सादुलपुर(चूरू)। चुरु जिले के (Churu District)राजगढ़ के गांव रामपुरा में (Rampura pregnant woman)सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन
लगाने से एक गर्भवती महिला की मौत मामले में तीसरे दिन सोमवार को ग्रामीणों व परिजनों के धरना जारी है। परिजनों की और से राज्य सरकार के सामने रखी गई मांगों पर अभी तक सहमति नही बन पाई है। मौके पर भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र राठौड़, बसपा नेता मनोज न्यांगली सहित अनेक नेता उपस्थित है। अभी तक किसी प्रतिनिधिमंडल और प्रशासन के बीच वार्ता किसी नतीजे पर नही पहुंच पाई है। ग्रामीणों ने मांगे नही माने जाने तक मृतका की अंतेष्टि नही करने की बात कही है। मौके पर गांव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पुलिस प्रशासन ने महौल को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता के इंतजाम किए हुए है।
जिला कलक्टर ने कहा
जिला कलक्टर डॉ प्रदीप के गावंडे ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए आई थी, जंहा तबीयत बिगड़ने पर हायर सेंटर पर रैफर किया गया था जंहा उसकी मृत्यु हो गई थी। प्रशासन ने इस मामले में पीएचसी के पूरे स्टाफ को बदल कर नया स्टाफ लगाया गया है। गांव में 108 एंबुलेंस की स्थाई व्यवस्था भी कर दी गई है। इसके साथ ही परिजनों द्वारा दी गई लिखित रिपोर्ट पर चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच भी शुरु कर दी गई है। मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्मार्टम करवा दिया गया है। मेडिकल बोर्ड की रिर्पोट अभी आनी बाकी है। राज्य सरकार ने कमेटी का गठन कर दो चिकित्सकेंा को यंहा भेजा है। यह कमेटी नियमानुसार जांच करेगी।
प्रदर्शनकारियों द्वारा दस लाख रुपये के मुआवजे की मांग को लेकर धरना दिया गया, मौके पर कुछ असमाजिक उपद्रवियों ने पीएचसी पर पथराव किया और एंबुलेंस, उपजिला कलक्टर की गाड़ी को नुकसान पहुंचाया। इस स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
जिला पुलिस अधीक्षक की प्रदर्शनकारियों से अपील
जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने बताया कि मुआवजे की मांग को लेकर सरकार स्तर पर प्रस्ताव भिजवाया गया है। प्रशासनिक स्तर पर सभी मांगों को लेकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हो चुकी है।
उन्होने बताया कि रविवार को हुए घटनाक्रम की पूरी विडियोग्राफी कराई जा चुकी है। इसकी जांच करने के बाद नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होने प्रदर्शनकारियेां से अपील कि की प्रजातत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में नही ले। मौलिक अधिकारों का ध्यान रखते हुए मृतका का अंतिम संस्कार जल्दी होना चाहिए।
लाठी और गोली का डर नहीं, अन्याय के खिलाफ लड़ेगे – राठौड़
धरने स्थल पर पहुंचे चूरू विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने कहा कि गर्भवती महिला की के बाद प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों पर बर्बकतापूर्वक लाठीचार्ज कर देना, वार्ता करने के लिए दो दिन बाद जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक आते है। संवदेनहीनता की प्रकाष्ठा हो गई है। यह कंहा का न्याय है। इस मामले में जो दोषी है उन्हे सजा देने में देरी करना कंहा का न्याय है।
राठौड़ ने कहा कि जब से राजस्थान में गहलोत सरकार आई है तब से दलितों पर अत्याचार में कीर्तिमान स्थापित किए है। दलितों पर अत्याचार में दूसरे नंबर पर और महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर आना दर्शाता है कि यंहा पर किस कदर की प्रशासनिक अर्कमण्यता है।
उन्होने कहा कि स्थानीय विधायक कृष्णा पूनियां द्वारा 22 महिलाअेां पर लाठीचार्ज कराना बेहद शर्मनाक है। यंहा पर विधायक अपने जेड प्लस सुरक्षा से आती है और महिलाअेां पर लाठीचार्ज कराती है, यह कितना उचित है। परिजनों की मुख्य मांग है जिस डाक्टर की गलती के कारण गर्भवती व बच्चे की मौत हुई उसे निंलबित किया जाना चाहिए।
विधायक कृष्णा पूनियां ने बताया कि परिजनों ने चार मांगों को रखा। जिसमें मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम, अस्पताल के स्टाफ को एपीओ, एंबुलेंस की सुविधा और मुख्मयंत्री राहत कोष से दस लाख रुपये की मांग शामिल है।
ग्रामीणों का धरना जारी
गांव में परिजनों के साथ करीब एक दर्जन गावों के ग्रामीण व चूरू विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड ,बसपा नेता मनोज न्यांगली, भाजपा नेता रामसिंह कस्वा, जिला प्रमुख हरलाल सहारण, भाजपा युवा मोर्चा के कृष्ण भाकर आदि ने मांग का समर्थन करते हुए पीडि़त परिवार को दस लाख रूपए आर्थिक सहायता एवं परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा दोषी मेडिकल स्टॉफ को निलंबन करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे है।
दरअसल रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियेां के बीच हुई झड़प में थानाधिकारी एवं पुलिस के जवान घायल हो गए। पथराव के बीच पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर एवं लाठियां बरसाकर भीड़ को तितर-बितर किया। घटना में एसडीएम की जीप तथा एक एंबुलेंस क्षतिग्रस्त हो गई। ग्रामीणों को भी चोटें लगी हैं। घटना के बाद पूरे गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं विधायक डा.कृष्णा पूनिया को भी ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। धरना स्थल पर पहुंचे। दोपहर को विधायक डा.कृष्णा पूनिया मौके पर पहुंची, तो आंदोलनकारियों ने उनका विरोध करते हुए नारेबाजी की।
वार्ता हुई विफल
मांग के समर्थन में 11 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया । जिसमें उपनेता प्रतिपक्ष व विधायक चूरू राजेन्द्रसिंह राठौड़, रामसिंह कस्वा, मनोज न्यांगली, जिला प्रमुख हरलाल सहारण एवं गांव के प्रमुख सात लोग शामिल थे। सदस्यों की जिला कलक्टर एवं एसपी से वार्ता हुई तथा पीडि़त को दस लाख रूपए की मदद करने, परिवार के सदस्य को नौकरी देने, दोषी मेडिकल स्टॉफ को निलंबन, एंबुलेंस की व्यवस्था करने की मांग पर सहमति नहीं बनी।
जिसके बाद ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने एवं मांगों के निराकरण के बाद ही शव लेने एवं अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया है। देर शाम तक शव नहीं उठाया गया। परिजनों की और से डा.भीमराज के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।