Guru Rashi Parivartan : शनि के साथ गुरु बना रहे हैं ‘नीचभंग राजयोग’ तीसरी लहर से नहीं होगा नुकसान प्राकृतिक आपदा दुर्घटनाएं अग्नि कांड की संभावना सेहत संबंधी हो सकती है परेशानियां सावधानी ही बचाव है ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों का बचाव है।
सभी ग्रहों में सबसे बड़े और सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले देवगुरु बृहस्पति 14 सितंबर 2021 को शनिदेव की राशि मकर राशि में गोचर करेंगे। जहां पर ये 20 नवंबर 2021 तक रहेंगे, फिर इसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु ग्रह अभी इस समय कुंभ राशि में वक्री चाल से चल रहे हैं।
Guru Rashi Parivartan : गुरु मंगलवार 14 सितंबर को मकर राशि में प्रवेश
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि गुरु मंगलवार 14 सितंबर, को सुबह 11:43 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। गुरु के 14 सितंबर को मकर राशि में परिवर्तन ( Guru Rashi Parivartan) करने पर शनि देव के साथ युति बनाएंगे।
ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को एक शुभ और ज्ञानी ग्रह के रूप में माना जाता है। गुरु कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के माने जाते हैं।
गुरु भाग्य, विवाह और प्रसिद्धि के कारक ग्रह हैं। 14 सितंबर को गुरु का गोचर करने से शनि के साथ युति बनेगा इस कारण से गुरु का गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है।
गुरु के मकर राशि में राशि परिवर्तन ( Guru Rashi Parivartan) करने से इसका सभी 12 राशियों पर अच्छा और बुरा दोनों तरह का प्रभाव देखने को मिल सकता है।
इसके साथ ही शनि 23 मई को वक्री हुए थे और 11 अक्टूबर को मार्गी होंगे।
गुरु वक्री अवस्था में 14 सितंबर को अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश करेंगे।
जहां पहले से विद्यमान शनि के साथ उनकी युति होगी। गुरु और शनि की युति के समय दोनों ग्रह वक्री चाल चल रहे होंगे।
Guru Rashi Parivartan : मकर राशि में गुरु बनाएंगे नीच राजयोग भंग
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मकर राशि का स्वामी शनि को माना गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मकर राशि में गुरु, शनि देव के साथ युति बनाकर गोचर करते हैं, तो इस स्थिति में नीच राजयोग भंग की स्थिति बनती है। इस स्थिति में गुरु शुभ फल ही प्रदान करते हैं, लेकिन शनि के साथ आने के कारण इनके फलों में बदलाव आता है।
शनि न्याय के देवता है और गुरु ज्ञान के कारक हैं। इसलिए इस दौरान गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए। गलत कार्य करने पर अशुभ फल प्राप्त होंते हैं इसलिए अच्छे और श्रेष्ठ कार्य करने चाहिए।
Guru Rashi Parivartan : तीसरी लहर से नहीं होगा नुकसान
तीसरी लहर से नहीं होगा नुकसान वर्तमान समय में मकर राशि में शनि गोचर कर रहे हैं। अब शनि की स्वराशि मकर में देवगुरु बृहस्पति भी प्रवेश करेंगे। शनि और गुरु दोनों वक्री अवस्था में हैं। मकर राशि में शनि के साथ गुरु नीच राजयोग भंग बना रहे हैं।
विश्व के कई देशों में कोरोना (CoronaVirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत के कई राज्यों में फिर से नए वैरिएंट की आहट हो रही है।
ज्योतिषीय गणना के आधार पर सटीक भविष्यवाणी करने वाले पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुंडली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने एक बार फिर संक्रमण को लेकर संभावना जताई है।
संक्रमण के तीसरे चरण की शुरुआत बहुत धीमी गति से होगी, लेकिन आगे चल कर ग्रहों की अनुकूल स्थिति में इसकी रफ्तार तेज होगी। गुरु वक्री अवस्था में 14 सितंबर को अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश करेंगे।
जहां पहले से विद्यमान शनि के साथ उनकी युति होगी। गुरु और शनि की युति के समय दोनों ग्रह वक्री चाल चल रहे होंगे। 18 अक्टूबर तक देव गुरु वृहस्पति वक्री अवस्था में ही अपनी नीच राशि मकर में शनि की युति में रहेंगे। संक्रमण के लिए यह समय अत्यंत ही संवेदनशील होगा।
इसके बाद 18 अक्टूबर से देव गुरु वृहस्पति मार्गी हो जाएंगे लेकिन 21 नवंबर 2021 तक अपनी नीच राशि मकर में रहेंगे। इस तरह 14 सितंबर से लेकर 21 नवंबर तक का समय अंतराल संक्रमण की दृष्टि से अत्यंत ही संवेदनशील होगा।
Guru Rashi Parivartan : असर
विख्यात भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि बृहस्पति के राशि बदलने के कारण राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना। इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है।
विश्व में बहुत कुछ होगा और देखने को मिलेगा। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को नेताओं के बगावती तेवरों का सामना करना पड़ेगा। सेहत संबंधी परेशानियां भी हो सकती है।
