उदयपुर (Udaipur News)। राजस्थान (Rajasthan) के कुम्भलगढ़ (Kumbalgarh) में (Ayurveda Department) आयुर्वेद विभाग का (Medical turism Center) मेडिट्यूरिज्म सेन्टर बनाया जायेगा। सेंटर की स्थापना के लिए की जा रही तैयारियों के संबंध में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग की शासन सचिव डॉ. वीना प्रधान ने मंगलवार को उदयपुर संभाग के प्रवास के दौरान कुम्भलगढ़ में चयनित स्थान का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कुम्भलगढ़ उपखण्ड अधिकारी परसराम सैनी, आयुर्वेद विभाग उदयपुर के अतिरिक्त निदेशक डॉ. हीरालाल पानेरी, आयुर्वेद विभाग राजसमन्द के उपनिदेशक डॉ. वीरेन्द्र महात्मा को भूमि के आवंटन के संबंध में शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किये।
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आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग के विशेषाधिकारी डॉ. मनोहर पारीक ने बताया कि इस मेडिट्यूरिज्म सेन्टर में आयुर्वेद की बहिरंग व अतंरंग चिकित्सा, विशेषज्ञ चिकित्सा यथा पंचकर्म, क्षारसूत्र आदि, यूनानी व होम्योपैथी चिकित्सा की ओपीडी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा वेलनेस सेन्टर का संचालन, हर्बल गार्डन आदि की सेवाएं दी जायेगी।
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औषधालयों-चिकित्सालयों का किया निरीक्षण
डॉ. प्रधान ने राजसमन्द जिले के कुम्भलगढ़, वरदडा, मोरचा, उसरवास, कोशिवाडा, नाथद्वारा, देलवाड़ा औषधालयों-चिकित्सालयों का निरीक्षण किया। उन्होंने वक्त निरीक्षण उपस्थित अतिरिक्त निदेशक, उदयपुर एवं उपनिदेशक राजसमन्द को औषधालय संचालन के संबंध में औषधालय सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के निर्देश प्रदान किये। नाथद्वारा चिकित्सालय में पंचकर्म, क्षारसुत्र चिकित्सा को शीघ्र प्रारम्भ किये जाने के निर्देश भी प्रदान किये। देलवाडा स्थित औषधालय हेतु तुरन्त चिकित्सक को कार्यव्यवस्थार्थ हेतु लगाने के आदेश जारी किये गये।
डॉ. प्रधान द्वारा कैलाशपुरी औषधालय के नवनिर्मित भवन का निरीक्षण किया गया और उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग, उदयपुर (udaipur) डॉ. जनेन्द्र पाठक को औषधालय संचालन में आ रही कमियों के संबंध में तुरन्त सुधार हेतु निर्देश दिया। उसके पश्चात् उदयपुर के सुन्दरवास के आयुर्वेद औषधालय का निरीक्षण किया गया और विभागीय सेवाओं के अधिक सुचारू संचालन के निर्देश प्रदान किये गये। औषधालय के एक कम्पाउण्डर को उपनिदेशक कार्यालय उदयपुर में प्रतिनियुक्ति पर लगाया गया था, जिसे तुरन्त औषधालय हेतु कार्यमुक्त किये जाने के आदेश जारी किये गये।
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डॉ. प्रधान ने आयड़ स्थित आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण भी किया। वहां चिकित्सालय में अतंरंग विभाग में रोगी भर्ती नहीं होने, चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्था एवं कन्टेजेन्सी मद में स्वीकृत राशि का समयबद्ध रूप से व्यय नहीं करने के कारणो को गंभीरता से लिया और चिकित्सालय के प्रधान चिकित्साधिकारी डॉ. गोपाल राम शर्मा को निदेशालय, आयुर्वेद विभाग, अजमेर में आदेशों की प्रतिक्षा में रखे जाने के आदेश जारी किये गये।
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दौरे के तहत डॉ. प्रधान द्वारा उदयपुर में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की इकाई राजकीय अनुसंधान केन्द्र का निरीक्षण किया गया और कोरोना महामारी (Corona) में चिकित्सालय के द्वारा किये जा रहे कार्यो और चिकित्सालय में की जा रही विशेषज्ञ चिकित्सा का जायजा लिया। इसके पश्चात् आयुर्वेद विभाग की रसायनशाला का निरीक्षण किया गया और रसायनशाला में निर्मित की जा रही आयुर्वेदिक औषधियों के संबंध में जानकारी ली।
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