चूरू। पंचायती राज संस्थाओं (जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों) के लिये आम चुनाव, 2020(Panchayat Chunav 2020) के दौरान कानून व्यवस्था एवं लोक शांति बनाए रखने के लिए जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में (Section 144 imposed) दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी की गई है। निषेधाज्ञा 12 दिसंबर 2020 सवेरे 7 बजे तक लागू रहेगी।
जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलक्टर डॉ प्रदीप के गावंडे की ओर से जारी आदेश के अनुसार निषेधाज्ञा के दौरान कोई भी व्यक्ति, व्यक्तिगत रूप से अथवा सामूहिक रूप से अपने साथ सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार के आग्नेय अस्त्र-शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, राईफल, बन्दूक आदि व अन्य किसी भी प्रकार के धारदार हथियार एवं अस्त्र-शस्त्र यथा गंडासा, फर्सी, कृपाण, बर्छी, चाकू, गुप्ती, त्रिशूल, संगीन पंजा आदि तथा सभी प्रकार के कुन्द हथियार लाठी, डण्डा, पत्थर व ईंट आदि को न तो साथ रखेगा न ही उसका प्रदर्शन करेगा। यह आदेश केन्द्रीय सुरक्षा बलों, सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस, सिविल होमगार्ड एवं उन राज्य एवं केन्द्र कर्मचारियों पर जो कानून एवं व्यवस्था के सम्बन्ध में अपने पास हथियार रखने के लिए अधिकृत किये गये हैं, पर लागू नहीं होगा।
वे व्यक्ति जो विकलांग, अंधे, अपाहिज एवं अतिवृद्ध हैं, लाठी का सहारा ले सकेंगे। सिख समुदाय के लोगों को धार्मिक परम्पराओं के अनुसार कृपाण धारण करने की छूट होगी। शस्त्र अनुज्ञा पत्र नवीनीकरण, शस्त्र निरीक्षण करवाये जाने अथवा शस्त्र को पुलिस थाना/ आम्र्स डीलर के यहां जमा कराये जाने हेतु ले जाने वाले व्यक्तियों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। किसी भी व्यक्ति, समुदाय, राजनैतिक पार्टी आदि के द्वारा सम्बन्धित रिटनिर्ंग ऑफिसर के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने पर वैध अनुमति प्राप्त किए बिना किसी भी रैली, जुलूस, आमसभा, नुक्कड़ नाटक आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा, परन्तु यह प्रतिबन्ध धार्मिक प्रवृत्ति के आयोजनों, विवाह समारोह, शवयात्रा पर लागू नहीं होगा। इसके साथ ही इस प्रकार की प्रत्येक सभा, जुलूस एवं सार्वजनिक, मीटिंग की अनुमति आदर्श आचरण संहिता एवं निर्वाचन आयोग के निर्देशों की पालना के अन्तर्गत होगी, जिसका स्पष्ट उल्लेख अनुमति देेने वाले अधिकारी द्वारा किया जाएगा। लोक शांति विक्षुब्ध न हो, को ध्यान में रखते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सम्बधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णयानुसार दिये गये मेगाहटर््ज तक ही उपयोग किया जा सकेगा।
कोई भी व्यक्ति किसी सम्प्रदाय/समुदाय विशेष को ठेस पंहुचाने वाले पोस्टर, पम्पलेट या अन्य कोई सामग्री का प्रकाशन नहीं करेगा। इस प्रकार के सम्प्रेषण समाचार पत्रों के माध्यम से दूरभाष सन्देश, एस.एम.एस., ई-मेल, सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट, मीडिया एम्स के माध्यम से भी किये जाने प्रतिबंधित होंगे। कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी किसी समुदाय/सम्प्रदाय विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगायेगा, न ही अफवाह फैलायेगा। इस आदेश की अवहेलना किए जाने पर नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। मंदिर, मस्जिदों, गिरिजाघरों, गुरुद्वारों व अन्य पूजा स्थलों को निर्वाचन प्रचार मंच के रूप में प्रयोग नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति इस दौरान साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले, उत्तेजनात्मक व धार्मिक भावना भड़काने वाले नारे नहीं लगाएगा, न ही भाषण, उद्बोधन देगा एवं न ही किसी भी स्थान पर ऎसे नारे लिखे जाएंगे। कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा, न ही अन्य किसी व्यक्ति को सेवन करवायेगा अथवा न ही मदिरापान हेतु दुष्प्रेरित करेगा।
अधिकृत विक्रेताओं को छोड़कर कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग को छोड़कर किसी अन्य उपयोग हेतु सार्वजनिक स्थलों में से मदिरा का किसी प्रकार का आवागमन या परिवहन नहीं करेगा। सूखा दिवस पर मदिरा विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी व्यक्ति इस दौरान किसी भी प्रकार की घातक रासायनिक पदार्थ, विस्फोटक पदार्थ एवं घातक तरल पदार्थ लेकर विचरण नहीं करेगा। चुनाव प्रचार-प्रसार हेतु तीन से अधिक वाहनों की रैली या काफिला नहीं निकाला जायेगा। मतदान दिवस के दिन मतदान केन्द्र एवं मतगणना दिवस पर मतगणना केन्द्र से दौ सौ मीटर की दूरी की परिधि के अन्दर किसी भी प्रकार के मोबाईल फोन, सैलफोन, वायरलैस का उपयोग नहीं करेगा और ना ही लेकर चलेगा। यह प्रतिबंध चुनाव ड्यूटी में लगे पुलिस अधिकारियों व अन्य कर्मचारी/अधिकारियों पर लागू नहीं होगा। इस आदेश की अवहेलना धारा 188 भा.दं.स. के तहत दण्डनीय अपराध होगा। जिले के सम्बन्धित कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी आदेश की अक्षरशः पालना सुनिश्चित कराएंगे।