जयपुर/राजसमन्द। सांसद दीयाकुमारी ने प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध बढते अपराधों की रोकथाम और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
मुलाकात के दौरान सांसद और प्रदेश महामंत्री दीयाकुमारी ने कहा की विगत कुछ महिनों से राज्य में महिलाओं और नाबालिग बेटियों के विरूद्ध दुष्कर्म, हत्या और अपहरण जैसे अपराधों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। मानों अपराधियों में सरकार, कानून और पुलिस का भय ही समाप्त हो गया है। अपराधी जघन्य अपराधों को अंजाम देते जा रहे हैं और उनमें कानून व्यवस्था का कोई डर नहीं है। हाल ही में दुष्कर्म की ऐसी ही घटनाएं जयपुर, धौलपुर, बारा, सिरोही, बांसवाड़ा, चुरू, सवाईमाधोपुर, अलवर, झुन्झुनू . सीकर, हनुमानगढ़ में हुई है जो कि चिन्ता और चिंतन का विषय है।
तथ्यों सहित अपनी बात रखते हुए सांसद ने कहा कि नेशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरों की रिपोर्ट के ताजा आंकड़ों के अनुसार 12 वर्ष से अधिक व 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के प्रति दुष्कर्म सम्बन्धित मामलों में देश में राजस्थान का प्रथम तथा राजधानी का महिलाओं के प्रति अपराधों में चौथा स्थान होना बेहद चिन्ताजनक है। प्रदेश में दिसम्बर 2018 से अगस्त 2020 तक भारतीय दण्ड संहिता के तहत कुल 4 लाख 35 हजार के लगभग मामले दर्ज हुए। इसी अवधि में दलितों के विरूद्ध 11 हजार 200 मामले हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार, बच्चियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ यौन शोषण आदि के मामले दर्ज हुए। 2019 के नवीन आंकड़ो के अनुसार स्पेशल कानून में 3 लाख 5 हजार मामले दर्ज हुए तथा देश में राजस्थान का तीसरा स्थान होना राज्य की जर्जर कानून व्यवस्था को दर्शाता है।
देश के 7 प्रतिशत अपराध अकेले राजस्थान में हो रहे हैं। बालिकाओं एंव महिलाओं के प्रति अपराधों में राजस्थान का देश में दूसरे स्थान पर होना हम सभी के लिए शर्मनाक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। हालात यह है कि पीड़ित का पक्ष सुनने वाला कोई नहीं है। पीड़ित वर्ग पुलिस व थानों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है, महिलाएं, बालिकाएं और उनके परिजन सहमें हुए है क्योंकि उनके मामलों को दबाने का प्रयास किया जाता है। यहां तक कि महिला आयोग , अनुसूचित जाति आयोग जैसी संस्थाओं में जिनके पास शक्तियां है वहां भी अध्यक्ष, सदस्यों आदि के पद रिक्त है।
मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि सांसद दीयाकुमारी ने महामहिम राज्यपाल से राज्य सरकार पर नकेल कसने का अनुरोध करते हुए कहा कि महिलाओं और बालिकाओं के विरूद्ध हो रहे इन अत्याचारों पर अंकुश लगाने तथा उनकी सुरक्षा के लिए कठोर कार्यवाही किये जाने हेतु राज्य सरकार को उचित निर्देश देने चाहिए।