नई दिल्ली। देश में अब मियां -बीवी (Divorce) को तलाक लेना हो तो उन्हे छह माह का इंतजार नही करना पड़ेगा, वे तुरंत तलाक ले सकेंगे। सोमवार को (Supreme Court) सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने सुनवाई के दौरान यह बात कही।
आर्टिकल 142 में मिल सकेगा मियां -बीवी को तलाक आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि (Article 142) आर्टिकल 142 के तहत् यह आदेश दिया गया है कि वह न्याय के लिए दोनों पक्षों की सहमति से कोई भी आदेश जारी कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि यदि दोनों पक्ष तलाक के लिए सहमत हों तो फिर ऐसे मामलों को (Family Court) परिवार न्यायालय में भेजने की जरुरत नही है। जहां पर 6 माह से 18 माह तक का भी इंतजार करना पड़ता है।
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आर्टिकल 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार है कि वह दोनों पक्षों के साथ न्याय करने वाला को भी आदेश जारी कर सकता है। इस बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओका, विक्रम नाथ और जस्टिस एके माहेश्वरी भी इस बेंच में शामिल थे।
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सुप्रीम कोर्ट से मिल सकता है तलाक
बेंच ने कहा कि ‘‘यदि रिश्तों सुधरने की कोई गुंजाइश ना बची हो तो फिर सुप्रीम कोर्ट से तलाक मिल सकता है। ’’जस्टिस संजीव खन्ना नेेे बेंच का फैसला पढ़ते हुए कहा कि ऐसा करते हुए परिवार न्यायालय में जाने की जरुरत नही होगी। जहां छह से 18 माह तक इंतजार करना पड़ता है।
इसके साथ ही बेंच ने अपने फैसला में कुछ गाइडलाइंस भी तय की है। जिन पर तलाक के फैसले देते हुए विचार करने की जरुरत होगा। अदालत ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट में संबंध सुधरने की गुंजाइश ना होने वाली नही कही गई है।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इसके आधार पर तलाक मंजूर कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके अलावा व्यभिचार, धर्मांतरण और कू्ररता जैसी चीजें भी तलाक के लिए आधार मानी गई है। जून 2016 में एक मामले की सुनवाइ करते हुए दो स्दस्यीय बेंच ने संवैधानिक बेंच के समक्ष मामला भेजा था। जिसे सिंतबर माह में सुनवाई पूरी होने के बाद इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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