Kartik Purnima : कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव शुक्रवार 19 नवंबर को मनाया जाएगा। हिंदू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का बहुत बड़ा महत्व माना गया है।
इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा (Tripuri Purnima) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक असुर का नाश किया था। तभी से वह त्रिपुरारी के नाम से पूजित हुए। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि (Kartik Purnima) कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव पांच दिनों तक चलता है। यह प्रबोधिनी एकादशी के दिन से शुरू होता है और पूर्णिमा के दिन खत्म होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है।
साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व बताया गया है। विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था। साथ ही इस दिन उपछाया चंद्रग्रहण भी लग रहा है। जो इस दिन महत्व को और अधिक बढ़ाता है।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ( Purnima Kartik) कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। (Kartik Purnima) कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को खुश करने का दिन होता है। इसीलिए इस दिन लोग गंगा में डुबकी लगाकर एवं दान करके पुण्य की प्राप्ति करते हैं।
कार्तिक स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर किसी पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान दान-पुण्य के कार्य और दीपदान अवश्य करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा को धार्मिक समारोहों को करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।
इसीलिए इस दिन कई अनुष्ठानों और त्योहारों का समापन होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए शुभ समारोह खुशियां लाते हैं।
मान्यता है कि इस दिन गाय हाथी घोड़ा रथ और घी का दान करने से संपत्ति बढ़ती है और भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्ट दूर होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा का व्रत करने वाले अगर बैल का दान करें तो उन्हें शिव पद प्राप्त होता है।
Kartik Purnima : दीपदान
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी खुशी को दर्शाते हैं। इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन नदी और तालाब में दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं और कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण जरूर बांधे और दीपावली की ही तरह चारों और दीपक जलाएं।
Kartik Purnima : तुलसी पूजा
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम के साथ ही तुलसी जी की पूजा की जाती है। इस दिन तुलसी पूजन का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व होता है।
इस दिन किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना का अनंत फल होता है। इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं। जिससे आपके मनोकामना पूरी हो और दरिद्रता दूर हो सके।
Kartik Purnima : पूर्णिमा का व्रत
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन व्रत रखने का भी बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण और चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। वहीं मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद कार्तिक व्रत पूर्ण होता है। इस दिन श्री सत्यनारायण की कथा सुनने से भी जीवन से संकट दूर हो जाते हैं।
Kartik Purnima : जरूरतमंदों को करें दान
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन दान का बहुत अधिक महत्व होता है।कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हों वह जरूर करें। इससे घर परिवार में धन-समृद्धि और बरकत बनी रहती है।
भगवान शिव बने थे त्रिपुरारी पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक महाबलशाली असुर का वध इसी दिन किया था। इससे देवताओं को इस दानव के अत्यारचारों से मुक्ति मिली और देवताओं ने खुश होकर भगवान शिव को त्रिपुरारी नाम दिया।
Kartik Purnima : भगवान विष्णु का प्रथम अवतार
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि भगवान विष्णुत का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था। प्रथम अवतार के रूप में भगवान विष्णुम मत्स्ओय यानी मछली के रूप में प्रकट हुए थे। इस दिन सत्यरनारायण भगवान की कथा करवाकर जातकों को शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये काम
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि पूर्णिमा स्न्नान का महत्व शास्त्रों में वर्णित है। इसलिए इस दिन किसी पवित्र नदी में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए और उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। पूर्णिमा तिथि को दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए।
मान्यता है कि इस दिन चावल का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके साथ ही विष्णु भगवान के शालीग्राम अवतार की पूजा करनी चाहिए।
मान्यता है ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। कार्तिक पूर्णिमा पर घर के द्वार पर आम के पत्तों और फूलों से तोरण बनाएं। इस दिन सत्यनारायण कथा सुननी चाहिए। मान्यता है ऐसा करने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।
Kartik Purnima : पूर्णिमा तिथि पर न करें ये काम
इस दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए।
मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान से मिलेगी शनि दोषों से राहत
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे। खासकर शनि की साढ़ेसाती। वही कुंडली में पितृ दोष, चांडाल दोष, नदी दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा।
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास आपको बता रहे हैं कि राशि अनुसार आपको किन चीजों का दान करना चाहिए मेष-गुड़ वृष- गर्म कपड़ों मिथुन-मूंग की दाल कर्क-चावल सिंह-गेहूं कन्या-हरे रंग का चारा तुला भोजन वृश्चिकृ- गुड़ और चना धनु-गर्म खाने की चीजें, जैसे बाजरा, मकर-कंबल कुंभ-काली उड़द की दाल मीन- हल्दी और बेसन की मिठाई।
कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा तिथि आरंभ- 18 नवंबर दोपहर 12:00 बजे से कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर दोपहर 02:26 पर
Kartik Purnima : Chandra Grahan : इसी दिन लग रहा चंद्रग्रहण, लेकिन भारत में नहीं पड़ेगा कोई असर
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।
यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, आस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और उत्तरी यूरोप में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा।
ऐसे में भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।
वैसे भी यह उप छाया चंद्र ग्रहण है।
इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह चंद्र ग्रहण के दौरान भारत के मंदिरों के पट भी बंद नहीं होंगे।
(विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुण्डली विश्ल़ेषक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर (राजस्थान) Ph.- 9460872809)
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