Sundarkand : हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ (Sundarkand ka Path) करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है। जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस (Ramcharitmanas) में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है। शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहींए विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है।
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Sundarkand Path: शनिदेव भी आपका बुरा नहीं करेंगे
ज्योतिष और पौराणिक मान्यता है कि शनिदेव हनुमानजी से डरते हैं। शनिदेव की दशा के प्रभाव को कम करने के उपायों में से एक है हनुमानजी की पूजा। शनिवार को यदि आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो बजरंगबली तो प्रसन्न होंगे ही और साथ में शनिदेव भी आपका बुरा नहीं करेंगे। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती।
Sundarkand Path: मनोकामना होती है पूर्ण
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है। सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैंए लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है।
Sundarkand Path Importance : सुंदरकांड का महत्व
जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया हैए उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है। इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय के बारे में बताया गया है।
Sundarkand Path Benefit : ये है लाभ
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया किसुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती। यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।
आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति
पंडित मदनमोहन शर्मा ने बताया कि सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है। शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहींए विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है। इस पाठ की एक.एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।
शनिदशा में लाभ
पंडित मदनमोहन शर्मा ने बताया कि शनिदेव स्वयं हनुमानजी के भक्त हैं और उनसे भय खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों पर शनि की ढैय्या फिर साढ़ेसाती चल रही होए वे अगर रोजाना सुंदरकांड का पाठ करें तो शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है। शनि बिना कुछ बुरा किए इस पूरी महादशा की अवधि को गुजार देते हैं।
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