कोरोना के दौरान रक्षा बंधन सहित अन्य पर्व सावधानी से मनाएं

बीकानेर (Bikaner News)। कोरोना संक्रमण (Covid-19) के बीच आने वाले पर्व और स्थानीय परम्पराए (Festival) बीकानेर के लिये इस बार महत्वपूर्ण होगी। सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने कहा है कि 3 अगस्त से 16 अगस्त के बीच रक्षाबंधन (Raksha bandhan), धमोली, बड़ी तीज(सातू तीज), उभ छठ, जन्माष्टमी (Janmashtami)और बछबारस आदि आस्था व सामाजिक परम्पराओं के उत्सव आ रहे है। ऐसे में परम्पराओं का निर्वहन के साथ शहरवासियों के लिये अति आवश्यक है कि वे इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुवे बहुत सावधानी रखें, संक्रमण से खुद बचे व अपने परिवार व शहर को बचाने में अपनी जिम्मेदार भूमिका अदा करे ।

राजस्थान : एएनएम प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन 31 जुलाई से होंगे प्रारम्भ

रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने कहा कि हमारे सभी उत्सव और परम्पराओ में जीवन की खुशी व सबके कल्याण की मूल भावना है, इसलिये इस बार हमारी पहली प्राथमिकता स्वयं व दूसरे के जीवन को कोरोना संकट से बचाना है, इस मूल भाव को याद रखकर ही हमें ये उत्सव मनाने है।

रक्षा बन्धन पर सभी बहने मास्क लगाकर भाइयों के घर जाएं और भाई कि जिम्मेदारी होनी चाहिये कि वो स्वयं मास्क लगाकर रखे फिर रक्षा सूत्र बंधाए।

मिष्ठान की जगह मिश्री का उपयोग करें जिसे भाई द्वारा हाथ में लेकर माथे से लगाकर सम्मान देना ज्यादा उचित होगा।

धमोली पर दिन भर विभिन्न पकवान नमकीन लेने देने व खाने की परम्परा में कोशिश करें इस बार बाज़ार की बजाय घर में बनाए, खुले में थालियों में भर भर कर इस बार लेना देना कम से कम करें व ढक कर ले जावें। लाना लेजाना और समूह में धमोली गोठ हो सके तो प्रतीकात्मक ही रखे ।

श्रावण मास 2020 : सावन मास में सफलता और समृद्वि के लिए राशि अनुसार ऐसे करें पूजा

बड़ी तीज, उभ छठ व बछबारस की पूजा व कहानी सुनने में इस बार चौक, गुवाड़ या गली में समूह की बजाय घर में करें पूजा करे और कहानी सुने कोई या मोबाइल का उपयोग कर बड़े बुजुर्ग से सुने। घर से बाहर करनी ही पड़े तो शोशल डिस्टेंसिंग व मास्क आदि का नियम सख्ती से पालन करें। ओझा ने कहा कि ऐसे ही जन्माष्टमी कृष्ण जन्मोत्सव(Krishna Janmashtami) और उभ छठ के दिन चांद उदय होने या रात्रि 12 बजने तक रात को घूम घूम कर मंदिरों में दर्शन करने जाते है ओझा ने कहा कि शास्त्रों में देश, काल, समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कार्य करने को कहा गया है।

इसलिये रमक झमक का आग्रह है कि इस बार घरों से बाहर दर्शन की बजाय घर में सिर्फ स्वयं भजन कीर्तन करें। शालिग्राम या कृष्ण की फोटो की पूजा करें तो उचित रहेगा। साथही इस बार हर त्योहार उत्सव पर प्रार्थना करें कि ईश्वर हमारे शहर व देश को इस संकट से जल्दी छुटकारा दे।

झुग्गी-झोपड़ी के मेधावी छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग देगा संघ का सेवा भारती

www.hellorajasthan.com की ख़बरें फेसबुक, ट्वीटर और सोशल मीडिया पर पाने के लिए हमें Follow करें.

Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter:

Exit mobile version