहा। उनकी निःस्वार्थ सेवा एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे छोटे-छोटे नेक कार्य समुदायों को जोड़ सकते हैं और मानवता की भावना को सर्वोपरि बनाए रख सकते हैं।