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Holi Totke For Money, Know more for Tone Totke : होलिका दहन : 17 मार्च, गुरुवार को
होली : 18 मार्च, शुक्रवार को
Holi Festival : होली का पावन पर्व फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हर्ष, उमंग व उल्लास के साथ मनाने की परम्परा है।
प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि इस बार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च, गुरुवार को दिन में 1 बजकर 02 मिनट पर लगेगी, जो कि 18 मार्च, शुक्रवार को 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगी।
17 मार्च, गुरुवार को दिन में 1 बजकर 02 मिनट पर लगेगी जो कि इसी दिन अद्र्धरात्रि 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगी।
इस समय भद्रा होने से होलिकादहन नहीं किया जायेगा।
भद्रारहित पूर्णिमा तिथि रहने पर रात्रि में होलिका दहन करना शुभ माना गया है।
इस बार भद्रारहित पूर्णिमा तिथि 17 मार्च, गुरुवार को रात्रि 12 बजकर 57 मिनट के बाद मिलेगी।
जिसके फलस्वरूप होलिकादहन भद्रा के समाप्ति के पश्चात ही किया जाएगा।
संयोगवश 17 मार्च, गुरुवार को अद्र्धरात्रि के पश्चात 3 बजकर 26 मिनट से 18 मार्च, शुक्रवार को अद्र्धरात्रि के पश्चात 4 बजकर 27 मिनट तक शुभ योग रहेगा।
फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि का व्रत 17 मार्च, गुरुवार को, जबकि स्नान-दानादि की पूर्णिमा 18 मार्च, शुक्रवार को रहेगी।
18 मार्च, शुक्रवार को रंगोत्सव का रंगारंग पर्व विधि-विधानपूर्वक मनाया जाएगा।
इसी दिन एक-दूसरे को लोग अबीर-गुलाल भी लगाएंगे।
काशी में चौसट्ट घाट पर विराजमान भगवती चौसट्टी देवी का दर्शन करने की विशेष महिमा है।
Holi Puja Vidhi : होलिका पूजन का विधान
प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि पूर्व स्थापित की गई होलिका की विधि-विधानपूर्वक पूजन की जाती है। होलिका पूजन के पूर्व व पश्चात ताम्रपात्र से गंगाजल या शुद्ध जल अॢपत करने का विधान है। इस दिन भगवान नृसिंह की भी पूजा-अर्चना का विधान है।
होलिकापूजन के पूर्व में श्रीगणेश जी की पूजा पूर्व या उत्तराभिमुख होकर की जाती है। होलिका पूजन में रोली, अक्षत, पुष्प, साबूत हल्दी गांठ, नारियल, बतासा, कच्चा सूत, गोबर के उपले एवं पूजन की अन्य सामग्री रहती है। होलिका दहन के समय होलिका की परिक्रमा करने का विधान है।
होलिका के चारों ओर तीन या सात बार परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत को लपेटना चाहिए। होलिका की भस्म (भभूत) अत्यन्त ही चमत्कारिक मानी गई है।
ऐसी मान्यता है कि होलिकादहन के पश्चात् होलिका की भस्म मस्तक पर लगाने से आरोग्य लाभ के साथ सुख-समृद्धि व खुशहाली मिलती है। होलिका का भभूत सम्पूर्ण शरीर में लगाकर स्नान करने पर आरोग्य सुख मिलता है।
Holi Totke : होली पर किए जाने वाले टोटके
(1) आर्थिक लाभ (Tona Totka For Money)
भवन के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिडक़कर उस पर दो मुखी देशी घी के आटे का दीपक प्रज्वलित करें। दीपक ठंडा होने के पश्चात उसे जलती हुई होलिका पर रख दें।
(2) आरोग्य सुख (Tona Totka for Health)
होलिका की रात्रि 4 गोमती चक्र दायें हाथ में लेकर होलिका की 1 परिक्रमा करें इसके साथ ही 2 लौंग पान के 2 पत्ते और थोड़ी सी मिश्री होलिका में अर्पित करें तथा 4 गोमती चक्र लाकर बीमार व्यक्ति के पलंग या बिस्तर के चारों ओर रख दें।
(3) ग्रहदोष निवारण
होलिका दहन के समय 2 लौंग देशी घी से भिंगोकर पान का एक पत्ता साथ में 1 बताशा होलिका में अर्पित करें। धुरड्डी वाले दिन शरीर पर होलिका की भस्म लगा कर 1 घंटे बाद स्नान करें।
(4) नजर दोष निवारण
होलिका दहन के दिन 2 लौंग देशी घी से भिंगोकर साथ में 1 बताशा, 1 पान का पत्ता होलिका में अर्पित करें। अगले दिन होलिका की भस्म ताँबे के ताबीज में भकर काले धागे में धारण करें।


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(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी)
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