जयपुर। प्रदेश में कांग्रेस की अशोक गहलोत (Congress Government Ashok Gehlot) के नेतृत्व में सरकार बनी तब से दलित समाज पर अत्याचार चरम-सीमा पर है, कभी पुलिस द्वारा दलित समाज के साथ मारपीट की घटना आम हो गई है।
ऐसे ही बाडमेर जिले (Barmer District) के गांव हमीरपुरा के जितेन्द्र खटीक को शक के आधार पर थाने ले जाकर पुलिस द्वारा निर्मम पिटाई के कारण मृत्यु हो जाने की घटना बहुत दुखदायी व दिल दहलाने वाली है। 27 वर्षीय जितेन्द्र खटीक बीपीएल गरीब (BPL Family) परिवार से है। कांग्रेस सरकार में गरीब व दलित परिवारों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं, पुलिस द्वारा इस प्रकार का राक्षसी कृत्य करना आम जन में भय व्याप्त करता है। इस बेहद गरीब युवा व्यक्ति के छोटे-छोटे बच्चों को कौन पालेगा, सरकार को उचित मुआवजा देकर दोषी अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर कडी कार्यवाही करनी चाहिए।
ऐसा लगता है राजस्थान प्रदेश में भू-माफिया, प्रभावशाली लोगो या बाहुबली ऐसे लोगों का राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) से भय मिट गया है। न वो कानून की मान रहे है न ही संविधान को मान रहे है, ऐसा लग रहा है कि प्रदेश तानाशाही की ओर अग्रसर हो रहा है।
गहलोत ने आपने राजस्थान में बेरोजगार युवाओं को रोजगार भत्ता देने की बात कही थी, परन्तु भत्ता नहीं दिया गया। किसानों को कर्ज माफी की बात आपने कही थी, किसानों की कर्जा माफी आ तक नहीं हुई। बडी शर्म की बात है कि बज्जू तहसील में आरडी 860 पर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना और प्रदर्शन किया जा रहा है। इस सरकार के लिए इससे शर्मनाक कोई बात नहीं हो सकती, फिर भी यह सरकार चेत नहीं रही है।
इस बजट में बीकानेर जिले के विधानसभा क्षेत्र नोखा व श्रीकोलायत क्षेत्र के कुछ गांवों को नहर के पानी के लिए आपने डीपीआर बनाने की आपने विधानसभा में रखी, जिसका खर्च अनुमानित 700 करोड बताया गया है। जब आपने बजट में इस हैड का कोई प्रावधान ही नहीं किया है तो डीपीआर बनेगी कैसे? क्यों लेागों को गुमराह कर रहे हो? क्यों लोगों से झूठ बोल रहे हो?
मुझे ऐसा लग रहा है कि राजस्थान के मुखिया के दिमाग का संतुलन बिगड गया है। कभी वो कहते है कि जेडीए में भ्रष्टचार चरम-सीमा पर है। खनन विभाग में भ्रष्टाचार चरम-सीमा पर है। एक तरफ जेडीए वाले बिल्डिंग तोडते है तो दूसरी तरफ प्रभावशाली लोग पैसा देकर उसको रूकवा देते है। ऐसा बयान उन्होंने हाल ही में सार्वजनिक मंच मे जयपुर में जेडीए के कार्यक्रम में दिया। कल उन्होंने राजस्थान की सबसे बडी पंचायत विधानसभा के अन्दर भी अवैध खनन को लेकर एक बड़ा बयान दिया कि 5 करोड रूपये प्रति माह किसकों मिलते थे।
जब राजस्थान के मुखिया को यह सब पता है तो वो आंख मुंद कर क्यो बैठे है और ऐसे अधिकारियों व ऐसे राजनेताओं के खिलाफ अब तक कार्यवाही क्यों नहीं करते। क्योंकि राजस्थान की एसीबी मुख्यमंत्री के अधीन है। ऐसा थोडे दिनों पहले परिवहन विभाग में एसीबी ने भ्रष्टाचार की परतें खोली थी, तब माननीय परिवहन मंत्री ने बयान दिया था कि एसीबी हमारे अधीन आती है, ना की हम एसीबी के अधीन आते हैं। इस सरकार में दलित, आदिवासी, महिलाओं एवं शोषित वर्ग के साथ आये दिन कोई न कोई राजस्थान के किसी न किसी कौने में ऐसी घटनाऐं घटित हो रही है।
इस राजस्थान की सरकार में भ्रष्टचार भी चरम-सीमा पर है। हम इस पत्र के माध्यम से अशोक गहलोत को समझाना चाहते हैं कि समय रहते चेत जाओ, वरना राजस्थान की जनता सड़कों पर उतर जायेगी और आपको उखाड फैंकेगी।