Shubh Vivah Muhurat : अब नवंबर और दिसंबर में बजेगी शहनाई, जाने किस दिन बन रहा योग

Shubh Vivah Muhurat : Subh Muhurat for Marriage 2023 time tithi

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Shubh Vivah Muhurat : Subh Muhurat for Marriage 2023 time tithi

दिवाली से ही शुभ दिनों की शुरुआत हो चुकी है, अब 23 नवंबर को 5 माह के चातुर्मास की अवधि पूरी हो रही है। इसी दिन श्री हरि फिर योग निद्रा से बाहर आएंगे। इसी के साथ पिछले पांच माह से थमी शहनाइयां गूंजने लगेंगी तथा दूल्हों का घोड़ी पर चढऩे का इंतजार भी खत्म हो जाएगा। नवंबर के शुरूआती 22 दिन तक विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि जबकि अगले दिन 23 से 30 नवंबर तक यानी 8 दिन में विवाह के 6 शुभ मुहूर्त है। इनमें 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी को स्वयं सिद्ध अबूझ सावा रहेगा। नवंबर में 6 और साल के अंतिम महीने दिसंबर में 7 सावे रहेंगे। 29 जून को श्रीहरि विष्णु योग निद्रा में चले गए थे तथा इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो गए।

इस बार सावन अधिक मास के कारण चातुर्मास चार की जगह पांच माह का रहा। चातुर्मास के साथ ही शहनाइयों की धूम थम गई थी।16 दिसंबर 2023 से 14 जनवरी 2024 तक धनु के सूर्य खरमास में विवाह बंद रहेंगे।

ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में विवाह को एक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। सनातन धर्म में किसी भी जातक का विवाह कुंडली मिलान कर तय किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में यह मान्यता है कि कुंडली में गुणों के मिलान के साथ-साथ शुभ मुहूर्त में विवाह करने पर वर और वधु को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी तिथि से विवाह का लग्न शुरू होता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। ऐसे में इस साल 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी और 24 नवंबर को तुलसी विवाह होगा। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को 11.03 मिनट बजे शुरू होगी और 23 नवंबर को 09.01 मिनट पर खत्म होगी।

ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि सनातन धर्म में विवाह को पवित्र कर्म कांड माना गया है। ज्योतिष पंचांग देखकर और कुंडली मिलान कर विवाह मुहूर्त निकालते हैं। शास्त्रों में निहित है कि शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वर और वधु को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।

अतः विवाह तय करते समय तिथि का विशेष ध्यान रख जाता है। वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है। इस दौरान शादी-विवाह समेत अन्य शुभ कार्य करने की मनाही होती है। वहीं, कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी तिथि से विवाह का लग्न शुरू होता है।

देवोत्थान एकादशी पर शुभ कार्य : Dev Uthani Ekadashi 2023 Tithi

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी दीपावली के बाद आती है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं, इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है।

कहते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह शयन के बाद जागते हैं। भगवान विष्णु के शयनकाल के चार मास में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, इसीलिए देवोत्थान एकादशी पर श्री हरि के जागने के बाद शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है।

शादी के लिए 10 रेखा सावा सबसे मंगलकारी : Vivah Muhurat 2023

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शादी-विवाह काे आज भी परिवाराें में शुभ मुहूर्त में मंगलकारी मानते हैं। सबसे बेहतर 10 रेखा सावा रहता है। विवाह मुहूर्त में मार्च में सबसे कम दो दिन शहनाई बजेंगी। साथ ही बसंत पंचमी, रामनवमी, भड़ल्या नवमी, अक्षय तृतीया सहित कई अबूझ सावे होंगे।

मार्च 2023 में होलाष्टक और अप्रैल में खरमास लगने पर मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 29 जून से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। अधिकमास होने से पांच महीने चातुर्मास रहेगा। इससे देवशयनी एकादशी 29 जून से 23 नवंबर देवउठनी एकादशी तक सावे नहीं हो सकेंगे। देवउठनी एकादशी का अबूझ सावा रहेगा। इसके बाद लग्न मुहूर्त शुरू होंगे। ज्याेतिष के मुहूर्त चिंतामणी ग्रंथ में रेखीय सावाें का जिक्र है। इसमें यह माना जाता है कि 10 रेखा सावा में यानी जिसमें एक भी दाेेष नहीं हाेते हैं। वाे 10 रेखा सावा हाेता है।

ग्रह-नक्षतों की मौजूदगी के अनुसार होता है रेखा का निर्धारण

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रह-नक्षत्र वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं। ग्रह-नक्षत्रों की मौजूदगी के अनुसार रेखा का निर्धारण होता है। सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त दस रेखाओं का माना जाता है। नौ रेखाओं का सावा भी उत्तम माना है। सात से आठ रेखाओं का मुहूर्त मध्यम मानते हैं।

इनमें लता, पात, युति, वेध, जामित्र, पंच बाण, तारा, उपग्रह दोष, कांति साम्य एवं दग्धा तिथि, इन 10 तरह के दोषों का विचार के बाद ही विवाह का शुभ मुहूर्त रेखीय के आधार पर निकाला जाता है। जितनी ज्यादा रेखाएं होंगी, मुहूर्त उतना ही शुद्ध होता है। अगर किसी जातक के गुण मिलान भी नहीं हो तो 10 रेखा में शुद्ध लगन देकर विवाह काे प्राथमिकता प्रदान करते हैं।

विवाह शुभ मुहूर्त 2023 : Vivah Muhurat 2023

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार नवंबर में 6 और दिसंबर में 7 विवाह मुहूर्त हैं।

नवंबर 2023 : 23, 24, 25, 27, 28, 29
दिसंबर 2023 – 5, 6, 7 8, 9, 11, 15

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(विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुण्डली विश्ल़ेषक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर (राजस्थान) Ph.- 9460872809) 

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