ज्योतिर्विद् विमल जैन
भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह के तिथि-पर्व की विशेष महिमा है।
प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि सोमवार को पडने वाली अमावस्या तिथि सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2021) के नाम से जानी जाती है। सोमवार का दिन देवाधिदेव महादेव शिवजी का माना गया है। आज के दिन शिवपूजा (Shiv Puja) भी कल्याणकारी होती है।
शिवजी का रुद्राभिषेक भी आज के दिन करवाना लाभकारी माना गया है। इस बार अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ने से और अधिक शुभ फलदायी हो गई है। इस बार 12 अप्रैल, सोमवार को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का पर्व मनाया जाएगा।
ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि चैत्र कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि रविवार, 11 अप्रैल को प्रातः 6 बजकर 04 मिनट पर बजे लगेगी जो कि अगले दिन सोमवार, 12 अप्रैल को प्रातः 8 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। इस तिथि पर स्नान-दान-व्रत करने का विशेष महत्ता है।
पूजा-अर्चना का विधान
सोमवती अमावस्या पर पीपल वृक्ष की पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है। श्राद्ध की अमावस्या रविवार, 11 अप्रैल (shubh time) को है। अमावस्या तिथि पर विधि-विधान पूर्वक पितरों की भी पूजा-अर्चना की जाती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि, खुशहाली का आगमन होता है।
इस दिन पीपल के वृक्ष व भगवान् विष्णु की पूजा-अर्चना के साथ पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने पर आरोग्य व सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
समस्त धार्मिक अनुष्ठान करने पर उत्तम फल की प्राप्ति होती है। पीपल के वृक्ष की पूजा का आज विशेष महत्व है। पीपल वृक्ष पूजा के मन्त्र ॐ मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्ये विष्णुरूपिणे अग्रतो शिवरूपाय पीपलाय नमो नमः।
आज के दिन व्रतकर्ता को अपनी दिनचर्या नियमित व संयमित रखते हुए यथासम्भव गरीबों, असहायों और जरूरतमन्दों की सेवा व सहायता तथा परोपकार के कृत्य अवश्य करने चाहिए। जिससे जीवन में सुख-समृद्धि, खुशहाली बनी रहे।
पीपल के वृक्ष की विशेष महिमा
पीपल वृक्ष में समस्त देवताओं का वास माना गया है। पीपल के वृक्ष को जल से सिंचन करके विधि-विधान पूर्वक पूजा के पश्चात् 108 बार परिक्रमा करने पर सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन व्रत उपवास रखकर इष्ट-देवी देवता एवं आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए।
आज का विशेष
(Puja vidhi )ब्राह्मण को घर पर निमन्त्रित करके उन्हें भोजन करवाकर सफेद रंग की वस्तुओं का दान जैसे -चावल, दूध, मिश्री, चीनी, खोवे से बने सफेद मिष्ठान्न, सफेद वस्त्र, चाँदी एवं अन्य सफेद रंग की वस्तुएं दक्षिणा के साथ देकर, उनका चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए।
किसी कारणवश यदि ब्राह्मण को भोजन न करवा सकें तो इस स्थिति में उन्हें भोजन सामग्री (सिद्धा) के साथ नकद द्रव्य देकर पुण्यलाभ प्राप्त करना चाहिए।
(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी)
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