Lord Ganesha : चित्रा नक्षत्र के विशेष योग में होगी भगवान गणेश की स्थापना
Vinayaka Chavithi : गणेश चतुर्थी (Ganesh Chathurthi) का पर्व 10 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन ब्रह्म और रवियोग में भगवान गणेश (Lord Ganesha) की स्थापना के साथ पूजा की जाएगी।
इस बार (Lord Ganesha) गणेश चतुर्थी चित्रा नक्षत्र में आ रही है। इस दिन चंद्रमा शुक्र के साथ युति करते हुए तुला राशि में रहेगा। सूर्य अपनी राशि सिंह, बुध अपनी राशि कन्या, शनि अपनी राशि मकर और शुक्र अपनी राशि तुला में रहेगा। इसके अलावा गुरु कुंभ राशि में रहेगा। कुंभ राशि में दो बड़े ग्रह गुरु और शनि वक्री हैं।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि गणेश चतुर्थी (Vinayaka Chavithi) पर चित्रा नक्षत्र का योग करीब 59 साल बाद बना है।
इससे पहले 1962 में इस तरह का योग बना था। तब भी चंद्र शुक्र के साथ तुला राशि में था। सूर्य, बुध, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशि में स्थित थे। इस बार भी यह विशेष योग कई मायनों में सकारात्मक परिणाम देने वाला रहेगा।
भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को हल्दी से स्वास्तिक बनाकर पीले आसन पर इस तरह स्थापित करें कि विग्रह की पीठ उत्तर दिशा में हो तथा मुख दक्षिण की दिशा में हो। उत्तर की ओर मुख कर गणपति पूजन करें।
अगर गणेश चतुर्थी (Vinayaka Chavithi) पर गणपति जी को स्थापित करते हैं तो हमेशा ईशान कोण, पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में ही करें। ये ही तीन दिशाएं भगवान श्रीगणेश की स्थापना के लिए श्रेष्ठ हैं।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि (Vinayaka Chavithi) गणपति जी को लकड़ी की चौकी पर पीला या लाल वस्त्र बिछाकर विराजमान करें। साथ ही प्रतिदिन देसी घी का दीपक और धूप जलाकर प्रातः व संध्या आरती करें। साथ ही मोदक व मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। बाल गणेश का प्रिय भोग-केसर, हल्दी युक्त दूध, बूंदी के लड्डू, मोदक, कदली फल केला, आम, पपीता हैं।
श्रीगणेश जी (Lord Ganesha) को तुलसी दल, तुलसी मंजरी, तुलसी माला अर्पित नहीं करना चाहिए। भगवान गणेश की कृपा से सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि गणेश चतुर्थी (Vinayaka Chavithi) के दिन व्यक्ति को काले और नीले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। इस दिन लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है।
Vinayaka Chavithi : गणेश चतुर्थी चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर रात 12 :18 मिनट से चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर रात 9:57 मिनट तक
Vinayaka Chavithi : भगवान गणेश की स्थापना का शुभ मुहूर्त
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि 10 सितंबर 2021 को दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच गणेश स्थापना के लिये अच्छा मुहूर्त है।
गणेश चतुर्थी के दिन न करें चंद्रमा के दर्शन मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। अगर भूलवश चंद्रमा के दर्शन कर भी लें, तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की ओर फेंक दें।
Vinayaka Chavithi पूजन सामग्री
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश की प्रतिमा, जल का कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, कलावा, लाल कपड़ा, जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, बतासा, नारियल, चांदी का वर्क, लौंग, पान, पंचमेवा, घी, कपूर, धूप, दीपक, पुष्प, भोग का समान आदि एकत्र कर लें।
Vinayaka Chavithi : Lord Ganesha : भगवान गणेश को लगाएं भोग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि गणेश जी को पूजन करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू अर्पित करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
कहते हैं कि गणपति जी (Lord Ganesha) को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था, इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था।
Vinayaka Chavithi : पूजा विधि
(Ganesh Chathurthi) गणेश चतुर्थी (Vinayaka Chavithi) के दिन प्रातर: काल स्नान-ध्यान करके गणपति के व्रत का संकल्प लें। इसके बाद दोपहर के समय गणपति की मूर्ति या फिर उनका चित्र लाल कपड़े के ऊपर रखें। फिर गंगाजल छिड़कने के बाद भगवान गणेश का आह्वान करें।
भगवान गणेश (Lord Ganesha) को पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और दूर्वा (घास) चढ़ाए। इसके बाद गणपति को मोदक लड्डू चढ़ाएं, मंत्रोच्चार से उनका पूजन करें। गणेश जी की कथा पढ़ें या सुनें, गणेश चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें।
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि गणेश चतुर्थी ((Ganesh Chathurthi)) के दिन राशि के अनुसार रंग के गणपति का आगमन घर में होता है तो इसे बहुत श्रेष्ठ माना जाता है।
Lord Ganesha : Horoscope : राशि के अनुसार रंग के गणपति का आगमन
मेष और वृश्चिक राशि वाले भक्त लाल रंग के गणपति स्थापित करें।
वृष और तुला राशि वाले सिल्वर व्हाइट और आभूषणों से युक्त गणपति स्थापित करें।
मिथुन और कन्या राशि वाले हरे रंग से युक्त गणपति स्थापित करें।
कर्क राशि के लोग श्वेत रंग की आभा वाले गणपति स्थापित करें।
सिंह राशि के व्यक्ति गेरुए रंग के गणपति स्थापित करें।
धनु और मीन राशि के लोग पीले रंग की आभा वाले गणपति स्थापित करें।
मकर और कुम्भ राशि के व्यक्ति नीले व आसमानी रंग की आभा वाले गणपति स्थापित करें।
Vinayaka Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक इन राशियों को मिलेगा लाभ
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