लौंगेवाला/जैसलमेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi will celebrate Diwali with jawans)ने कहा कि ”अगर भारत को आजमाने की कोशिश की तो प्रचंड जवाब मिलेगा।” पीएम मोदी (PM Modi)जैसलमेर(Indo Pak bOrder) में लोंगेवाला पोस्ट (longewala jaisalmer)पर जवानों को संबोधित कर रहे थे। पीएम उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के बाद इस बार की दिवाली पर राजस्थान के जवानों के बीच पहुंचे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमारा लक्ष्य सरहद पर शांति। रणनीति साफ है- आज का भारत समझने और समझाने की रणनीति पर भरोसा करता है। लेकिन, अगर हमें आजमाने की कोशिश की तो जवाब भी उतना ही प्रचंड मिलेगा। देश की अखंडता देशवासियों की एकता पर निर्भर करती है। सेना का हौसला और आत्मबल ऊंचा रहे इसलिए यही हमारी प्राथमिकता है। हमने सैनिकों के परिवारों और बच्चों की शिक्षा पर अहम फैसले किए। दूसरे कार्यकाल में पहला फैसला मैंने यही लिया था। राष्ट्रीय शौर्य स्मारक देश को प्रेरणा देता है।
भारतवासियों की शुभकामनाअेां को लेकर आया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ”मैं आपके लिए हर भारतवासी की शुभकामनाएं और प्यार लेकर आया हूं। हर वरिष्ठजन का आशीष लेकर आया हूं। आप सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। 2014 में पीएम बनने के बाद पहली बार सियाचिन चला गया था। दीपावली मनाने के लिए तो कई लोगों को आश्चर्य हुआ था। लेकिन, आप जानते हैं अगर दीपावली पर अपनों के बीच नहीं जाऊंगा तो कहां जाऊंगा। इसलिए आज भी अपनों के बीच आया हूं। आप बर्फीले पहाडि़यों में रहें या रेगिस्तान में। आपके चेहरों की रौनक देखकर मेरी दीपावली शुभ हो जाती है।”
रेगिस्तान हो, पहाडि़यां हों या जल की गहराई, आपकी वीरता हर चुनौती पर भारी पड़ी है। आज रेगिस्तान में डटे हैं, तो आपको हिमालय की ऊंचाई का भी अनुभव है। आपका पराक्रम और शौर्य अतुलनीय है। दुश्मन भी जानता है कि भारत के जवानों की कोई बराबरी नहीं। आज 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्हें अपने सैनिकों के शौर्य और अजेयता पर गर्व है। दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की रक्षा से न रोक सकती है और न टोक सकती है।
उन्होने कहा कि पूरी दुनिया का इतिहास बताता है कि वो देश ही जीवित रहे और बचे, जिनके भीतर आक्रांताओं से मुकाबला करने की शक्ति थी। दुनिया के समीकरण कितने भी बदल गए हों, सजगता ही सुख चौन का संबल है। सक्षमता से ही सुरक्षा का पुरस्कार है। भारत के पास आप जैसे वीर बेटे और बेटियां हैं। जब भी जरूरत पड़ी भारत ने दुनिया को दिखाया कि उसके पास ताकत भी है और राजनीतिक इच्छाशक्ति भी।
मोदी ने कहा कि आज भारत आतंकियों और आतंकी आकाओं को घर में घुसकर मारता है। दुनिया ये समझ रही है कि ये देश अपने हितों से रत्तीभर भी समझौता करने वाला नहीं है। ये आपकी शक्ति और पराक्रम की वजह से संभव है। आज दुनिया के मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है। विश्व आज विस्तारवादी शक्तियों से परेशान है।
उन्होने कहा कि भारत इस 18वीं सदी की बुराई के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। हम सैन्य आधुनिकीकरण कर रहे हैं। हम भारत में ही हथियार बनाएंगे। इसमें बहुत दम और साहस लगता है। मैं अपनी सेनाओं को इस फैसले के लिए बधाई दे रहा हूं। देश में मैसेज गया कि लोकल के लिए वोकल होना है।
मन की गहराई की आवाज लोंगेवाला पोस्ट
पीएम ने कहा कि देश में किसी एक पोस्ट का नाम आने वाली पीढि़यों को याद होगा तो वह लोंगेवाला पोस्ट है। यंहा की 50 डिग्री की गर्मी और शून्य डिग्री की सर्दी का तापमान जिसमें साथी एक-दूसरे का चेहरा तक नहीं देख पाते। इसीलिए लोंगेवाला का नाम लेते ही मन की गहराई से आवाज आती है- जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल।
