Rashi Parivartan : खरमास (Kharmas) होगा प्रारम्भ, मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम
— ज्योतिषविद् विमल जैन
Rashi Parivartan : भारतीय ज्योतिष में सूर्यग्रह का नवग्रहों में प्रमुख स्थान है। ज्योतिष की गणना के अनुसार मेष राशि से मीन राशि तक सूर्यग्रह प्रत्येक मास अपनी राशि बदलते हैं। जिसका व्यापक प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिलता है। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ 14 मार्च, सोमवार से खरमास प्रारम्भ हो जाएगा।
प्रख्यात ज्योतिर्विद् विमल जैन ने बताया कि सूर्यग्रह के कुम्भ से मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास प्रारम्भ हो जाएगा।
इस अवधि में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास में मांगलिक कृत्य सम्पन्न नहीं होते, जबकि धाॢमक कृत्य विधि-विधानपूर्वक सम्पन्न होते रहेंगे। विवाह, गृह प्रवेश, नव प्रतिष्ठान या व्यवसाय, वधू प्रवेश, मुण्डन, उपनयन संस्कार, प्रतिमा प्रतिष्ठा, नव-निर्माण आदि ये सभी कार्य खरमास की समाप्ति तक प्रतिबंधित रहते हैं।
सूर्यग्रह कुम्भ से मीन राशि में 14 मार्च, मंगलवार को आधी रात 12 बजकर 16 मिनट पर प्रवेश करेंगे, जो कि इसी राशि में 14 अप्रैल, गुरुवार की प्रात: 8 बजकर 41 मिनट तक रहेंगे। इस दिन चन्द्रमा-सिंह राशि में, सूर्य-मीन राशि में, मंगल, बुध, शुक्र, शनि-मकर राशि में, गुरु-कुम्भ राशि में, राहु-वृषभ राशि में तथा केतु-वृश्चिक राशि में उपस्थित रहेंगे।
इन ग्रह योगों के फलस्वरूप विविध पक्षों में अनेकानेक अकल्पित व अनहोनी घटनाओं के नजारों से जनमानस को रूबरू होना पड़ेगा।
सम्पूर्ण विश्व में नवीन राजनीतिक समीकरण बनने को होंगे, जिनमें आर्थिक और विदेश नीति प्रभावित होगी। आर्थिक पक्ष में भी ठोस कदम उठेंगे। शेयर, वायदा व धातु बाजार में विशेष हलचल देखने को मिलेगी। दैविक आपदाएँ, जल-थल वायु दुर्घटनाओं का प्रकोप तथा कहीं-कहीं पर आगजनी की आशंका बनी रहेगी।
किसी मुद्दे को लेकर जन आन्दोलन भी मुखर होगा। कई देशों में सत्ता परिवर्तन व पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेंगे। मौसम में भी अजीबो-गरीब परिवर्तन होगा।
धार्मिक पक्ष को लेकर एक-दूसरे पर लोग छींटाकशी करेंगे। दैविक आपदाएँ भी प्रभावी रहेंगी। आर्थिक व राजनैतिक घोटाले भी शासक-प्रशासक पक्ष के लिए सिरदर्द बनेंगे।
Rashi Parivartan effect on Horoscope : राशिफल से जाने कौनसी राशि होगी प्रभावित
ज्योतिर्विद विमल जैन ने बताया कि इससे द्वादश राशियाँ भी प्रभावित होंगी।
मेष—भौतिक सुख सुविधा में कमी। प्रतिष्ठा पर आघात। ग्रहस्थिति भाग्य के विपरीत। व्यापार में हानि। यात्रा निष्फल।
वृषभ—व्यक्तिगत परेशानी कम। धन संचय की ओर प्रवृत्ति। जनकल्याण की भावना जागृत। आत्मीयजनों से अपेक्षित सहयोग।
मिथुन—नवसम्पर्क लाभदायक। धनागम का सुअसवर। शत्रु परास्त। लाभार्जन का मार्ग प्रशस्त। आरोग्य सुख की प्राप्ति।
कर्क—विरोधी प्रभावी। ग्रहस्थिति प्रतिकूल। उलझनें प्रभावी। पुरुषार्थ में अरुचि। आर्थिक पक्ष से कष्ट। अपयश की आशंका।
सिंह—सिद्धि का प्रयास असफल। आरोग्य सुख में कमी। वाद-विवाद की सम्भव। विश्वासघात की आशंका। वाहन से कष्ट।
कन्या—दाम्पत्य जीवन में कटुता। वाहन से दुर्घटना संभव। विचारों में उग्रता। महत्वपूर्ण उपलब्धि में विलम्ब। प्रतिष्ठा पर आघात।
तुला—कार्यसिद्धि हेतु प्रयत्नशील। कठिनाइयों में कमी। परिवार में मंगल आयोजन सम्पन्न। जनकल्याण की भावना जागृत।
वृश्चिक—व्यावसायिक प्रगति में अड़चनें। स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता। पारिवारिक मतभेद उजागर। शारीरिक मानसिक कष्ट।
धनु—उन्नति में बाधा। सामयिक सिद्धि का प्रयास निष्फल। स्वजनों से तनाव। वैचारिक स्थिरता का अभाव। स्पष्टवादिता घातक।
मकर—नवयोजना का शुभारम्भ। ग्रहस्थिति पक्ष में। उपहार या सम्मान का लाभ। राजकीय पक्ष से लाभान्वित। बौद्धिक क्षमता में वृद्धि।
कुम्भ—समय आशा के विपरीत। अभिलाषा की पूॢत में व्यवधान। मित्रों से अनबन। लेन-देन में जोखिम। अनावश्यक भ्रमण।
मीन—स्वास्थ्य में व्यतिक्रम। बौद्धिक क्षमता में कमी। उन्नति में व्यवधान। आरोप प्रत्यारोप की स्थिति। दाम्पत्य जीवन में अशांति।
जिनके सूर्यग्रह विपरीत हों, उन्हें अपने कार्यों में सूझ-बूझ व सतर्कता के साथ ही जोखिम के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
विशेष—सूर्यग्रह की प्रसन्नता के लिए अपने आराध्य देवी-देवता की आराधना के साथ सूर्यग्रह की भी अर्चना नियमित रूप से करनी चाहिए।
प्रात:काल स्नान, ध्यान के पश्चात् सूर्य भगवान को ताम्रपात्र में रोली, अक्षत, लाल फूल एवं गुड़ डालकर अर्धय अर्पित करना चाहिए। साथ ही सूर्यमन्त्र का जप, श्रीआदित्यहृदय स्तोत्र, श्रीआदित्यकवच, श्रीसूर्यसहस्रनाम आदि का पाठ भी करना चाहिए।
Rashi Parivartan : रविवार को करें ये काम
रविवार के दिन व्रत या उपवास रखकर दिन में 12 बजे से 3 बजे के मध्य बिना नमक का फलाहार करना चाहिए तथा मध्याह्न के समय सूर्यग्रह से सम्बन्धित लाल रंग की वस्तुएँ जैसे—लाल वस्त्र, गेहूँ, गुड़, ताँबा, लाल फूल, चन्दन आदि विविध वस्तुएँ नगद दक्षिणा सहित ब्राह्मण को संकल्प के साथ देना चाहिए।
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(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी)
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