राजस्थान
प्रकृति का है अनमोल खजाना,
सुन्दरता का है महारूप दर्शाना।।
महान राजस्थान का है इतिहास,
प्रफुल्लित कण-कण में विश्वास।।
राजस्थान संपन्न है सहयोग यहाँ,
समृद्धिशाली पर्यटन उद्योग जहाँ।।
प्राकृतिक रूप से निराली छटा,
अरावली से है दो भागो में बँटा।।
जयपुर आमेर-शीश महल देख,
उदयपुर प्यारी प्यारी झीलें देख।।
सूर्यनगरी जोधपुर की शान भारी,
बीकानेर जम्भगुरु का धाम भारी।।
जयपुर हवामहल है शान यहाँ,
जोधपुर छत्रप्लेस महान जहाँ।।
बीकानेर-जैसलमेर के धोरे प्यारे,
जोधपुर मेहरानगढ़ के दुर्ग न्यारे।।
चित्रशैली किशनगड़ की न्यारी है,
हाड़ौती मेवाड़ जोड़ी प्यारी है।।
लोक कला संस्थान हर गाँव है,
खेल नृत्य का राजस्थान धाम है।।
राजस्थान में सबसे शाही रेत है,
यहां काकड़िया मतीरा रा खेत है।।
राजस्थान गऊ को मानै माता है,
यहाँ राखै कृपा नित विधाता है।।
राजस्थान वेशभूषा सबसे न्यारी है,
लगती ज्यूँ केसर री क्यारी है।।
राजस्थान राज्य पशु ऊँट यहाँ,
नहीं चलती व्यर्थ की झूठ यहाँ।।
कोयल सी राग-मलहार है गावै,
धाकड़ म्हारो राजस्थान दर्शावै।।
रुतबा प्रदेश राजस्थान रा ऊँचा है,
सच्चे है लोग कोई न लुचा है।।
प्यारी बोली यह राजस्थानी है,
यहाँ मीठी सबकी वाणी है।।
मनाते त्यौहार यहाँ चहुँओर हैं,
करवाचौथ अमावस गणगौर हैं।।
दीवाली व होली का जोर हैं,
ईद मुहर्रम जैसे पर्व और हैं।।
राजस्थान की मिठाई “घेवर” है,
राजस्थान संस्कृति को सेवर है।।
राबड़ी हीरो चूरमा भोजन है,
ज्वार बाजरा सूरमा पूजन है।।
राजस्थान भाइयों बड़ा महान है,
‘पृथ्वीसिंह’ नाज करै हिंदुस्तान है।।
रचनाकार
@कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल
जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर
9518139200