उन्होने कहा कि जब भी सैन्य इतिहास लिखा जाएगा तो बैटल ऑफ लोंगेवाला का नाम जरूर लिखा जाएगा। जब पाकिस्तान की सेना बांग्लादेशी (तब पूर्वी पाकिस्तान) लोगों को खत्म कर रही थी। वहां से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान ने हमारी पश्चिमी सीमा पर मोर्चा खोल दिया, लेकिन उनको लेने के देने पड़ गए। यहां के पराक्रम की गूंज ने पाकिस्तान के हौसले तोड़ दिए। उनको क्या पता था कि उनका सामना मां भारती के बेटों से होने वाला है। मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने दुश्मनों को धूल चटा दी।
जब कुलदीप पराक्रम से राष्ट्रदीप बन गए
कभी कभी मुझे लगता है कि कुलदीप के माता-पिता ने उनका नाम कुल का दीपक समझकर रखा था, लेकिन वो अपने पराक्रम से राष्ट्रदीप बन गए। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पराक्रम को सलाम किया।
लोंगेवाला का युद्ध हमारे शौर्य का प्रतीक तो है ही, यह वायु, थल और नौसेना के बेहतरीन समन्वय का भी प्रतीक है। इसने दुनिया के सामने मिसाल पेश की। लोंगेवाला की लड़ाई के 50 वर्ष होने जा रहे हैं। इस इतिहास को हम मनाने जा रहे हैं और आने वाली पीढि़यां इससे प्रेरणा लेंगी।
जवानों से तीन आग्रह
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज के दिन मैं आपसे तीन आग्रह करना चाहता हूं। पहला कुछ न कुछ नवीन (इनोवेट) करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए। दूसरा योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए। तीसरा अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए। आप देखिएगा, ये बातें आपमें एक नयी ऊर्जा का संचार करेंगी।”
ट्वीट कर दिया संदेश
पीएम मोदी ने ट्वीट कर संदेश दिया कि ”हमें अपने उन जांबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों पर भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि भले ही आप सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ है, आपके लिए कामना कर रहा है। मैं उन परिवारों को भी नमन करता हूं, जिनके बेटे-बेटियां आज सरहद पर हैं। हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी न किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है, मैं हृदय से उनका आभार प्रकट करता हूं।”
हर बार ऐसे मनाया दिवाली का पर्व
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले सियाचिन में जवानों के बीच दिवाली मनाई थी।
2015ः प्रधानमंत्री ने अमृतसर (पंजाब) बॉर्डर पर जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।
2016ः मोदी ने हिमाचल प्रदेश से लगे चीन बॉर्डर के पास इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (प्ज्ठच्) के जवानों के साथ दिवाली मनाई।
2017ः इस साल मोदी ने दिवाली का जश्न जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाया।
2018ः प्रधानमंत्री दिवाली के मौके पर उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। यहां उन्होंने चीन बॉर्डर के पास हरसिल गांव के केंट इलाके में भारतीय सशस्त्र बल और प्ज्ठच् के जवानों से मुलाकात की थी। यहां कहा था- बर्फीले इलाके में आपका ड्यूटी के लिए समर्पण देश को मजबूती प्रदान करता है। आपके चलते ही सवा सौ करोड़ लोगों के सपने सुरक्षित हैं।
2019ः मोदी जम्मू-कश्मीर के राजौरी में नियंत्रण रेखा (स्वब्) पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए राजौरी पहुंचे थे। कहा था- युद्ध हो या घुसपैठ हो, इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह जगह हमेशा उन परेशानियों से निकल आती है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसने कभी हार नहीं देखी।