Raksha Bandhan 2021 : रक्षा बंधन का त्योहार रविवार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा। शोभन योग भी इस त्योहार को खास बना रहा है।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) पर इस बार 474 साल बाद महासंयोग भी बन रहा है। रक्षा बंधन का त्योहार राजयोग में आएगा।
रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) पर इस बार भद्रा का साया भी नहीं रहेगा। जिसके कारण बहनें पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेंगी। इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और इसके साथ चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेगा। गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है।
गजकेसरी योग से इंसान की महत्वाकांक्षाएं पूरी होती हैं। धन संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है। गज केसरी योग से राजसी सुख और समाज में मान–सम्मान की भी प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इसके अलावा रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान होंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि में मित्र मंगल भी उनके साथ रहेगा। जबकि शुक्र कन्या राशि में होगा। ग्रहों का ऐसा योग बेहद शुभ और फलदायी रहने वाला है रक्षा बंधन पर ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग 474 साल बाद बन रहा है।
इससे पहले 11 अगस्त 1547 को ग्रहों की ऐसी स्थिति बनी थी। जब धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) मनाया गया था और सूर्य, मंगल और बुध एकसाथ ऐसी स्थिति में आए थे। उस समय शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में विराजमान थे। जबकि इस वर्ष शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या में स्थित रहेंगे।
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर ऐसा संयोग भाई-बहन के लिए अत्यंत लाभकारी और कल्याणकारी रहेगा। जबकि खरीदारी के लिए राजयोग भी बेहद शुभ माना जाता है।
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शनिवार 21 अगस्त शाम 6:10 बजे से पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ हो जाएगा, जो 22 अगस्त को शाम 5:01 बजे तक रहेगी।
इस वर्ष रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर शोभन योग बन रहा है और इस वर्ष राखी बांधने के लिए 12 घंटे का मुहूर्त है। इस साल रक्षाबंधन के दिन विशेष संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन के दिन इस साल सावन पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है।
ज्योतिष शास्त्र में इन संयोग को उत्तम माना गया है। राखी पर बनने वाले ये तीन खास संयोग भाई-बहन के लिए लाभकारी साबित होंगे। 22 अगस्त को सुबह 10 : 34 मिनट तक शोभन योग रहेगा। यह योग शुभ फलदायी होता है। इसके साथ ही रक्षाबंधन के दिन रात 07:40 मिनट तक धनिष्ठा योग रहेगा।
पूरे दिन बहनें बांध सकेंगे राखी (Rakhi)
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि आम तौर पर राखी (Rakhi) के दिन बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए संक्षिप्त ही समय मिलता रहा है परंतु इस बार इस पर्व पर भद्रा का साया नहीं है जिसके कारण पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ है और इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इस बार राखी (Rakhi) बांधने के लिए 12 घंटे और 11 मिनट की अवधि का लंबा शुभ मुहूर्त है और राखी सुबह 5: 50 मिनट से लेकर शाम 6 :03 मिनट तक कभी भी बांधी जा सकेगी।
इस तिथि पर भद्रा काल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्रा काल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती, क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित है। इस साल भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त, 2021 सुबह 05:34 मिनट से 06:12 मिनट तक होगा। 22 अगस्त दिन रविवार को पूरे दिन बहनें भाइयों की कलाई में राखी बांध सकेंगी।
Raksha Bandhan 2021 : सवा चार घंटे तक शोभन योग
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि इस बार राखी के पर्व पर अशुभ माना जाने वाला भद्रा का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए सुबह से श्रेष्ठ मुहूर्त है। खासकर सवा चार घंटे तक विद्यमान रहने वाले शोभन योग के संयोग में राखी बांधना श्रेष्ठ होगा। शोभन योग सुबह 6.15 से 10.35 बजे तक पड़ रहा है। इसके पश्चात शाम 7.45 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा।
Raksha Bandhan : रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन : – रविवार 22 अगस्त 2021
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: – 21 अगस्त 2021 शाम 03:45 मिनट
पूर्णिमा तिथि समापन: – 22 अगस्त 2021 शाम 05:58 मिनट
शुभ मुहूर्त: – सुबह 05:50 मिनट से शाम 06:03 मिनट
रक्षा बंधन की समयावधि: – 12 घंटे 11 मिनट
रक्षा बंधन के लिए शुभ मुहूर्त: – दोपहर 01:44 से 04:23 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: – दोपहर 12:04 से 12:58 मिनट तक
अमृत काल: – सुबह 09:34 से 11:07 तक
ब्रह्म मुहूर्त: – 04:33 से 05:21 तक
भद्रा काल: – 23 अगस्त 2021 सुबह 05:34 से 06:12 तक
Raksha Bandhan : राखी बांधने का सही तरीका
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि राखी (Rakhi) बंधवाते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहनों को पूजा की थाली में चावल, रौली, राखी, दीपक आदि रखना चाहिए। इसके बाद बहन को भाई के अनामिका अंगुली से तिलक करना चाहिए।
तिलक के बाद भाई के माथे पर अक्षत लगाएं। अक्षत अखंड शुभता को दर्शाते हैं। उसके बाद भाई की आरती उतारनी चाहिए और उसके जीवन की मंगल कामना करनी चाहिए। कुछ जगहों पर भाई की सिक्के से नजर उतारने की भी परंपरा है।
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