अधिकारियों ने कहा कि उनके परिणाम 14 दिनों में खत्म होने वाले घातक वायरस के समय चक्र का खंडन कर रहे हैं।
महिला जहां रुकी हैं उस आश्रम के अधिकारियों ने कहा कि उसके 17 आरटी-पीसीआर और 14 रैपिड एंटीजन टेस्ट सहित सभी टेस्ट में पॉजिटिव रिजल्ट आए।
महिला का पहला टेस्ट 4 सितंबर को और आखिरी एक 7 जनवरी को किया गया था।
हर बार वह कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट में पॉजिटिवि पाई गई, जिसके बाद इस मामले को लेकर मेडिकल चिकित्सक भ्रमित हो गए हैं।
मरीज सारदा देवी पिछले साल अगस्त से भरतपुर में अपना आश्रम में रह रही हैं। आश्रम में एक नई प्रवेशिका के रूप में, उनका आश्रम के नियमित प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना टेस्ट कराया गया, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई हैं।
तब से वह क्वारंटीन में रह रही थी और उन्हें एलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेद तीनों प्रकार के दवाईयां दी गईं, बावजूद इसके वह हर बार पॉजिटिव पाई गई हैं।
डॉक्टर बीएम भरद्वाज ने कहा, हैरानी की बात है कि कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद भी वह स्वस्थ्य हैं और उन्होंने अपना 7-8 किलो वजन भी बढ़ा लिया है।
सारदा देवी जब आश्रम आई थी, तो वह काफी कमजोर थी और ठीक ढंग से खड़ी भी नहीं हो सकती थी।(आईएएनएस)
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