Nag Panchami 2023 : नाग पंचमी : 21 अगस्त, सोमवार को
Kaal Sarp Dosh Ke Upay : काल सर्प दोष के निवारण का है विशेष दिन
– ज्योर्तिवद् विमल जैन
श्रावण मास का विशेष पर्व है (Nag Panchami) नागपंचमी, जो कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विधि-विधानपूर्वक मनाने की धाॢमक व पौराणिक परम्परा है। इस दिन भगवान् शिव के दरबार की पूजा-आराधना के साथ ही नागदेवता की भी पूजा-अर्चना श्रद्धा, आस्था और भक्तिभाव के साथ करने की धाॢमक मान्यता है। पंचमी तिथि के स्वामी नागदेवता माने गए हैं, नागलोक की देवी माँ मनसा देवी हैं, फलस्वरूप इस तिथि के दिन नागदेवता के पूजन के साथ माँ मनसा देवी की भी पूजा का विधान है।
Nag Panchami 2023 Puja Shubh Muhurt : नाग पंचमी का समय, शुभ योग
ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि इस वर्ष नागपंचमी का पावन पर्व सोमवार, 21 अगस्त को मनाया जायेगा।
श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रविवार, 20 अगस्त को अद्र्धरात्रि 12 बजकर 23 पर लगेगी जो कि सोमवार, 21 अगस्त को अद्र्धरात्रि के पश्चात 02 बजकर 01 मिनट तक रहेगी।
रविवार, 20 अगस्त को चित्रा नक्षत्र रात्रिशेष 4 बजकर 22 मिनट पर लगेगा जो कि सोमवार, 21 अगस्त को रात्रिशेष 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगी।
इस दिन शुभयोग का अनुपम संयोग भी बन रहा है।
शुभ योग रविवार, 20 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा जो कि सोमवार, 21 अगस्त को रात्रि 10 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
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नाग पंचमी पर गरुड़ पुराण के अनुसार पूजा
नाग पंचमी के दिन परिवार के सभी सदस्य नाग देवता की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों ओर नाग देवता का चित्र चिपका कर या लाल चन्दन, काले रंग अथवा गोबर से नाग देवता बनाकर विधि-विधानपूर्वक दूध, लावा अॢपत करके धूप-दीप से पूजन करते हैं, जिससे नाग देवता प्रसन्न होते हैं, परिवार सर्पदंश से भयमुक्त रहता है। नागलोक की देवी माँ मनसा देवी हैं।
आज के दिन इनकी भी पूजा विशेष फलदायी मानी गई है। नि:सन्तान को सन्तान की प्राप्ति बतलाई गई है, इससे वंशवृद्धि भी होती है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर खुशहाली व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
रुद्र व नागलोक के नाम पर काल सर्प योग के 12 नाम इस प्रकार से है
1. अनन्त,
2. पुलित,
3. वासुकि,
4. शंखपाल,
5. पद्म,
6. महापद्म,
7. तक्षक,
8. कर्कोटक,
9. शंखचूड़,
10. घातक,
11. विषधर और
12. शेषनाग।
इन द्वादश योग में कर्कोटक, शंखचूड़, घातक व विषधर योग विशेष प्रभावी माने जाते हैं।
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Kaal Sarp Yog : काल सर्प योग
काल सर्प योग पर प्रख्यात् ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि जन्मकुण्डली में सात ग्रह—सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, वृहस्पति, शुक्र व शनिग्रह जब राहु-केतु के मध्य स्थित हो जाते हैं, तो जन्मकुण्डली में पूर्ण कालसर्पयोग बनता है, जबकि ग्रहों के अंश के अनुसार यदि कोई एक ग्रह राहु-केतु की परिधि से बाहर हो तो आंशिक कालसर्पयोग बनता है। राहु का नक्षत्र भरणी है, इसका देवता काल माना गया है। जबकि केतु का नक्षत्र आश्लेषा है, इसका देवता सर्प माना गया है। कालसर्प दोष का निवारण नाग पंचमी के दिन विशेष फलदायी माना गया है।
ज्योर्तिवद् विमल जैन ने बताया कि श्रावण मास में नाग पंचमी के दिन कालसर्पयोग का निवारण विधि-विधानपूर्वक करके इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। काल सर्प योग जहाँ विभिन्न प्रकार के लाभ का अवसर प्रदान करता है, वहीं पर ग्रहदशा के अनुसार नाना प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है जबकि शुभ ग्रहों की महादशा में व्यक्ति बुलंदियों तक पहुँचता है। अशुभ ग्रहों की महादशा में अथक प्रयास के बावजूद उसके सपने चकनाचूर हो जाते हैं। जन्मकुण्डली के अनुसार कालसर्पयोग स्पष्ट होने पर उसकी शान्ति तत्काल योग्य विद्वान से करवानी चाहिए। जिस जातक की कुण्डली में कालसर्पयोग हो, उन्हें किसी भी दशा में नाग को मारना या प्रताडि़त नहीं करना चाहिए।
प्रख्यात् ज्योतिषविद् विमल जैन के मुताबिक काल सर्प योग का निवारण भगवान् शिव के प्रतिष्ठित मन्दिर में विधि-विधान के अनुसार योग्य विद्वान् से करवाना विशेष लाभदायी रहता है।
Kaal Sarp Dosh Ke Upay : काल सर्प योग के निवारण का सामान्य उपाय
-काल सर्प योग के निवारण का सामान्य उपाय है, चाँदी या तांबे के बने नाग-नागिन के जोड़े को शिवलिंग पर चढ़ाकर पूजा करने के उपरान्त नाग-नागिन के जोड़े को बहते हुए शुद्ध जल, नदी अथवा गंगाजी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
-नित्य प्रतिदिन श्री नाग स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
-नाग पंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए।
-इस दिन गरीबों व असहायों को यथाशक्ति भोजन अन्न द्रव्य आदि देना चाहिए, साथ ही काले कुत्ते को आटा व गुड़ मिश्रित रोटी खिलानी चाहिए।
-स्वर्ण, रजत या पंचधातु से निर्मित सर्पाकार अंगूठी दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर माता-पिता, गुरु एवं श्रेष्ठजनों का आशीर्वाद लेना चाहिए।
-नाग पंचमी के दिन सपेरों से नाग-नागिन के जोड़े को खरीदकर उन्हें आजाद करवाना चाहिए।
-काशी में जैतपुरा स्थित नागेश्वर महादेव का मन्दिर स्थापित है, जिसमें काल सर्प दोष के निवारण की पूजा भी होती है।
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