Barmer Kamlesh Prajapat , बाड़मेर। राजस्थान के बहुचर्चित कमलेश प्रजापत (Kamlesh Prajapat ) एनकांउटर (Encounter ) मामले में अब राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Harish Choudhary) पर परिवार ने गंभीर आरोप लगाए है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने इस मामले में कहा कि मुझ पर लगे सभी आरोप निराधार है। मेरे उपर लगे सभी आरोपों की जांच किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से करवा सकते है।
बाड़मेर के कमलेश प्रजापत एनकांउटर मामले में भाई भैराराम ने सीबीआई (CBI) को पत्र लिखकर राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री के भाई मनीष चौधरी व कमलेश प्रजापत की महिला मित्र के साथ बाड़मेर पुलिस (Barmer Police) पर गंभीर आरोप लगाए है। कमलेश के भाई ने इस आरोप का पत्र सीबीआई को भेजा है।
Kamlesh Prajapat : सीबीआई को भेजा पत्र
कमलेश प्रजापत (Kamlesh Prajapat ) के भाई भैराराम व संघर्ष समिति सदस्यों ने सीबीआई को लिखे पत्र में बताया कि कमलेश प्रजापत पिछले 15 वर्ष से राजस्व मंत्री हरीश चौधरी व उनके भाई मनीष के संपर्क में आ गया था। वह इनके लिए काम करता है।
इसके साथ ही कमलेश इनको राजनीतिक कार्यों में भी सहयोग करता था। इसके साथ ही कमलेश ने 2014 में केके इंटरप्राइजेज नाम से फर्म बना ली थी। जिसके चलते (Pachpadra Refinery) पचपदरा रिफायनरी में कार्य प्रारंभ होने से राजस्व मंत्री व उनके भाई की फर्म को काम (Work in Refinery) मिलने में व्यापारिक प्रतिस्पर्द्वा हो गई।
उन्होने पत्र में लिखा कि सांडेराव पुलिस द्वारा गलत रुप से फंसाए जाने पर कमलेश प्रजापत ने पाली पुलिस से भी बात की थी। इसमें भी पुलिस द्वारा राजस्व मंत्री के कहने से नाम हटाने की बात कही गई। इसके बाद जब कमलेश मंत्री से मिला तो उन्होने भी अपने भाई से बात करने को कहा था।
तुम जिंदा रहोगे तो मारोगे
जब मनीष से कमलेश प्रजापत मिला तो उसने दस लाख रुपए सांडेराव मामले से नाम हटाने के नाम से लिए थे। सांडेराव पुलिस लगातार इस पर दबाव बना रही थी। इस पर जब वह दूसरी बार मंत्री से मिला तो उन्होने घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद कमलेश ने मनीष से दस लाख रुपए वापिस मांगे तो धमकी भरे अदांज में कहा कि रुपए लौटा देना नही तो मार दूंगा। इस पर मनीष ने कहा कि तुम जिंदा रहोगे तो मारोगे।
राजस्व मंत्री ने कहा आरोप निराधार
इस पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि मेरे पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद है। इनकी जांच किसी भी एजेंसी से करवा सकते है। पूर्व में सीबीआई से जांच के लिए कह चुका हूं। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। सच तो सच ही रहेगा।
कॉल डिटेल की जांच हो
कमलेश प्रजापत के भाई ने पत्र में लिखा कि एनकांउटर के दिन सांडेराव प्रकरण में डीएसपी सुमेरपुर से कमलेश प्रजापत की व्हाट्सएप काल हुई थी। कमलेश प्रजापत ने 23 अप्रेल 2021 को सांडेराव आने के लिए आने को कहा था। डीएसपी ने भी नाम हटाने के लिए रुपयों की मांग की थी। इसलिए डीएसपी व कमलेश की व्हाट्सएप काल की जांच होनी चाहिए। जबकि कमलेश सांडेराव केस में आरोपी नही था।
महिला मित्र से दोस्ती ने कराया एनकांउटर
कमलेश प्रजापत के भाई ने पत्र में लिखा कि सदर पुलिसथाना के पास रहने वाली एक महिला से कमलेश की दोस्ती थी। उसी के साथ मिलकर पुलिस ने कमलेश को व्हाट्सएप काल पर लगाए रखा।
उन्होने पत्र में लिखा कि 22 अप्रेल 2021 को रात 9ः15 बजे पुलिस ने कमलेश प्रजापत के घर एनकाउंटर के लिए घेराव किया। पुलिस ने आत्मसमर्पण के लिए एनाउंसमेंट भी नही किया। इसलिए सीसीटीवी फुटेज की जांच व पड़ौसियों के बयान दर्ज करने की मांग सीबीआई से की गई है।
पुलिस ने एनकाउंटर से पहले कराई एफआईआर
कमलेश प्रजापत (Kamlesh Prajapat Barmer) के भाई ने सीबीआई को लिखे पत्र में बताया कि बाड़मेर पुलिस ने एफआईआर नंबर 136/2021 की प्रमाणित प्रति न्यायालय में प्रस्तुत करने की तिथि 22 अप्रेल शाम 7 बजे की है। जबकि एफआईआर में 23 अप्रेल 2021 की तारीख और समय 12ः46 बजे बताया गया है।
एफआईआर कैसे प्रस्तुत हो सकती है, जब ऐसे केस दर्ज हुआ हो। कमलेश प्रजापत (Kamlesh Prajapat) का फर्जी एनकाउंटर बताकर हत्या की गई है।
बाड़मेर पुलिस ने 22 अप्रेल रात को ही एनकांउटर कर दिया था। तभी समाज व अन्य लोगों ने इसको लेकर सीबीआई की जांच की मांग की गई थी।
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