कोटा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा 16 अक्टूबर को घोषित(NEET Result 2020) नीट-यूजी,2020 के परीक्षा परिणाम में गलतियां उजागर होने से लाखों विद्यार्थियों में असमंजस पैदा हो गया है।
सोमवार को नीट-यूजी में एसटी केटेगरी में ऑल इंडिया टॉपर बने आकाश कोचिंग (Aakash Institute) के क्लासरूम छात्र (Mradul Rawat)मृदुल रावत ने बताया कि रिजल्ट में उसे 720 में से 329 प्राप्तांक दिखाकर 2 लाख 70 हजार रैंक प्रदर्शित कर दी गई, जिससे उसको एमबीबीएस में एडमिशन मिलना असंभव हो गया था। जबकि रिजल्ट से पहले एनटीए द्वारा जारी ओएमआर शीट व आंसर की को देखकर उसे 720 में से 650 अंक मिलने की उम्मीद थी। रिजल्ट में गडबडी होने का अंदेशा होने पर मृदुल ने एनटीए अधिकारियों को ईमेल, ट्विटर व फेसबुक से मैसेज भेजकर इसकी जांच करने की मांग की। जिस पर अधिकारियों ने जवाब दिया कि ओएमआर की जांच कर उसे संशोधिक स्कोर कार्ड भेज दिया जायेगा।
सोमवार को उसे संशोधित स्कोर कार्ड मिला, जिसमें 720 में से 650 अंक दर्शाये गये तथा ऑल इंडिया रैंक-3577 दी गई। एसटी केटेगरी में सर्वााधिक अंक मिलने से वह ऑल इंडिया टॉपर रहा। उसने बताया कि अ उसे एम्स नईदिल्ली में एमबीबीएस की सीट मिल जायेेगी। उसके पिता डॉ.राजेंद्र सिंह रावत गंगापुर सिटी में ईएनटी चिकित्सक है। उसने दो साल कोटा में रहकर कोचिंग ली थी।
स्कोर कार्ड में गलती से छात्र हैरान
मृदुल ने जानकारी दी कि इस वर्ष नीट के रिजल्ट में कुछ अन्य छात्रों ने भी उसे अपने गलत स्कोर की जानकारी दी। एक छात्र दर्शित मानिया ने बताय कि उसे रिजल्ट में 720 में से 165 अंक दिये गये हैं। जबकि ओएमआर के अनुसार, उसे 612 अंक मिलने चाहिये थे। उसने भी एनटीए को शिकायत भेजी है। एक अन्य मेधावी छात्रा ने ट्विटर पर बताया कि ओएमआर के अनुसार उसे 720 में से 711 अंक मिलने चाहिये थे, जबकि रिजल्ट में उसे शून्य अंक दे दिया गया, जिससे वह मानसिक तनाव में है। पेपर अच्छा करने के बावजूद शून्य अंक कैसे मिल सकता है। परीक्षार्थियों का कहना है कि केंद्र सरकार को नीट-यूजी की काउंसलिंग तत्काल रोककर एनटीए द्वारा घोषित रिजल्ट में सामने आ रही गडबडियों की उच्चस्तरीय जांच की जाये। इससे हजारों विद्यार्थी प्रभावित हुये हैं।
केटेगरी के अनुसार क्वालिफाई
सामान्य वर्ग – 6,82,406
ओबीसी – 61,265
एससी – 19,572
एसटी – 7,837
दिव्यांग सभी वर्ग – 420
कुल क्वालिफाई- 7,71,500