राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
अंतराष्ट्रीय स्तर पर 25 देशों सहित 300 से अधिक प्रतिभागियों ने निभाई सहभागिता,100 से ज्यादा रिसर्च पेपर प्रस्तुत
बीकानेर। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा है कि आज के वैश्विक परिदृश्य में, तकनीकी नवाचार पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जिसके लिए कठोर अनुसंधान और तकनीकी विकास की आवश्यकता है। नए तकनीकी विचारों और विशेषताओं का मानव समाज में प्रचार प्रसार करना भी आवश्यक है, जिन्हें समाज के लाभ के लिए दैनिक जीवन में शामिल किया जा सकता है।
कुलपति यहां आनन्द इन्टरनेशनल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय फोर्थ इन्टरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रीसेंट डेवलपमेंट्स इन इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी के सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होने कहा कि इस प्रकार की अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस ऐसे विचारों और संबंधित निष्कर्षों के आदान-प्रदान के लिए शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों को एक साझा मंच पर लाने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। जो विशेष रूप से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में बहु – विषयक वातावरण में सीखने को बढ़ावा देगी जो विद्यार्थीयों को जीवन मूल्य से जोड़ने और भविष्य के लिए कुशल जनशक्ति बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और छात्रों और शोधकर्ताओं की एक बेहतर श्रेणी को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।
कुलपति ने कहा कि विधार्थी समाज और तेजी से बदलती दुनिया की चुनौतियों का सामना करें। मेरा मानना है की तकनीकी शिक्षा के प्रचार प्रसार और इसमें वृद्धि करना, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग करना,अंतः विषय अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देना, शैक्षिक मानकों को उन्नत करना और समग्र विकास के साथ युवाओं को सशक्त बनाने में यह कांफ्रेंस अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस प्रोग्राम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.के. सिंह, विशिष्ठ अथिति प्रो.ए.के. द्विवेदी डीन, आरटीयू कोटा, अतिथि वक्ता प्रो.अली तहरी ससेक्स यूनिवर्सिटी, यूके व जनरल चेयर डॉ. दीपक भाटिया आरटीयू,कोटा एवं आनन्द इन्टरनेशनल कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग की वाइस चेयरपर्सन मोनिका मित्तल अग्रवाल, प्रिंसीपल प्रो. विजय के. शर्मा, वाइस प्रिंसीपल व जनरल चेयर प्रो. प्रवीण अग्रवाल, ऑर्गनाइजिंग चेयर डॉ.भावना माथुर और कॉर्डिनेटर विवेक भोजक ने दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती वन्दना के साथ किया।
200 से अधिक शोधकर्ताओं ने लिया भाग
सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की यह कॉन्फ्रेंस हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई जिसमें विश्वभर से ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से 200 से अधिक शोधकर्ताओं ने भाग लिया जिसमे इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक अवसर सृजित के लिए शिक्षाविदो में वैश्विक स्तर पर हुई समूह चर्चा भी हुई।
इस दो दिवसीय इन्टरनेशनल कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े विख्यात विशेषज्ञों ने इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हाल में हुई उन्नती व विकास से जुड़े तथ्यों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए नवीन तकनीकी की उपयोगिता व उसके सतत विकास पर चर्चा की। जिससे रिसर्च के क्षेत्र में कार्यरत शोधकर्ताओं को नवीन तकनीकी की सहायता से नवाचारों को खोजने में सहायता मिलेगी।
इस कॉन्फ्रेंस के दौरान देश-विदेश के प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस प्रोग्राम से हमारे शैक्षणिक तथा शोध कार्य में सहभागिता रहेगी तथा उच्च शिक्षा व रिसर्च के क्षेत्र में नया आयाम मिलेगा। कार्यक्रम के दौरान यूके, इजिप्ट, स्पेन, नेपाल, एमएनआईटी व प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों द्वारा 20 से अधिक इन्वाटेड व कीनोट टॉकस दी गई।
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