जयपुर। राज्यपाल ( Governor) कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने कहा कि मूर्तिकला में भारत आरंभ से ही बहुत समृद्ध रहा है। संस्कृति के आलोक में कलाकार मूर्ति कला के नए आयाम गढ़े। राज्यपाल मंगलवार को राजभवन में देश के विभिन्न भागों से आए ख्यातनाम कलाकारों और बड़ौदा यूनिवर्सिटी के कला प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने मुलाकात कर रहे थे।
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इस दौरान राज्यपाल श्री मिश्र ने कलाकारों से संवाद करते हुए कहा कि कलाएं मन को रंजित ही नहीं करती बल्कि जीवन जीने की उदात्त दृष्टि देती है। उन्होंने विभिन्न कलाओं के अंतर्संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि सभी कलाएं एक दूसरे से घुलकर ही पूर्णता को प्राप्त करती है।
प्रख्यात कलाकार हिम्मत शाह ने अपने कला अनुभव साझा करते हुए कहा की कला साधना है और कलाकार साधक। उन्होंने राजभवन की पहल पर कलाकारों से संवाद को अच्छी पहल बताया। जम्मू कश्मीर से आए कलाकार पद्मश्री राजेंद्र टिक्कू ने देश के विभिन्न भागों से आए कलाकारों और उनकी कला के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
सिंपोजियम के संयोजक राजकुमार पंडित ने बताया की सात दिवसीय इस राष्ट्रीय कला आयोजन में ओडिशा से जगन्नाथ पांडा, मंगलुरु से मंजूनाथ कामथ, नई दिल्ली से पूजा इरान्ना, कर्नाटक से जी आर इरन्ना और अरुणकुमार, हिम्मातशाह, विरमनु श्री आदि भाग ले रहे हैं।
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आरंभ में राज्यपाल श्री मिश्र ने कलाकारों का स्मृति चिन्ह प्रदान कर शॉल ओढ़ाकर राजभवन की ओर से अभिनंदन किया। इस मौके पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री सुबीर कुमार तथा प्रमुख विसेशाधिकारी श्री गोविंदराम जायसवाल आदि भी उपस्थित रहे।
इस दौरान उन्होंने राज्यपाल श्री मिश्र को भारतीय मूर्तिकला की समृद्ध धरोहर और आधुनिक दृष्टि पर संवाद भी किया।
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