विभिन्न वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा से होती है मनोकामना पूरी
— ज्योर्तिविद् विमल जैन
पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार तैंतीस कोटि देवी-देवताओं में देवाधिदेव महादेव की उपाधि से भगवान् शिव ही अलंकृत हैं। भगवान् शिव की असीम कृपा की प्राप्ति के लिए श्रावण मास में देवाधिदेव महादेव की भक्तिभाव से की गई पूजा सदैव फलित होती है। पूजा-अर्चना के साथ शिव मंत्र, शिव स्तोत्र, शिव सहस्रनाम, शिव चालीसा का पाठ करना अभीष्ट फलदायी होता है।
प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि शिव की अद्भुत कृपा प्राप्ति के लिए विविध प्रकार की उपासना, आराधना, अर्चना की विधि पौराणिक ग्रन्थों में मिलती है। ऐसी मान्यता है कि शिव के समान दु:खों को हरने वाले और कोई भी देवता नहीं हैं। श्रावण मास में भक्त शिव की अर्चना व अनुष्ठान कर मनोकामना की पूर्ति के साथ अलौकिक शांति भी प्राप्त कर सकते हैं।
Shivling : विशेष वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा से सँवारे अपनी किस्मत
1. धन-कामना की पूर्ति—दही को निथार कर बना शिवलिंग।
2. दु:ख दारिद्र्य नाश—पीपल की लकड़ी से बना शिवलिंग।
3. सुख-शांति एवं सन्तान—अक्षत, गेहूँ, जौ के आटे से बना शिवलिंग।
4. शत्रुओं पर विजय—लहसुनिया रत्न से बना शिवलिंग।
5. अकाल मृत्यु, भयमुक्ति हेतु—दूर्वा का शिवलिंग।
6. खुशहाली, सौभाग्यवृद्धि—चाँदी, सोना, मोती का शिवलिंग।
7. मनोकामना पूर्ति—स्फटिक का शिवलिंग।
8. मनचाही कामना सिद्धि—भस्म से बना शिवलिंग।
9. मकान-सम्पत्ति—फूलों से बना शिवलिंग।
10. रोग से मुक्ति—मिश्री या शक्कर का शिवलिंग।
11. भौतिक ऐश्वर्य सुख—चंदन व कस्तूरी का शिवलिंग।
प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन के अनुसार सावन मास में सोमवार, शिव त्रयोदशी है, जिसे प्रदोष कहा गया है। शिव चतुर्दशी, जिसे शिवरात्रि कहा जाता है। इन विशेष तिथियों पर शिवजी की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी बतलाया गया है। श्रावण मास में रुद्राभिषेक से समस्त अनिष्टों का शमन होता है तथा मनोकामना की पूॢत होती है। पूर्ण श्रद्धा व भक्तिभाव से विधि-विधानपूर्वक की गई आराधना से महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद देते हैं। शिवलिंग शिव का निराकार स्वरूप माना गया है।
प्रसिद्ध ज्योतिषी विमल जैन ने बताया कि श्रावण मास में खास वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा-अर्चना से मनचाही मुरादें पूरी की जा सकती है। पृथ्वी के हर कण-कण व हर जीव में शिव विद्यमान हैं। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं से बने शिवलिंग सभी मनोरथ की पूर्ति करते हैं।
इस बार श्रावण मास के प्रमुख पर्व
इस बार श्रावण में चार सोमवार पड़ रहे हैं।
प्रथम सोमवार-26 जुलाई,
द्वितीय सोमवार-2 अगस्त,
तृतीय सोमवार-9 अगस्त एवं चतुर्थ सोमवार-16 अगस्त।
नाग पंचमी (मरुधर व बंगाल में)-28 जुलाई, बुधवार।
शिवजी की प्रसन्नता के लिए किए जाने वाला प्रदोष व्रत 5 अगस्त, गुरुवार तथा 20 अगस्त, शुक्रवार को रखा जाएगा।
मास शिवरात्रि व्रत 6 अगस्त, शुक्रवार;
हरियाली अमावस्या 8 अगस्त, रविवार तथा नाग पंचमी (समस्त भारतवर्ष में)-13 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
इन दिनों शिवभक्त भगवान शिवजी का विशेष दर्शन-पूजन कर एवं व्रत रखकर मनोवांछित फल प्राप्त कर पुण्य फलदायी होंगे। इस मास का प्रमुख पर्व रक्षा बन्धन-22 अगस्त, रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा।
(विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुण्डली विश्ल़ेषक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर (राजस्थान) Ph.- 9460872809)
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