प्राकृतिक आपदा के साथ दुर्घटनाएं अग्नि कांड और बीमारी की संभावना। सावधानी ही बचाव है। इस कारण कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। जॉब-बिजनेस (Job) और अन्य कई मामलों में निष्पक्ष फैसले भी होने के योग बन रहे हैं। आर्थिक स्थितियों में भी अनचाहे बदलाव हो सकते हैं। वित्तीय व्यवस्था भी डगमगा सकती है।
Guru Rashi Parivartan : गुरू के उपाय
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें।
देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं।
जिन जातकों को रोग, शत्रु, आदि से परेशानी के साथ-साथ अपने कामकाज में अचानक से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो, वे नियमित रुप से राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। देवगुरु बृहस्पति का यह उपाय परम कल्याणकारी सिद्ध होगा।
प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें। हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है। श्री राम भक्त संकट मोचन हनुमान जी आप सबकी रक्षा करें।
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास बता रहे है गुरु के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
Horoscope : राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
मेष राशि
गुरु का गोचर दशवें भाव में हो रहा है। आपको नाम और प्रसिद्धि दिलाएंगे। बिजनेस करने वाले लोगों के लिए यह किसी सपने से कम नहीं है।इस गोचर से नौकरीपेशा लोगों को वेतन में बढ़ोत्तरी और पदोन्नति के संकेत हैं। बीमारियों से बचकर रहना होगा।
वृषभ राशि
गुरु का गोचर नौवें भाव में हो रहा है। भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा । नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे जिसका इंतजार आपको कई महीनों से था। आपको आय के नए स्त्रोत प्राप्त होंगे। प्रेम जीवन जीने वालों के लिए यह समय बहुत अच्छा रहेगा। धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
मिथुन राशि
गुरु का गोचर आठवें भाव में हो रहा है। व्यवसाय और पेशेवर जातकों को अच्छे सौदे व प्रपोजल प्राप्त होंगे। नौकरी में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए यह समय आनंद में बीतेगा। अचानक और गैर जरूरी यात्रा से आपको बचना होगा।
कर्क राशि
गुरु का गोचर सातवें भाव में होने जा रहा है। नौकरी के बेहतर अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। इसके साथ वेतन में बढ़ोत्तरी की भी संभावना है। कारोबारियों के लिए बहुत शुभ और लाभकारी है। व्यापारिक साझेदारी में चल रहे विवाद खत्म होंगे। नया बिजनेस करने वालों के लिए यह समय बहुत ही अच्छा है।
सिंह राशि
गुरु का गोचर शत्रु भाव यानी छठे भाव में होने जा रहा है।इस गोचर से नौकरी करने वाले जातकों को मिलाजुले परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में तनाव और करियर के क्षेत्र में परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है। वाद-विवाद से आपको दूर रहना होगा। जीवनसाथी के साथ आपके टकराव हो सकते हैं।
कन्या राशि
गुरु का गोचर पांचवें भाव में होने जा रहा है। कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी। बिजनेस में मुनाफा होने के योग है। निवेश के लिए यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा।
तुला राशि
गुरु का गोचर चौथे भाव में हो रहा है। करियर में आपको कई तरह के अच्छे मौके प्राप्त होंगे। कारोबारियों को अपने कारोबार में कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। पैतृक संपत्ति से आपको कोई बड़ा फायदा मिल सकता है।
वृश्चिक राशि
गुरु का गोचर तीसरे भाव में हो रहा है। कार्यक्षेत्र में आपकी जिम्मेदारियां बढ़ने वाली है। नौकरी पाने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। जीवनसाथी से मधुर संबंध बनेंगे।
धनु राशि
गुरु का गोचर दूसरे भाव में होने जा रहा है। धन लाभ मिलने के पूरे आसार हैं। बैंक बैलेंस बढ़ने के संकेत हैं। पारिवारिक जीवन में कुछ कठिनाइओं का सामना करना पड़ सकता है। पेशेवर जीवन में वृद्धि की संभावना है।
मकर राशि
गुरु का गोचर पहले भाव यानी पहले घर में हो रहा है। भौतिक सुखों में कमी आने के संकेत है। किसी भी काम करने में अति आत्मविश्वास से बचें। निवेश करने के लिए अच्छा समय है।
कुंभ राशि
गुरु का गोचर द्वादश भाव में होने जा रहा है। खर्चे बढ़ने की संभावना है। व्यावसायिक रूप से यह गोचर आपके लिए बहुत फलदायी नहीं कहा जा सकता है। आय के विभिन्न स्रोतों में इजाफा हो सकता है।
मीन राशि
गुरु का गोचर एकादश भाव में हो रहा है। अचानक कहीं से धनलाभ होने के संकेत हैं। यह समय आपके लिए श्रेष्ठ फलदाई रहेगा । शादी विवाह से संबंधित वार्ता सफल रहेगी।
(विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुण्डली विश्ल़ेषक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर (राजस्थान) Ph.- 9460872809)
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