कड़कड़ाती ठण्ड से किटकिटाते दांत…बर्फीले मौसम से सुन्न पड़ते हाथ

Sanchu Post Historical Journey of Journalists on Indo -Pak Border

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Sanchu Post Historical Journey of Journalists on Indo -Pak Border

@ श्याम मारु

Sanchu Post Historical Journey : कड़कड़ाती ठण्ड से किटकिटाते दांत…बर्फीले मौसम से सुन्न पड़ते हाथ…. सायं-सायं बहती डाफर हवा से शूल से चुभते कान … । ये किसी कविता की पंक्तियां नहीं है….यह हकीकत है उस जज्बे की..यह सच्चाई है उस कर्तव्य की…यह जीवटता है उस जिम्मेदारी की  जो जांबाज जवान देश की सीमा  पर निभा रहे थे। यह सुनी-सुनाई बात नहीं है।

यह आंखो देखा सजीव चित्रण है, देश की सीमा पर मुस्तैदी से डटे निडर जवानों के हौसले का। इसे मैंने खुद देखा है,,, महसूस किया है…यह मेरे जीवन का सबसे रोमांचक भ्रमण रहा। जांबाज जवानों के दृढ़ चेहरे मुझे अब भी याद हैं।

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जार- का तीन दिवसीय अधिवेशन

जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान -जार- (JAR) का तीन दिवसीय अधिवेशन बीकानेर के होटल पाणिग्रहण (Hotel Panigrahan) में आयोजित किया गया। जार ने शनिवार को पत्रकारों की मांगों का बीकानेर घोषणा पत्र जारी किया।

रविवार को उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के उर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने पत्रकारों की समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया तो समारोह की अध्यक्षता कर रहे नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इण्डिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रिछपाल पारिक ने जार की भूमिका का जिक्र किया।

कार्यक्रम के अन्य मेहमान  जार के प्रदेशाध्यक्ष हरि वल्लभ मेघवाल, बीकानेर पूर्व क्षेत्र की विधायक सुश्री सिद्धी कुमारी, नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई, लूणकरनसर विधायक सुमित गोदारा, श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी महिया, बीकानेर नगर निगम की महापौर श्रीमती सुशीला कंवर राजपुरोहित, उरमूल डेयरी के चैयरमैन नोपाराम जाखड़, यूआईटी के पूर्व चैयरमैन हाजी मकसूद अहमद और शिक्षाविद् सुभाष स्वामी ने भी विचार रखे। द्वितीय सत्र में जार की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई गई।

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 देशनोक में  सम्मान समारोह

उसी शाम को देशनोक में जार के वरिष्ठ पत्रकार नन्द किशोर शर्मा के नेतृत्व में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि देशनोक नगरपालिका के चैयरमैन ओम प्रकाश मूंधड़ा, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि माधोदान देपावत, श्री करणी मंदिर निजी प्रन्यास के जगदीशदान, नेता प्रतिपक्ष श्रीमती प्रियंका चारण, देशनोक थाना प्रभारी संजय सिंह राठौड़ ने भी पत्रकारों के संघर्ष की बाते कही।

Sanchu Post : अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सांचू चौकी का भ्रमण

लेकिन  मेरे लिए सबसे रोमांचक रहा अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) पर स्थित सांचू चौकी (Sanchu Post) का भ्रमण। यह भ्रमण सिर्फ औपचारिक नहीं था। घने कोहरे के बीच हमारा दल सुबह 8 बजे बीकानेर से रवाना हुए (Bikaner to Sanchu Post) । सारे रास्ते धुंध के कारण 15-20 मीटर से आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। बस में गीत गाते-गुनगुनाते हम दोपहर बाद सांचू बॉर्डर पहुंचे।

BSF जवानों ने हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया। बर्फीली सर्द हवा के थपेड़ों को झेलते जान की बाजी लगाने वाले जवानों की पैनी नजरें इधर-उधर घूम रही थी। घने स्याह कोहरे का फायदा उठाकर कोई घुसपैठिया अपनी कोशिश को अंजाम नहीं दे दे, ऐसे नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवान दिन रात चौबीसों घंटे तारबंदी  पर पहरा दे रहे थे।

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Bikaner -Sanchu Post : बॉर्डर टूरिज्म के नजरिए से विकसित

बीकानेर से लगभग 245 किलोमीटर दूर सांचू चौकी को बॉर्डर टूरिज्म (Border Tourism) के नजरिए से विकसित किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल  बीकानेर सेक्टर के उप महानिरीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में अब तक वैपन गैलरी, फोटो गैलरी, बॉर्डर फैंसिंग सेल्फी प्वाइ्रट बनाए गए हैं और मंदिर कानिर्माण चल रहा है।

वैपन इस चौकी का भ्रमण के दौरान वेपन गैलरी देखने  को मिली। इस गैलरी में अमरीका, जर्मनी, इटली, चीन, इजरायल समेत अनेक देशों में निर्मित विभिन्न तरह के हथियार थे लेकिन खास तो वो थे जिन्हें 1971 में पाकिस्तान के घुटने टिकाकर छीने गए थे। इन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो ये हथियार सीमा सुरक्षा बल की वीरता का बखान कर रहे हों।

Sanchu Post Historical Journey of Journalists on Indo -Pak Border

वहीं गैलरी में एक फोटो ऐसा भी था जिसमें 1971 के युद्ध से  पहले  सीमा सुरक्षा बल की चौकी पर रणनीति बनाई गई और परिणिति में विजयी पताका फहराई गई। सीमा पर देश के लिए न्यौछावर होने वालों के चित्र देखकर आंखें नम हो गई। मन भर आया।

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सर्द रातों में जब हम नरम-गरम रजाइयों में बैठे टीवी सीरियलों का आनंद ले रहे होते हैं, क्योंकि इसलिए, …तब काले स्याह अंधेरे में नाइट विजन डिवाइस और थर्मल इमेजर गले में डाले  बॉर्डर फ्लड लाइट वाले खम्भे पीछे या मचान से ये जवान सुरक्षा में डटे रहते हैं। वापसी में लौटते समय मैं  सोच रहा था, धन्य है वो मां जिसने ऐसे सपूतों को जन्म दिया। उनको बारम्बार प्रणाम।

(वरिष्ठ पत्रकार, बीकानेर, राजस्थान)

Tags : Sanchu Post , Border Tourism, Bikaner, Rajasthan , BSF,

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