महाराष्ट्र के सांसदों ने देखा राज्य अभिलेखागार का संग्रहालय
बीकानेर। छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के वंशज संभाजी राजे (Sambhaji Raje) कोल्हापुर, हेमंत पाटिल (Hemant Patil ) सांसद हिंगोली नांदेड ने राजस्थान राज्य अभिलेखागार,(Rajasthan State Archive Department) बीकानेर का अवलोकन किया। संभाजी एवं पाटिल विशेष रूप से अभिलेखागार म्यूजियम देखने महाराष्ट्र से बीकानेर आये थे।
उन्होंने राज्य अभिलेखागार के डिजिटल अभिलेखागार, अभिलेख संग्रहालय तथा अभिलेख प्रबंध को देखकर सांसद संभाजी एवं पाटिल साहब ने अभिभूत होकर निदेशक डॉ. महेन्द्र खड़गावत व अभिलेखागार के कार्यों की दिल खोलकर सराहना की। विभाग के अवलोकन में उन्होंने विभाग में चल रहे डिजिटाईजेशन कार्य के संबंध में जानकारी ली तथा महाराष्ट्र अभिलेखागार को भी डिजिटल करवाने की बात कही। विभागीय पुस्तकालय में उपलब्ध महाराष्ट्र की रियासतों की दुर्लभ पुस्तकों के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
डा.खड़गावत ने बताया कि सांसदों ने विभागीय शोध कक्ष में शोधार्थी के रूप में पंजीकरण कराया तथा शोध कार्य से संबंधित प्रक्रिया को विस्तार से जाना। माईक्रोफिल्मिग कक्ष व विभागीय रिकॉर्ड किपिंग सिस्टम को समझा। विभागीय प्रकाशन से संबंधित विभिन्न पुस्तकों की जानकारी ली।
राजस्थान राज्य अभिलेखागार (Rajasthan State Archive Department, Bikaner) द्वारा किये जा रहे कार्य के लिये सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय में अभिलेखागार अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन एवं शोध के क्षेत्र में ख्याती प्राप्त करेगा। महाराष्ट्र में इस तरह के कार्य के लिये राज्य अभिलेखागार का सहयोग लिया जायेगा।
सांसद संभाजी एवं पाटिल ने अपने आप में अनूठे अभिलेख संग्रहालय को देखने में पूरा दिन लगाया। अभिलेख संग्रहालय में बनी विभिन्न दीर्घाओं में शिवाजी महाराज दीर्घा, महाराणा प्रताप दीर्घा, टेस्सीटोरी दीर्घा, स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा, 1857 के क्रांतिकारियों की प्रदर्शनी दीर्घा एवं ताम्र-पत्र दीर्घा का बहुत सूक्ष्मता से अवलोकन किया और बताया कि बीकानेर का नाम पर्यटन व शोध के क्षेत्र में विश्व पटल पर दर्ज हो गया है।