जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार धु्वीकरण की राजनीति कर रही है और भाजपा (BJP) व संघ (RSS) को बदनाम करने का षड़यंत्र कर रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अरूण चतुर्वेदी व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ बुधवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय (BJP Rajasthan) पर आयेाजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की फितरत में है कि । सरकारी एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को व जिन संगठनों से उन्हें सामाजिक और राजनीति भय है, उन पर निशाना साधने रहे हैं।
राठौड़ ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सिर्फ एक ही एजेंण्डा हे भाजपा को बदनाम करना। अगर पूरे कार्यकाल के बारे में यह कहूँ कि ”अंधेर नगरी चौपट राजा“ तो अतिशोक्ति नही होगी।
सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए व मुद्द्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकारी एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर रही है। यह पहली बार नहीं राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुरू से ही सत्ता का दुरूपयोग कर रहे हैं। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार जो अपनी उम्र का आधे से ज्यादा सफर पूरा चुकी हैं।
यह भी पढ़ें : तिलक लगाने से मिलती है सफलता, राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभाव को करता है कम
हाल ही में Fir 229/2021 जो ACB ने दर्ज की है उसकी बुनियाद में भी राजनीतिक प्रतिशोध के बेजा इस्तेमाल कर एक राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जो लगभग एक शताब्दी से राष्ट्र निर्माण व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में लगा है तथा वह संगठन जिसका इतिहास देश में आई किसी भी विपदा के समय में देशवासियों की सेवा और सहायता का है, उस राष्ट्रवादी संगठन को बदनाम करने का षड्यंत्र है।
हाल ही में वैश्विक महामारी कोरोना की विपदा में पूरे देश ने देखा कि अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए लाखों स्वयंसेवक देशवासियों की मदद में जुटे थे। ऐसे राष्ट्रवादी संगठन पर झूठे व तथ्यहीन आरोप लगाकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने दिल्ली में बैठे आकाओं को खुश करने व नबंर बढ़ाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।
इतिहास पर गौर किया जाए तो कांग्रेस की राजनीतिक संस्कृति, जैसे सेवाभावी संगठन पर तरह-तरह के आरोप लगकार उसे बदनाम करने की रही है। लेकिन हर बार कांग्रेस पार्टी व उसके नेताओं को मुंह की खानी पड़ी है और इस बार भी RSS को बदनाम करने की उनकी साजिश सफल नहीं होगी और जनता इसका करारा जवाब देगी।
यह पहला मामला होगा जिसमें सीआरपीसी की धारा 41 (।) के अन्तर्गत आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के लिए निर्धारित तीन कम्पोनेंट में से एक भी कम्पोनेंट नहीं है।
ना तो किसी व्यक्ति के विरुद्ध रीजनेबल (उपयुक्त) परिवाद किसी पीड़ित व्यक्ति ने प्रस्तुत किया है
ना ही किसी व्यक्ति ने विश्वसनीय सूचना दी है
तथा ना ही युक्तियुक्ति संदेह का कोई अस्तित्व है
ऐसे में कानून को धता बताकर FIR दर्ज कर निशाना बनाने जैसा अनैतिक कार्य का षड्यंत्र का तानाबाना बुना गया है जिसका हम पुरजोर विरोध करेंगे।
आश्चर्य है कि BVG कंपनी के प्रोजेक्ट हेड ओमकार स्प्रे ने तथाकथित कूटरचित वीडियो जारी होने के तुरंत बाद ही 10 जून 2021 को सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उसकी संस्था का किसी व्यक्ति या अन्य संस्था के साथ लेनदेन की कोई बात नहीं हुई तथा ना कोई लेनदेन हुआ उसके पश्चात् भी मुकदमा दायर किया जाना कानूनी प्रावधानों के बिल्कुल विपरीत है।
यह पहला अवसर है जब अप्रमाणिक व स्त्रोत मालूम नहीं होने के पश्चात् भी कूटरचित वीडियो को राजस्थान ACB में भेजने पर उनकी रिपोर्ट में डिस्कंटीन्यू व अनकनक्लूसिव यानी तोड़ने-मरोड़ने की स्पष्ट रिपोर्ट आने के पश्चात् प्रारंभिक जांच को थ्प्त् में बदलने के लिए इस वीडियो को जांच के लिए तेलंगाना Lab में टेस्टिंग के लिए भेजा गया जबकि प्रेक्टिस यह है कि स्टेट Labकी रिपोर्ट पर दूसरी ऑपिनियन देने के लिए सेंट्रल Lab में भेजी जानी चाहिए थी लेकिन सरकार ने षडयंत्र के तहत अधिकारी विशेष को तेलंगाना भेजकर स्वेच्छानुसार रिपोर्ट दर्ज करवाना सरकार की बदनीयती को प्रदर्शित करता है।
