Rashi parivartan 2021 : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रह निरंतर अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। एक विशेष अवधि और चाल के अनुसार ये ग्रह एक राशि (Rashifal) से दूसरी राशि में जाते हैं। इन ग्रहों की हलचल से ही सभी राशियां प्रभावित होती हैं। इसी कड़ी में सितंबर माह में 5 ग्रह अपनी राशि बदलेंगे। इन ग्रहों में बुध, गुरु सूर्य, मंगल और शुक्र ग्रह शामिल हैं।
इसके साथ ही शनि अपनी मकर राशि में, राहु वृषभ राशि में और केतु वृश्चिक राशि में गोचर करते हुए सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। चंद्रमा हर सवा 2 दिन के बाद अपनी चाल बदलते रहते हैं।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि 6 सितंबर को दो ग्रह अपनी राशियां बदलेंगे। इनमें शुक्र और मंगल ग्रह शामिल हैं। जहां शुक्र अपनी स्वराशि तुला में प्रवेश करेगा, तो वहीं मंगल कन्या राशि में गोचर करेगा। इसके बाद 14 सितंबर को गुरु का गोचर होगा, जो कि एक महत्वपूर्ण ग्रह परिवर्तन है।
देवगुरु बृहस्पति इस दिन मकर राशि में आएंगे। फिर 17 सितंबर को सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और अंत में बुध देव 22 सितंबर को तुला राशि में आएंगे, जहां ये शुक्र ग्रह के साथ युति करेंगे। इसके बाद 27 सितंबर से बुध इसी राशि में वक्री चाल चलेंगे। इन ग्रहों का परिवर्तन निश्चित ही सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालेगा।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल का असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष के नजरिए से भी ये माह बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस माह में 5 ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। वैदिक ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार मनुष्य के जीवन में जो भी घटनाएं घटित होती हैं। उनका कारण ग्रहीय दशा, गोचर, उनकी चाल है।
सौरमंडल में बैठे ग्रह ही यह निर्धारित करते हैं कि आने वाला समय कैसा होगा और मनुष्य जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
शुक्र का तुला राशि में गोचर
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र देव 6 सितंबर कन्या राशि से निकलकर स्वराशि तुला में प्रवेश करेंगे। शुक्र इस राशि में 2 अक्तूबर 2021 तक रहेंगे। इसके बाद ये वृश्चिक राशि में चले जाएंगे। शुक्र देव को इस संसार के समस्त भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। ये वृष और तुला राशि का स्वामी हैं।
शुक्र देव कन्या राशि में नीच के तो मीन राशि राशि में उच्च के माने जाते हैं। कोई भी ग्रह अपनी राशि में मजबूत स्थिति में होता है।
मंगल का कन्या राशि में प्रवेश
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मंगल देव 6 सितंबर को सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और इस राशि में 22 अक्तूबर तक स्थित रहेंगे। इस राशि में मंगल देव के आने से जहां कुछ राशियों को फायदा होगा तो वहीं कुछ राशियों को परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिष विज्ञान में मंगल ग्रह को क्रोध, युद्ध, पराक्रम, साहस, सैन्य शक्ति, भूमि, रक्त आदि का कारक माना जाता है। इन्हें मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है।
गुरु का मकर राशि में वक्री गति गोचर
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि देव गुरु बृहस्पति का सितंबर माह में राशि परिवर्तन होने जा रहा है। देव गुरु बृहस्पति 14 सितंबर को अपनी स्वराशि धनु से शनि देव की राशि मकर में वक्री गति गोचर करेंगे और इस राशि में ये 21 नवंबर 2021 तक स्थित रहेंगे।
गुरु के मकर राशि में आने से सभी राशियों पर इस परिवर्तन का शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, भाग्य, विवाह, वृद्धि, गुरु, संतान आदि का कारक माना जाता है। इस विशाल ग्रह को धनु और मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है।
सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य देव सितंबर माह में अपनी स्वराशि सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और इस राशि में 17 अक्तूबर 2021 तक रहेंगे और फिर कन्या राशि में चले जाएंगे। सूर्य ग्रह को सिंह राशि का स्वामी माना जाता है।
राजवेदिया गोपालकृष्ण कन्हैयालाल ओझा ने बताया कि मेष राशि में ये उच्च भाव में होते हैं, तो वहीं तुला राशि में ये नीच के माने जाते हैं। उच्च भाव में ग्रह अधिक मजबूत और बलशाली होते हैं। जबकि नीच राशि में ये कमजोर हो जाते हैं।
बुध का तुला राशि मे गोचर
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सितंबर माह में बुध देव 22 तारीख को कन्या राशि से तुला राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में बुध 2 अक्तूबर 2021 तक रहेंगे। बुध के सिंह राशि में गोचर से सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा।
ज्योतिष शास्त्र में बुध देव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के तो वहीं मीन राशि में नीच के माने जाते हैं।
शनिदेव मकर राशि में ही रहेंगे विराजमान राजवेदिया गोपालकृष्ण कन्हैयालाल ओझा ने बताया कि न्याय देवता कहे जाने वाले शनि इस साल 2021 में कोई राशि परिवर्तन नहीं करेंगे। इस वर्ष मकर राशि में ही विराजमान रहेंगे। शनिदेव को कर्म का देवता माना जाता है। शनि जातक के कर्म के हिसाब से फल देते हैं।
ग्रहों के गोचर का प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सितंबर में ग्रहों की जो स्थिति बनने जा रही है वह बड़े परिवर्तनों की ओर इशारा कर रही है। शुक्र बुध और सूर्य के राशि परिवर्तन से व्यापार में तेजी आएगी।
देश में कई जगह प्राकृतिक घटनाएं होगी। भूकंप आने की संभावना है। तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं। यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है। बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है। शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे।
दुर्घटना और भूकंप से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा।
राजस्थान पर असर
विख्यात भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि 5 बड़े ग्रहों के परिवर्तन से राजस्थान की राजनीति में हलचल दिखाई देगी। साथ ही फेरबदल की संभावना बनेगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। जन आंदोलन या जनाक्रोश होगा। प्राकृतिक घटनाएं होगी।
कोरोना महामारी के संक्रमण में कमी आयेगी। व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेगी। बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है। जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होगा। सोने चांदी के भाव में तेजी रहेगी। कोई अप्रिय घटना होने की संभावना बन रही है।
क्या करें उपाय
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें।
प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है। महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए। माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।