राजसमंद। युवसत्ता-एनजीओ, अनुव्रत विश्व भारती सोसायटी, ग्लोबल पीस फाउंडेशन और भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ( National Youth Peace Camp) राष्ट्रीय युवा शांति शिविर का रविवार को समापन हुआ। शिविर में युवाओं ने शांति अहिंसा और बालिकाओं के अधिकार की प्रतिज्ञा के साथ स्वंयसेवा की प्रतिज्ञा भी ग्रहण की।
जिला पुलिस अधीक्षक (Rajsamand SP) सुधीर चौधरी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी अपने लक्ष्य को ऊँचा रखें, भविष्य के लिए बड़े सपने देखें और भारत को मजबूत और विश्व शक्ति बनाने के लिए काम में जुट जाएं। तभी आज का युवा अपने आपको रोल मॉडल के रूप में पेश कर पाएगा।
युवसत्ता (यूथ फॉर पीस) चंडीगढ़ के फाउंडर प्रमोद शर्मा ने कहा कि एक छोटे से गांव से बालिकाओं के लिए समर्पण, त्याग, सत्य, अहिंसा का संदेश देश विदेश को मिल रहा है। यह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हम सभी को पद्मश्री श्याम सुंदर के जीवन और कार्यों से सीखने के लिए बहुत कुछ मिलता है।
जैसा कि राजस्थान के राजसमंद जिले से 15 किलोमीटर दूर पिपलांत्री गांव में है। एक समय तक जो जिस गांव की पहचान कभी संगमरमर के कारण बंजर हुई भूमि व समस्याओं के रूप में थी आज इसी गावं की पहचान बालिकाओं व हरे पेड़ों को समर्पित हो चुकी है। आज गांव को निर्मल ग्राम, आदर्श गावं और स्वजल ग्राम के साथ बालिकाओं व हरे पेड़ों के संरक्षण के अनूठे मॉडल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
उन्होने बताया कि आज गावं में जब भी बालिका जन्म लेती है तो उस पर 111 पेड़ लगाते हैं और लड़की के माता-पिता के साथ ग्रामीणों के सहयोग से 31,000 रुपए की राशि जमा कराई जाती है। गाँव में अब 350,000 से अधिक पेड़ हैं, विभिन्न स्वदेशी किस्मों के साथ, जो पर्यावरण और जलवायु के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि राजस्थान, दिल्ली, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के छह अलग-अलग राज्यों के 100 से अधिक भाग लेने वाले युवाओं ने अपने समुदायों के बीच शांति (शांति), अहिंसा (अहिंसा), लड़कियों के अधिकार और स्वयंसेवा (सेवा) को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
राष्ट्रीय युवा शांति शिविर में आए युवाओं की और से पिपलांत्री गांव की विजिट के दौरान सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा कि अपनी बेटी की मृत्यु के बाद दुखी होकर, उन्होंने पिपलांत्री गांव के सरपंच के रूप में घोषणा की कि हर नवजात लड़की के सम्मान में एक पेड़ लगाया जाएगा। इस प्रक्रिया में, उन्होंने सांस्कृतिक, पर्यावरण और राजनीतिक क्रांति के बीज बोए।
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उन्होंने यह भी कहा कि “मेरे लिए, सब कुछ जुड़ा हुआ है, बालिका, भूमि, जल, पशु, पक्षी, पेड़। मैं इन वृक्षों के माध्यम से अमरत्व चाहता हूँ।” “मैं जो कुछ भी करता हूं अपनी बेटी की याद के लिए करता हूं।”
अनुव्रत विश्व भारती सोसायटी के संचय जैन ने बताया कि इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय युवा शांति शिविर में युवाओं का आपसी संवाद, बालिकाओं और महिलाओं के अधिकार व सम्मान के लिए पीस पैलेस से बस स्टेंड राजसमंद तक कैंडल लाइट मार्च निकाला गया, जिसके माध्यम से बालिका शिक्षा, बालिका बचाओ व उनके अधिकारों की रक्षा का संदेश दिया गया।
इसके साथ ही चिल्ड्रन पीस पैलेस से मार्च की शुरुआत की गई। इसके साथ ही शिविर में आए युवाओं को पिपलांत्री गांव का भ्रमण कराया गया। यहां ग्रामीणों के द्वारा किए जा रहे कार्यों से रुबरु कराया गया। युवाओं को बालिकाओं के जन्म पर लगाए जाने वाले पेड़ों व ग्रामीणों के सहयोग से एकत्रित की जाने वाली राशि के बारे में सरपंच की और से जानकारी दी गई।
चंडीगढ़ स्थित युवसत्ता-एनजीओ के पदेन सदस्य लक्ष्मण भारतीय ने कहा इस तरह के शिविर राजस्थान, चंडीगढ़, अगरतला में भी आयोजित हो रहे है। इन शिविर के माध्यम से 500 युवाओं को तैयार किया जा रहा है।
साउथ एशिया पीस एलायंस के निदेशक विजय भारतीय और ध्रुबा प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय युवा शांति शिविर में तीन दिन तक प्रतिभागियों ने समाज के लिए काम करने और भारत की बेहतरी के लिए अपनी योजनाओं को तैयार किया। जिसके तहत युवा शांति, अहिंसा, बालिका-अधिकार और स्वयं से पहले देश सेवा की भावना को और मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
National Youth Peace Camp : राष्ट्रीय युवा शांति शिविर को इन्होने भी किया संबोधित
राष्ट्रीय युवा शांति शिविर को पद्म श्याम सुंदर पालीवाल सरपंच, पिपलांत्री, विजय भारतीय, निदेशक, साउथ एशिया पीस एलायंस, संचय जैन, अध्यक्ष, अणुव्रत विश्व भारती, प्रमोद शर्मा, संस्थापक, युवसत्ता, बिहार और मध्य प्रदेश के निर्भय प्रताप सिंह और शिवेंद्र कटनी ने संबोधित किया।।
युवाओं को सम्मान पत्र भेंट
राष्ट्रीय युवा शांति शिविर के समापन सत्र पर जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने देश भर से आए युवाओं को सम्मान पत्र भेंट किया।
शिविर के समापन कार्यक्रम के अंत में संचय जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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