कोटा। आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi)द्वारा आयोजित की जा रही देश की सबसे प्रतिष्ठित (JEE-Advanced-2020)इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-एडवांस्ड जो कि इस वर्ष 27 सितम्बर को देश के 212 शहरों के परीक्षा केन्द्रों पर सुबह 9 से 12 एवं दोपहर 2.30 से 5.30 बजे तक होगी। जेईई-एडवांस्ड का परिणाम एवं कटऑफ 5 अक्टूबर को सुबह 10 बजे जारी किया जाएगा। जिसमें काउंसलिंग के लिए क्वालीफाइड विद्यार्थी 23 आईआईटी की 12463 (गत वर्ष के अनुसार) सीटों पर प्रवेश ले सकेंगे। जेईई-एडवांस्ड इनफोर्मेशन बुलेटिन के अनुसार मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को विषयवार एवं औसतन दोनों कटऑफ को क्वालीफाई करना होगा, जिसके अनुसार सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों को विषयवार 10 प्रतिशत औसतन 35 प्रतिशत साथ ही ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस श्रेणी के विद्यार्थियों को विषयवार 9 प्रतिशत एवं 31.5 प्रतिशत अंक लाने होंगे। इसी प्रकार एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को विषयवार 5 प्रतिशत एवं औसतन 17.5 प्रतिशत अंक लाने होंगे। यह कट ऑफ पेपर-1 एवं पेपर-2 के प्राप्तांकों को मिलाकर विषयवार एवं औसतन जारी की जाती है।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट (ALLEN Career Institute) के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा के अनुसार गत वर्षों में भी पूर्व में जारी कटआफ को कम करते हुए सामान्य श्रेणी की औसतन कटऑफ 25 प्रतिशत, ओबीसी व ईडब्ल्यूएस के लिए 22.5 प्रतिशत एवं एससी-एसटी के लिए 12.5 प्रतिशत कर दी गई थी, साथ ही विषयवार सामान्य की 10 प्रतिशत, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस की 9 प्रतिशत, एससी-एसटी की 5 प्रतिशत कर दी गई। गत वर्ष आईआईटी की कुल 12463 सीटों के लिए 38705 विद्यार्थी एवं इससे पूर्व 2018 में आईआईटी की कुल 11279 सीटों के लिए 31988 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई किया गया था। इस वर्ष आईआईटी ने बालिकाओं के लिए फीमेल पूल कोटा 17 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने एवं ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन को 4 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने से आईआईटी में सीटें बढ़ने की संभावना है, जिसे देखते हुए आईआईटी में सीटें बढ़ने पर गत वर्षों के मुकाबले इस वर्ष ज्यादा विद्यार्थियों को काउंसलिंग कॉल आ सकते हैं।
अतः यह माना जा सकता है कि इनफोर्मेशन बुलेटिन में जारी की गई कटऑफ कम होने की संभावना है, क्योंकि आमतौर पर आईआईटी में सीटों के अनुरूप ही विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाते हुए काउंसलिंग के लिए सूची जारी की जाती है। गत कुछ वर्षों में कुल सीटों के करीब तीन गुना विद्यार्थियों को काउंसलिंग में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। इसका प्रमुख कारण जेईई-एडवांस्ड के आधार पर आईआईटी के अतिरिक्त कई प्रमुख संस्थानों में प्रवेश मिलना माना जा सकता है।