जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में युवा एक लीडर के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। आज का भारतीय युवा विश्व भर में हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को जीत सकता है। लेकिन उसे भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है। किशोर- किशोरियां फिल्में देखकर धूम्रपान को स्टेटस सिंबल मानने लगा है, यह सही नहीं है। युवाओं को तंबाकू की लत को छोड़ने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है और हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इस अभियान के माध्यम से युवाओं को तंबाकू उपयोग न करने और इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देकर तंबाकू मुक्त प्रदेश बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर गुरुवार को दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में प्रदेशभर में टोबेको फ्री यूथ कैंपेन 2.0 का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को तम्बाकू एवं नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई।
उन्होंने सभी से तम्बाकू की रोकथाम करने में सक्रिय सहभागिता निभाते हुए और राजस्थान तम्बाकू मुक्त प्रदेश बनाने में सहयोग की अपील की। इस इस अवसर पर उन्होंने तंबाकू टोबैको फ्री यूथ कैंपेन के पोस्टर का भी विमोचन किया।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण एवं जनजागरूकता की दिशा में प्रभावी प्रयास निरंतर जारी हैं। तम्बाकू नियंत्रण एवं रोकथाम की दिशा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर टोबेको कंट्रोल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जन-जागरूकता के साथ तम्बाकू नियंत्रण के नियमों की प्राथमिकता से पालना करवाई जाएगी। मुझे विश्वास है कि सभी एकजुट होकर तम्बाकू मुक्त प्रदेश तथा आयुष्मान राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि तम्बाकू सेवन एवं नशीले पदार्थों के सेवन से कैंसर, अस्थमा, हृदय, रोग, टीबी आदि भयावह रोग होने की संभावना होती है। प्रतिवर्ष भारत में लगभग 13 लाख 50 हजार और इसी प्रकार राज्य में भी लगभग 200 लोगों की मृत्यु प्रतिदिन तम्बाकू जनित रोगों से हो जाती है। यह बेहद चिंता का विषय है। टोबेको उपयोग दर में कमी लाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि बड़ी संख्या में बच्चे एवं युवा तंबाकू की लत का शिकार हो रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण भारत में टोबेको फ्री यूथ कैम्पेन प्रारम्भ किया गया है।
उन्होंने कहा कि तंबाकू की लत से पीड़ित नवयुवकों को तम्बाकू विमुक्त एवं नशा मुक्त जीवन के लिए प्रेरित करने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं व जनसहभागिता से सामूहिक प्रयासों को और बढ़ाया जाएगा।
मिशन निदेशक एनएचएम भारती दीक्षित ने टोबैको फ्री यूथ कैंपेन 2.0 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के संबंध में जनजागृति, तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान, तंबाकू मुक्त ग्राम बनाने, तंबाकू नियंत्रण अधिनियमों की पालना एवं सोशल मीडिया द्वारा जागरूकता जैसी विभिन्न गतिविधियां प्रत्येक स्तर पर आयोजित की जाएगी उन्होंने बताया कि इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा एक डैशबोर्ड भी तैयार किया गया है, जिसके तहत इन गतिविधियों की मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी।
निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर ने स्वागत उद्बोधन देते हुए अभियान के मुख्य बिंदुओं से अवगत कराया। इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त फूड सेफ्टी श्री पंकज ओझा, निदेशक आरसीएच डॉ सुनीत राणावत सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
जिला स्तरीय टीमों का आमुखीकरण
राज्य नोडल अधिकारी राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ डॉ. एसएन धौलपुरिया ने बताया कि शुभारम्भ कार्यक्रम से पूर्व प्रातः तकनीकी सत्र में जिला स्तरीय टीमों का टोबेको फ्री यूथ कैम्पेन 2.0 की कार्ययोजना के संबंध में ओरिएंटेशन प्रदान किया गया है। राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन में मेडिकल विंग के सचिव डॉ.बनारसी लाल शाह ने नशा मुक्त भारत अभियान के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी प्रदान की। तम्बाकू नियंत्रण पर मोटिवेशनल फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ईएनटी विभाग के प्रो. पवन सिंघल ने तम्बाकू एक मानव त्रासदी- कारगर उपायों एवं रणनीतियों पर प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से प्रतिभागियों को अवगत कराया।