Navjot Sidhu Convicted in Road Rage Case : नवजोत सिद्धू को 34 साल पुराने रोडरेज मामले में 1 साल की सजा : सुप्रीम कोर्ट

Navjot Sidhu to One Year Imprisonment In 1988 Road Rage Case

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Navjot Sidhu to One Year Imprisonment In 1988 Road Rage Case

Navjot Sidhu Convicted in Road Rage Case :  नई दिल्ली। अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी कांग्रेस नेता (Navjot Singh Sidhu) नवजोत सिद्धू को 1998 के (Road Rage Case 1998) रोड़ रेज मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। आज हम आपको बता रहे है कि आखिर क्यों एक 34 साल पुराने मामले में नवजोत सिद्धू को सजा सुनाई गई है। आइये जाने ….

पंजाब कांग्रेस के नेता व कॉमेडियन नवजोत सिद्धू अक्सर किसी न किसी मामले में विवादों से घिरे रहते है। लेकिन इस बार वे 34 साल एक पुराने मामले में एक साल तक जेल में बिताएंगे।

Navjot Singh Sidhu 1998 Road Rage Case : ये है पूरा मामला

वर्ष 1998 की 27 दिसंबर को नवजोत सिद्धू और गुरनाम सिंह के बीच रोड़ रेज में मामूली बहस हो गई थी। इस दौरान नवजोत सिद्धू ने धक्का मारते हुए मुक्का मार दिया और गुरनाम सिंह की मौत हो गई।

इस पर पटियाला पुलिस ने नवजोत सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। इस पर निचली अदालत ने 1999 में नवजोत सिद्धू को इस मामले में बरी कर दिया। लेकिन (Punjab Haryana High Court) पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में नवजोत सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई।

इस सजा के बाद इन्हे अमृतसर के सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में नवजोत सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी।

Road Rage Case 1998 : मृतक के परिजनों का आरोप

रोड़ रेज मामले में गुरनाम सिंह के परिजनों का आरोप है कि गुरनाम सिंह के सिर पर बांई और मुक्का मारा गया। जिससे उन्हे ब्रेन हैमरेज हो गया और इसी से उनकी मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट में भी उनके वकील ने दलील दी थी कि गुरनाम सिंह की मौत नवजोत सिद्धू के द्वारा सिर पर चोट मारने से ही हुई है। इसलिए यह साफ तौर पर कत्ल का केस है। क्यों कि चोट गलती से नही पहुंचाई जा सकती।

तक हाईकोर्ट ने माना था कि गुरनाम सिंह की मौत कार्डियक फेल्योर हृद्वयघात से नही, बल्कि सिर पर चोट लगने की वजह से हुई है।

Road Rage Case : डाक्टरों ने भी दी थी रिपोर्ट

इस मामले में डाक्टरों के बोर्ड ने भी मौत का कारण सिर में चोट और कार्डियक कंडीशंस बताया। तभी कोर्ट ने नवजोत सिद्धू और उसके दोस्त रुपिंदर सिंह को दोशी करार दिया था। तब हाईकार्ट ने कहा था कि यह सोचा समझा कत्ल नही, बल्कि मौके पर आवेग का नतीजा था।

Road Rage Case : चैनल पर स्वीकारी थी मारने की बात

2010 में एक चैनल पर शो के दौरान नवजोत सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मारने की बात स्वीकार करने किया, तब सीडी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। जिस पर शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में ​नवजोत सिद्धू को एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया था। जिस पर परिजनों की और से पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। जिस पर आज नवजोत सिद्धू को एक साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।

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