एसकेआरयू का 19वां दीक्षांत समारोह आयोजित, 1793 विद्यार्थियों को प्रदान की गई उपाधियां
बीकानेर। राज्यपाल ( Rajasthan Governor) और कुलाधिपति कलराज मिश्र (Kalraj Mishra ) ने कहा कि दीक्षांत समारोह, विद्यार्थियों के लिए नए जीवन की शुरुआत है। जीवन में सदैव सीखने के लिए तत्पर रहते हुए विद्यार्थी, अपने ज्ञान से समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दें। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय (Swami Keshwanand Rajasthan Agricultural University) के शनिवार को आयोजित हुए 19वें दीक्षांत समारोह में (Governor)राज्यपाल ने यह उद्गार व्यक्त किए।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि भारत को खाद्यान्न आपूर्ति में अग्रणी राष्ट्र बनाने में कृषि अनुसंधानों की महत्ती भूमिका रही है। जलवायु परिवर्तन और खाद्यान्न आवश्यकता के अनुरुप कृषि विश्वविद्यालयों में निरंतर अनुसंधान किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि किसानों तक नवीनतम कृषि अनुसंधानों और कृषि प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचे, इसके लिए विश्वविद्यालयों को और प्रयास करने होंगे। पोषण सुरक्षा से जूझ रहे देशों की मदद के लिए तकनीक हस्तांतरण में भी कृषि विश्वविद्यालयों को अहम भूमिका निभानी होगी।
श्री मिश्र ने कहा कि कृषि प्रधान देश के रूप में भारत में कृषि शिक्षा में नवाचार की बहुत संभावनाएं हैं। नए अनुसंधानों के साथ परंपरागत कृषि को आधुनिक परिपेक्ष्य में विकसित करने से सार्थक परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।
श्री मिश्र ने भारतीय कृषि संस्कृति पर बल देते हुए कहा कि किसानों के हितों को प्राथमिकता पर रख कर खेती किसानी का अधिक से अधिक विकास करें। उन्होंने कृषि शिक्षा को शोध और प्रसार के क्षेत्र में समन्वय करते हुए कृषि से जुड़े आर्थिक भविष्य को सुदृढ़ करने की बात कही।
यह भी पढ़ें : SBI Mudra Loan : एसबीआई बैंक दे रहा 10 लाख रुपये का मुद्रा लोन, ऐसे करें आवेदन
शिक्षकों से अध्ययनशील रहने की अपील करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक रूप से किसानों के निकट ले जाएं तथा पारंपरिक खेती, जलवायु संरक्षण के ज्ञान से विद्यार्थियों को जोड़ें।
उन्होंने कहा कि किसान देश के विकास की धुरी हैं, सशक्त किसान से ही राष्ट्र सशक्त बन सकता है।
विश्वविद्यालय के एकेडमी इंडस्ट्री इंटरफेस, कृषि हाट, किसान सम्मान, किसान चौपाल जैसे नवाचारों की सराहना करते हुए कुलाधिपति श्री मिश्र ने कहा कि केशवानंद विश्वविद्यालय द्वारा किए गए सराहनीय हैं। कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को रोजगार के अधिक अवसर मिलें, इस दिशा में और प्रयास किए जाएं।
कृषि प्रबंधन में दक्ष युवाओं को तैयार करने की आवश्यकता : प्रो. पंजाब सिंह
रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. पंजाब सिंह ने कहा कि हरित क्रांति और श्वेत क्रांति ने भारत को खाद्यान्न और दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाते हुए में विश्व में पहले स्थान पर पहुंचाया है। वर्तमान में युवाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर देने के लिए कृषि प्रबंधन में दक्ष युवाओं को तैयार करने की आवश्यकता है।
जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण सुरक्षा के साथ खेती, पशुपालन में रोजगार के नए विकल्प भी सृजित हो सकेंगे। कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा सिंचाई और जल संरक्षण के लिए भी अनुसंधान करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में असम विश्वविद्यालय, जोरहट के पूर्व कुलपति प्रो. अमरनाथ मुखोपाध्याय ने कहा कि बीकानेर जल संसाधनों की कमी के बावजूद दाल, बाजरा, मूंगफली उत्पादन में विशिष्ट स्थान रखता है। यहां का भुजिया और पापड़ उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत कृषि शिक्षा में कृषि व्यवसाय और कृषि विपणन के साथ कृषि क्लीनिक पर काम करने की आवश्यकता जताई।
यह भी पढ़ें – Best Loan Apps : आसान लोन लेने के लिए ये हैं बेस्ट ऐप्स, मिलेगा 5 से 10 लाख रुपये का लोन
इससे पहले राज्यपाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह की शुरुआत की। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्त्तव्यों का वाचन किया। राज्यपाल का पुष्पगुच्छ व श्रीफल भेंट कर, शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया।
कुलपति डॉ. अरुण प्रकाश ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में 1 हजार 793 विद्यार्थियों को स्नातक उपाधियां तथा 42 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान की गई हैं। इसी प्रकार 22 विद्यार्थियों को विद्यावाचस्पति की उपाधियां प्रदान की गई।
राज्यपाल ने इस दौरान विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया।
समारोह में विभिन्न विषयों में सर्वश्रेष्ठ रहने वाले 14 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं एक विद्यार्थी को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया ।
प्रो. पंजाब सिंह व प्रो. अमरनाथ मुखोपाध्याय को कृषि क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साईन्स उपाधि से नवाजा।
इस दौरान महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अंबरीश शरण विद्यार्थी, संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन, पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश, जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम, पूर्व कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह सहित विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर, विद्यार्थी, स्टाफ सदस्य सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें -Business Vastu Tips : व्यापार में वृद्धि के लिए अपनाएं ये खास वास्तु टिप्स
Tags : Rajasthan Governor, Kalraj Mishra, SKRU Bikaner,