बीकानेर। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा सात दिवसीय श्री राम कथा भटमाल करनानी गेस्ट हाउस नापासर ( बीकानेर ) में दोपहर ३:०० से ६:०० बजे तक कथा का शुभारंभ किया गया।
इस कार्यक्रम के प्रथम दिवस में आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सरोज भारती ने राम जी की जीवन गाथा को प्रस्तुत करते हुए बताया कि नारद जी क्रोध में आकर के भगवान विष्णु को श्राप देते हैं।
इस कारण से भी प्रभु के पृथ्वी लोक पर अवतरण का कारण बताया जाता है और इसके अतिरिक्त मां सती की जीवन गाथा को प्रस्तुत करते हुए बताया कि मां सती प्रभु श्री राम की लीला को देखकर जब वह मां सीता की खोज करते हुए इधर-उधर भागते हैं।
उस दौरान भगवान शिव उनकी जय जयकार करते हैं। मां सती के मन में संशय आया कि यह भगवान नहीं हो सकते और भगवान शंकर उन्हें समझाते हैं लेकिन वह समझती नहीं है और प्रभु श्री राम की परीक्षा लेने के लिए गई प्रभु ने उनका प्रभुत्व उनके समक्ष प्रस्तुत कर दिया।
मां सती ने अपनी बुद्धि के द्वारा प्रभु को जानने की कोशिश की परंतु परमात्मा बुद्धि के धरातल से कोसों दूर है उसे एक पूर्ण गुरु की कृपा से ही जाना जा सकता है। साध्वी ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में बताते हुए कहा कि संस्थान की ओर से एक बोध नामक प्रकल्प चल रहा है जिसके तहत युवाओं को अध्यात्म की ओर अग्रसर किया जा रहा है वह युवा जो नशे में डूब कर पथ भ्रष्ट हो गए हैं उनको सही दिशा प्रदान करने के लिए ब्रह्म ज्ञान से जोड़ा जा रहा है जगह-जगह पर आध्यात्मिक व सामाजिक कार्यक्रम किए जाते हैं। जिसके द्वारा उन्हें सत्य की राह की ओर अग्रसर किया जाता है।
इससे पहले कथा का शुभारंभ बाबूलाल मुंडा परिवार के पूजन से किया गया। पूजन किया। कथा का शुभारंभ श्याम सुंदर जी करनानी, भंवर लाल जी मोहता, कन्हैयालाल जी मूंदड़ा, जुगल किशोर जी बोहती, जुगल किशोर झवर, राजकुमार करनानी, कालूराम जी सुथार और कृष्णा जी पेडीवाल के द्वारा किया गया।
अंत में इस कार्यक्रम का समापन प्रभु की आरती से किया गया।
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