बीकानेर। समेकित खाद्यान उत्पादन में भूमिका तथा पोषक तत्वों से भरपूर दलहनी फसलों की उपयोगिता एवं महत्ता को प्रदर्शित करने के लिए आईसीएआर भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, बीकानेर, द्वारा बुधवार को विश्व दलहन दिवस (World Pulses Day 2021) के रूप में मनाया गया। गौरतलब है कि, क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना जून 2019 में शुष्क क्षेत्र के दलहन उत्पादक किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई, इसके अंतर्गत दालों की पैदावार को बढ़ाना गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध करवाना और शुष्क क्षेत्रों के लिए दलहन की नई किस्में एवं फसल प्रणाली को विकसित करना है, जिससे कि किसानों की उपज एवं आय दोनों में वृद्धि हों सके ।
इस अवसर पर गांव बद्रासर के 50 किसानों ने संस्थान में भ्रमण किया तथा संस्थान द्वारा विकसित तकनीकी एवं नवाचार को प्रदर्शित किया गया और इसके साथ ही प्रक्षेत्र दिवस का भी आयोजन किया गया। डॉ शिव सेवक, राष्ट्रीय समन्वयक, मरु दलहन एवं डॉ राजेश कुमार विभागाध्यक्ष सामाजिक विज्ञान विभाग, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर, ने संस्थान की दलहन के क्षेत्र में उपलब्धियां बताई एवं दलहन कि उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी एवं साथ ही साथ संस्था द्वारा मरू दलहन (मोठ, ग्वार एवं चवला) अनुसंधान प्रयासों के बारे में बताया, जिससे की फसल उत्पादकता व किसानों की आमदनी बढ़ सके ।
इस मौके पर विश्व दलहन दिवस के वर्चुअल उत्सव का आयोजन भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर से प्रसारित किया गया। वर्चुअल कार्यक्रम में डॉ तिलक राज शर्मा उप महानिदेशक फसल विज्ञान आईसीआर ने अपने विचार प्रस्तुत किए एवं डॉ त्रिलोचन महापात्रा सचिव डेयर एवं महानिदेशक आईसीआर ने अपना संबोधन दिया तथा दलहन उत्पादन उत्पादन को समय की आवश्यकता बताया।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चैधरी एवं पुरुषोत्तम रुपाला भी उपस्थित रहे उन्होंने भी विश्व दलहन दिवस पर अपने विचार प्रकट किए।
इस उपलक्ष पर नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि मंत्री, भारत सरकार, ने संस्थान के कार्यालय भवन का उद्घाटन किया एवं किसानों को दलहन की खेती के महत्ता के बारे में बताया तथा केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। दलहन की आवश्यकता एवं इसकी पोषकता को समझते हुए देश में दलहन का उत्पादन बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता रही है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ एसाहू, निदेशक, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र, बीकानेर ने दलहन उत्पादन पर जोर दिया तथा मुख्य अतिथि डॉ पी एल सरोज निदेशक केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान ने किसानों को गमछा भेट किया तथा उन्नत किस्मो (मोठ एवं ग्वार) के बीज वितरित किये एवं विचार व्यक्त किए।
नोडल अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने दलहन दिवस मनाने के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारणों को किसानों के साथ साझा किया। उन्होंने दलहनी फसलों के विशेष गुणों जैसे वायुमंडलीय नत्रजन को एकत्र कर भूमि को उपलब्ध कराते हुए उपजाऊ बनाने के साथ कवर क्रॉप के रूप में भूमि के कटाव को रोकना जैसे विकल्प आदि प्रमुख बातों की जानकारी दी तथा किसानों से चर्चा की एवं डॉ रामलाल जाट ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम में डा बनवारीलाल, डा सुरेंद्र कुमार एवं मोनिका पूनिया ने भी भाग लिया एवं किसानों के साथ चर्चा की ।