@जगसीर ढ़िल्लो
श्रीगंगानगर/घड़साना(Gharsana News)। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में (11पी पतरोड़ा) (11 P , Patroda, Sri Ganganagar) साल 2020 के सबसे बड़े सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2020) का अद्भुत खगोलीय नजारा देखेने के लिए खगौलीय वैज्ञानिकों के साथ स्थानीय लोगों का भी हुजूम उमड़ पड़ा।
सूर्यग्रहण की वलयाकार आकृति के कंगन रुप देखने व उसे अपने मोबाइल में कैप्चर करने के लिए हर कोई लालायित दिख रहा था। सुबह 10ः15 बजे से ही सूर्यग्रहण ने अपना रुप लेना शुरु कर दिया जिसके बाद धीरे -धीरे वलयाकार आकृति में यह खगोलीय घटना बदल गई। दोपहर 11ः48 बजे वलयाकार आकृति में सूर्यग्रहण ने अपना आकार ले लिया।
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11 पी पतरोड़ा रहा मुख्य केंद्र
इस बार खगोलीय घटना का केंद्र राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का घड़साना, 11 पी पतरोड़ा, सूरतगढ़ रहा। यंहा पर ग्रहण की घटना का अध्ययन करने और इस नजारे को अपने कैमरे में कैद करने के लिए दिल्ली, अहमदाबाद और पुणे सहित देशभर से खगोल वैज्ञानिक और शोधकर्ता सूरतगढ़ पहुंचे।
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वैज्ञानि केां के साथ स्थानीय ग्रामीण अनूपगढ़, घड़साना, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जयपुर इत्यादि स्थानेां से लेाग सूर्यग्रहण का नजारा देखने को लेाग उमड़े।
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सबसे पहले दिखा सूर्यग्रहण
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ़ तहसील के 11 पी पतरोड़ा में सूर्य ग्रहण सबसे पहले दिखाई दिया। उसके बाद सुबह सूरतगढ़ में दिखना शुरू हुआ जो दोपहर तक जारी रहा। यंहा पर 11:48 बजे दोपहर सूर्य रिंग ऑफ फायर की तरह दिखाई देने लगा।
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वैज्ञानिकों की सलाह खुली आखों से न देखें
वैज्ञानिकों ने लोगों को आगाह किया है कि सूर्य को बिना किसी उपकरण के खुली आंखों से देखना सुरक्षित नहीं है। ऐसा करने से रेटिना पर असर पड़ सकता है। ऐसे में उपकरणों के माध्यम से ग्रहण देखने का तरीका सुरक्षित होगा।
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