Bhadra : Shrimad Bhagwat Katha : -प्रबल जी महाराज की पावन धरा पर पहुंचे देशभर से संत-महापुरूष
भादरा। तीनों कालों में परमात्मा की सत्ता सत्य है। भगवान तो कल भी थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे, यही सत्य है। जिस परमात्मा के कारण ये जगत की तीन अवस्थाएं देखने में आती हैं वे समान रूप में नहीं आती हैं ये बात भादरा में चली रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिवस कथाव्यास परम श्रद्धेय समर्थश्री त्रयम्बकेश्वर जी महाराज ने कही।
पूज्य गुरुजी ने सर्व व स्व के भेद की व्याख्या करते हुए कहा कि जो सबके भले की चिंता करे उसे सर्व यानी संत कहते हैं और जो अपने स्वार्थ की चिंता करे उसे स्व करते हैं। गुरुजी ने श्री नारद के तीन जन्मों की कथा का प्रसंग सुनाया। आपने कहा कि ऊंचाई पर पहुंचना बड़ी बात नहीं है, ऊंचाई पर बना रहना बड़ी बात है।
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उन्होंने सनातन धर्म की शिक्षा के लिए संचालित गुरुकुल की विशेषताओं के बारे में कहा कि जो लोग ये सोचते हैं कि ऐसे गुरुकुल जहां सनातन धर्म की शिक्षा दी जाती है ऐसे विद्यालयों के संचालन का परिणाम क्या है? संतों की सनिधि का लाभ क्या है? उनको डॉ. गुणप्रकाश जी महाराज को देख लेना चाहिए। जो बच्चे गुरुकुल में पढने आते हैं उनकी वेशभूषा, खान-पान, रहन-सहन अति सामान्य है उनमें कितनी विनम्रता है उनको डॉ. गुणप्रकाश चैतन्य जी महाराज को देख लेना चाहिए।
पूज्य गुरु जी ने मंगालीवाला परिवार को संस्कारशाला के लिए भूमि दान देने पर उनकी मुक्तकंठ से प्रशंसा की। पावनतम आयोजन के सूत्रधार डॉ. गुणप्रकाश चैतन्य जी महाराज की अध्यक्षता में ये आयोजन हो रहा है। महामंडलेश्वर श्री प्रखर जी महाराज व पूज्य पाद श्री प्रबल जी महाराज ने यहां साधना की उन्हीं की कृपा से आज ये हम यह विशाल आयोजन देख हैं।
पूज्य श्री प्रबोधाश्रम जी महाराज व डॉ. विदिशदत्त जी शर्मा व पूज्य राम चैतन्य जी महाराज के पावन आशीर्वाद से यह सफल आयोजन हो रहा है इसके लिए सभी साधुवाद के पात्र हैं। कथा समापन के बाद श्रोताओं ने प्रसाद ग्रहण किया। वहीं, काशी की तर्ज पर भव्य महाआरती में हजारों श्रद्धालुओं ने भक्ति रसपान किया।
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इस दौरान पूज्य पाद महामंडलेश्वर प्रखर जी महाराज का कथा यजमान मांगीलाल महिपाल ने अभिनंदन किया। इस मौके पर अन्नत चैतन्य जी महाराज, हरिद्धार, दांडी स्वामी प्रबोधाश्रम जी महाराज, राम चैतन्य जी महाराज, एसडीएम सुनीता पचार आदि गणमान्य लोग ने श्रीमद भागवत कथा का रसपान किया।
महज 30 सैकेंड में अरणी मंथन से प्रज्जवल्लित हुई अग्नि
इससे पहले प्रात: अरणी मंथन से महज 30 सैकेंड में अग्नि प्रज्जवल्लित करके 100 कुंडीय महायज्ञ शुरू हुआ। इस आयोजन में देशभर से 450 से अधिक विद्धान ब्राह्मण महायज्ञ में शामिल हुए हैं। यज्ञ के मुख्य यजमान श्री श्याम शिक्षण संस्थान, भादरा के गौरीशंकर शर्मा व विजय शर्मा तथा कथा यजमान मांगीलाल महिपाल सहित 111 यजमानों ने पंडित ललित मिश्रा व पंडित विष्णु पंत के सानिध्य में पूजन किया।
अविरल जारी यज्ञशाला की परिक्रमा
महाशिवरात्रि महोत्सव के तहत चल रहे 100 कुंडीय यज्ञ में देश-विदेश के साथ-साथ ग्रामीण इलाके से श्रद्धा का सैलाब उमड़ रहा है। बड़ी संख्या में माताएं-पुरूष यज्ञ की परिक्रमा कर रहे हैं।
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