Surya Grahan 2020: श्रीगंगानगर जिले के घड़साना क्षेत्र में वलयाकार सूर्यग्रहण के दौरान दिन में दिखे तारे

Surya Grahan 2020 : घड़साना/श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar News)। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले (Sri Ganganagar District in Rajasthan) में साल के सबसे बड़े सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2020) का अद्भुत खगोलीय घटना सुबह 10ः15 बजे से ही अपना रुप लेना शुरु कर दिया। धीरे -धीरे 11ः50 बजे चंद्रमा सूर्य तथा पृथ्वी के बीच आ गया, जिससे वलयाकार आकृति में आ गया।

इस दौरान चंद्रमा की छाया में आने से सूर्य की तपिश भी कम हो गई और मौसम खुशनुमा हो गया। इसके साथ ही वलयाकार सूर्यग्रहण ने रिंग आॅफ फायर (Ring of Fire) की आकृति बना ली।

इस बार खगोलीय घटना का केंद्र राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का घड़साना, 11 पी पतरोड़ा,(11P Gharsana)सूरतगढ़ (Suratgarh) रहा। 11 पी पतरोड़ा में सूर्य ग्रहण सबसे पहले दिखाई दिया, उसके बाद सुबह 10ः12 बजे सूरतगढ़ में दिखना शुरू हुआ जो दोपहर जारी रहा।

अमेचर एस्ट्रोनोमर्स सोसाइटी जयपुर के खगोलविद गोविंद दाधीच ने बताया कि सुबह 11ः50 पर ग्रहण से 99 प्रतिशत ग्रसित हुआ। यंहा पर सूर्य मात्र 39 सेकंड तक वलयाकार रुप में दिखाई दिया। इस दौरान आसमान में तारे भी दिखाई दिए।

इसको बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ में भी आंशिक रुप से देखा गया। वंही सूरतगढ़ में भी इसे देखा गया।

Surya Grahan 2020: सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या ना करें, यंहा जाने

श्रीगंगानगर शहर में सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 10ः15 बजे हुई। दोपहर 11ः53 बजे सूर्य ग्रहण अपनी अधिकतम अवस्था प्राप्त की। दोपहर 1ः39 बजे तक ग्रहण का असर यंहा पर देखने को मिला।

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जयपुर के बी एम बिरला तारामंडल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि जयपुर में सुबह 10.15 बजे से और दोपहर 1.44 बजे तक आंशिक सूर्य ग्रहण देखा गया। उन्होंने कहा कि इस बार कोविड-19 के कारण बीएम बिड़ला तारामंडल परिसर में सूर्य ग्रहण देखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।

मंदिरो में रहा भजन कीर्तन का दौर

प्रदेशभर में सूर्यग्रहण के बीच मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थलेां पर भजन कीर्तन का दौर भी चलता रहा।

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देशभर से पहुंचे खगोल वैज्ञानिक

यंहा पर वलयाकार सूर्यग्रहण की घटना का अध्ययन करने और इस नजारे को अपने कैमरे में कैद करने के लिए डा.एपीजे अब्दुल कलाम नैशनल काउंसिल आॅफ यंग साइंटिस्ट गजेंद्र गोपाला, डाक्टर विक्रम सारा भाई स्पेस साइंस एंड टक्नोलाॅजी फाउंडेशन के मोहन राम इनानियां, विज्ञान प्रसार नोयडा के डा.अरविंद सी.रानाडे, रमन साइंस एंड टैक्नालाॅजी फाउंडेशन, राजस्थान जयपुर के बिरला प्लांटेरियम के गोविंद दाधीच व सौरभ मंगल, अमेचर एस्ट्रोनोर्मल सोसायटी के साथ दिल्ली, अहमदाबाद और पुणे इत्यादि स्थानेां के खगोल वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी यंहा पहुंचे।

खुली आखों से न देखने पर किया सचेत

मौके पर मौजूद वैज्ञानिकों ने लोगों को आगाह किया है कि सूर्य को बिना किसी उपकरण के खुली आंखों से देखना सुरक्षित नहीं है। ऐसा करने से रेटिना पर असर पड़ सकता है। ऐसे में उपकरणों के माध्यम से ग्रहण देखने का तरीका सुरक्षित होगा।

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विधायक के प्रयास सराहनीय

क्षेत्रीय विधायक शिमला बावरी के द्वारा पतरोड़ा के पास 11 पी में बड़े पैमाने पर चश्मे इत्यादि की व्यवस्था कराई गई, ताकि आम जनता को किसी तरह की परेशानी ना हो।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग

बीकानेर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग कार्यालय में टेलीस्कोप, फोल्ड स्कोप व दूरबीन आदि के माध्यम से सूर्य ग्रहण का नजारा दिखाया गया। कार्यालय के अनुसंधान अधिकारी सुनील बोड़ा सहित वैज्ञानिक और आमजन इस दौरान मौजूद रहे।

अनुसंधान अधिकारी सुनील बोड़ा ने बताया कि आज साल का पहला और बड़ा सूर्य ग्रहण है। वैज्ञानिक रूप से इसके कई मायने हैं। इसलिए यहां पर वैज्ञानिकों और आमजन के लिए सूर्यग्रहण देखने की व्यवस्था की गई है।

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