नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रयान -2 मिशन (Chandrayaan 3) का लैंडर विक्रम (Lander Vikram) और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक चंद्रमा (Moon) की सतह पर बुधवार सांय 6 बजकर 04 मिनट पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ ( Landing on Moon) कर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान -3 की सफलतापूर्वक लैंडिग के साथ ही भारत साउथ पेाल पर उतरने वाला पहला देश बन गया है। देशभर में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए मंदिरों व घरों में पूजा अर्चना और मस्जिदों में दुआ मांगी जा रही थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पर इसरो के वैज्ञानिकों व देशवासियों को बधाई दी है।
Chandrayaan Mission : 2008 को चंद्रयान मिशन लॉन्च
भारत ने 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान मिशन लॉन्च हुआ था। इस दिन पृथ्वी की कक्षा के बाहर किसी अन्य खगोलीय पिंड पर मिशन भेजने की अपनी क्षमताओं की भारत ने घोषणा की। तब तक केवल चार देश अमेरिका , रूस, यूरोप और जापान ही चंद्रमा पर एक मिशन भेजने में कामयाब रहे थे। इसके बाद ऐसा करने वाला भारत पांचवां देश बन गया था।
चंद्रयान -3 की लॉन्चिंग : चंद्रयान -3 अब 40 दिनों में 3.84 लाख किमी का सफर
चंद्रयान-3 की सफलता पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब हम आदित्य L-1 मिशन लॉन्च करेंगे। पीएम मोदी ने वर्चुअली कनेक्ट होकर यह पूरा कार्यक्रम देखा और इसरो को बधाई दी।
इस सफलता के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
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चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है। चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगे। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था।
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