उसके पश्चात भी एसीबी द्वारा मुख्यमंत्री के इशारे पर मुकदमा दर्ज कर राजनैतिक तुल बनाना राजस्थान की पुनीत संस्कृति में एक काला अध्याय जोड़ने का कार्य किया है।
यह कानून व्यवस्था के साथ घिनौना मजाक है। जिसमें एफआईआर नंबर 229/21 दर्ज हुई है। जिसमें ना कोई परिवादी है और न कोई शिकायतकर्ता है और ना ही कोई यह कह रहा है ना कोई अनुचित लाभ देने वाला है और ना ही अनुचित लाभ लेने वाला है ना कोई गवाह है।
राजनैतिक स्वार्थ के लिए सरकार ने मुकदमा दर्ज किया है।
यह पहला मामला नहीं जब से गहलोत सत्ता में आए हैं एसीबी का बेजा इस्तेमाल करते रहे हैंः-
यह भी पढ़ें : अमृतसर – जामनगर एक्सप्रेस वे पर्यटन और औधोगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण
1. एकल पट्टा प्रकरण में एफआईआर नंबर 422/2014 एबीसी ने दर्ज की और इसमें मुख्य आरोपी जीएस संधू जो लगभग तीन माह जेल में रहे को हाल में मुख्य सचिव स्तर की सुविधाएं देकर स्थानिय निकाय विभाग सलाहकार नियुक्त किया गया तथा सक्षम न्यायालय में जीएस संधू निष्काम दिखाकर ओमककार सैनी के विरूद्ध मुकदमा वापस से के लिए हाल ही में आवेदन प्रस्तुत कर दिया है।
2. इसी प्रकार गरीबों के हिस्से का अनाज में घोटाला करने वाली निर्मला मीणा जिन पर सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय में राजिस्टार के पद पर रहते हुए 2 करोड़ रुपए के आरोप में एफआईआर तत्कालीन डीएसपी भूपेंद्र यादव ने दर्ज करवाई थी के जमानपपर रिहा होने के पश्चात पुनः बहाल कर वर्तमान में निदेशक, इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान समान में पदस्थापित किया गया
3. गहलोत सरकार के पूर्ववर्ती कार्यकाल में जोधपुर जिले में 115 अस्सिटेंट प्रोफेसर की तथाकथित फर्जी भर्ती हुई थी। जिसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ तथा तत्कालीन राज्यपाल ने भर्ती दिनांक के पूर्व कुलपति दशोरा की कमेटी बनाई जिन्होंने 34 अभ्यर्थियों का योग्यता नहीं होने के पश्चात भी अनियमित भर्ती किए जाने की जांच प्रस्तुत की।
4. आडियो वीडियो को जांच के लिए तेलगांना एफएसएल में टेस्टिंग के लिए भेजा गया। जबकि प्रेक्टिस यह है कि स्टेट एफएसएल की रिपोर्ट पर दूसरी ओपिनियन लेने के लिए केंद्र की एफएसएल में भेजी जानी चाहिए थी। षड़यंत्र के तहत अधिकारी विशेष को तेलगांना भेजकर फर्जी, मनगढ़ंत असत्य रिपोर्ट को अपने अनुसार आधार बनाकर प्रस्तुत किया गया है।
5. सरकार द्वारा सरकार के अंर्तद्वंद के समय में मुख्यमंत्री के ओएसडी द्वारा कूटरचित आडियो वीडियो के आधार पर सरकार मुख्य सचेतक महोदय ने एफआईआर नंबर 47/20 दिनांक 10.7.20 दर्ज करवाई थी। जिसके अंतर्गत 13/7/20 को राज्य के उपमुख्यमंत्री सहित 16 विधायकों को नोटिस भी जारी किया गया था। आडियो वीडियो के साक्ष्य पर दप्फ्तर दाखिल किया गया था।
6. एफआईआर नंबर 48/20 दिनांक 17.7.20 को सत्तारूढ विधायक भंवर लाल शर्मा एफआईआर नंबर
49/20 दिनांक 17/7/20 को तत्समय मंत्री विश्वेंद्र सिंह
एफआईआर नंबर 129/20 इन सभी में आडियो वीडियो को पर्याप्त साक्ष्य मानकर न्यायालय में एफआईआर प्रस्तुत करने वाली सरकार अब नए आवरण को ओढ़कर 229/21 दर्ज कराना हास्यापद है।
7. यह पहला प्रकरण होगा जब सरकार अपने षड़यंत्र को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बीवीजी कम्पनी के जिन अधिकारी ओमकार सप्रे को गिरफ्तार किया है। उसमें इस वीडियो के सार्वजनिक होने के साथ ही आधिकारिक बयान जारी कर कह दिया था कि उसका या उसयकी कम्पनी का इस प्रकरण कूटरचित वीडियो व तथा कथित प्रकरण से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है।
जयपुर की पूर्व मेयर (Ex.Mayor Jaipur) व लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खण्डेलवाल का एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपनेशन में पैसे के लेनदेन का मामला सामने आया था। लेकिन आज-तक इस मामले पर मुख्यमंत्री गहलोत की सरकार ने न तो कोई संज्ञान लिया न कोई एफ.आई.आर हुई और न कोई कार्यवाही हुई। मुख्यमंत्री गहलोत का सिर्फ एक ही एजेंण्डा हे भाजपा को बदनाम करना।
प्रेस वार्ता में प्रदेश मंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, प्रदेश मीडिया प्रभारी विमल कटियार व पूर्व प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज इत्यादि मौजूद रहे।