राजसमन्द। सांसद दीयाकुमारी द्वारा 15 सितम्बर को संसद में नियम 377 के तहत उठाये गए जीएसटी में विसंगतियों से संबंधित मुद्दों पर वित्त मंत्रालय द्वारा नियमों में सुधार की अधिसूचना जारी की है। सांसद ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार ही है जो सुधार के परामर्श को भी पूरी गम्भीरता से लेती है। सरकार के त्वरित निर्णयों से करदाता राहत महसूस कर रहे हैं।
सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय के केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमाशुल्क बोर्ड ने अधिसूचना जारी कर 03 अप्रैल, 2020 द्वारा प्रकाशित की गई सूचना में संशोधन किया है। जहां अनुमोदन पर बिक्री या वापसी के लिए भारत से बाहर भेजे या ले जाये जा रहे माल के संबंध में किसी व्यक्ति के लिए किसी भी समय सीमा, जो मार्च, 2020 के 20वें दिन से अक्टूबर, 2020 के 30वें दिन तक की अवधि के दौरान आता है, ऐसी कार्रवाई के पूरा करने की या अनुपालन के लिए समय सीमा अक्टूबर, 2020 के 31वें दिन तक बढ़ा दी जायेगी।”
परिषद की सिफारिशों पर उन रजिस्ट्रीकृत व्यक्तियों के लिए, जो कि जुलाई, 2017 से मार्च, 2020 तक की तिमाहियों से संबंधित प्रारूप जीएसटीआर-4 में नियत तारीख तक विवरणी प्रस्तुत नहीं कर पाये थे, लेकिन उक्त विवरणी को समयावधि सितम्बर 2020 के 22वें दिन से अक्टूबर, 2020 के 31वें दिन तक प्रस्तुत करते है, उक्त अधिनियम की धारा 47 के प्रावधानों के अधीन देय विलंब फीस को दो सौ पचास रूपये से अधिक अधित्यजन किया जाता है,
और उन करदाताओं के लिए देय विलंब फीस को पूर्ण रूप से अधित्यजन किया जाता है जिनके लिए कुल देय केन्द्रीय कर की राशि शून्य है एवं जो नियत तारीख तक जीएसटीआर-10 में विवरणी प्रस्तुत नहीं करते हैं। लेकिन वे उक्त विवरणी को समयावधि सितम्बर 2020 के 22वें दिन से दिसम्बर, 2020 के 31 दिन तक प्रस्तुत करते हैं, उक्त अधिनियम की धारा 47 के प्रावधानों के अधीन देय विलंब फीस को दो सौ पचास रूपये से अधिक अधित्यजन किया जाता है।
संसद में दिवाला और शोधन अक्षमता संशोधन विधेयक का किया समर्थन-
संसद के मानसून सत्र में दिवाला और शोधन अक्षमता संशोधन विधेयक 2020 का समर्थन कर इस विधेयक के पक्ष में बोलते हुए सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि यह विधेयक छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारियों और इन समूहों से जुड़े मजदूरों के हितों की रक्षा करेगा। इस बिल के पारित होने से पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों, होटल संचालकों, टैक्सी चालकों को भी इसका लाभ मिलेगा। साथ ही इस बिल में दिवालिया होने की सीमा को 1 लांख से बढ़ाकर 1 करोड़ किए जाने के संबंध में भी प्रावधान किए गए है, जिससे इससे सम्बन्धित हितधारकों को राहत मिलेगी।