Pradosh Vrat 2023 : प्रदोष व्रत अत्यंत चमत्कारी, व्रत करने से मिलेगा सौभाग्य और होगी विजय की प्राप्ति

Pradosh Vrat 2023 : Pradosh Vrat 2023 Date Shiv Puja Muhurat Vidhi

Pradosh Vrat 2023, 2023 Pradosh Vrat,Pradosh Vrat,Pradosh Vrat Date,प्रदोष व्रत कथा,व्रत कथा, Pradosh Vrat PDF Download, pradosh vrat kab hai,प्रदोष व्रत कथा pdf,pradosh vrat 2023 in hindi,प्रदोष व्रत कैलेंडर 2023 List PDF,Pradosh Vrat 2023 Muhurat,Pradosh Vrat 2023 Kab hai,Pradosh Vrat Puja vidhi,Pradosh Vrat Benefit,Pradosh Vrat 2023 Shubh yoga

Pradosh Vrat 2023 : Pradosh Vrat 2023 Date Shiv Puja Muhurat Vidhi

Pradosh Vrat 2023 : गुरु प्रदोष व्रत : 12 अक्टूबर 2023 को

-ज्योर्तिवद् विमल जैन

कलियुग में भगवान शिवजी को प्रसन्न करने के लिए शिवपुराण में विविध व्रतों का उल्लेख है, जिसमें प्रदोष व्रत अत्यन्त चमत्कारी माना गया है। प्रदोष व्रत से दु:ख-दारिद्र्य का नाश होता है। जीवन में सुख-समृद्धि खुशहाली आती है, जीवन के समस्त दोषों के शमन के साथ ही सुख-समृद्धि का सुयोग बनता है। सूर्यास्त और रात्रि के सन्धिकाल को प्रदोषकाल माना जाता है।

ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि प्रदोष बेला होने पर प्रदोष व्रत रखा जाता है।

Pradosh Vrat 2023 : गुरु प्रदोष व्रत का समय 

प्रदोषकाल का समय सूर्यास्त से 48 मिनट या 72 मिनट तक माना गया है, इसी अवधि में भगवान् शिवजी की पूजा प्रारम्भ हो जानी चाहिए। इस बार यह व्रत 12 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जाएगा। आश्विन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 अक्टूबर, बुधवार को सायं 5 बजकर 38 मिनट पर लगेगी जो कि 12 अक्टूबर, गुरुवार को रात्रि 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगी।

प्रदोष बेला में त्रयोदशी तिथि का मान 12 अक्टूबर, गुरुवार रहेगा। प्रदोष व्रत इसी दिन रखा जाएगा। अभीष्ट-मनोकामना की पूर्ति के लिए 11 प्रदोष व्रत या वर्ष के समस्त त्रयोदशी तिथियों का व्रत अथवा मनोकामना पूर्ति होने तक प्रदोष व्रत रखने का विधान है।

यह भी पढ़ें : Nimbu Mirch Totke : नींबू मिर्ची बांधने से कैसे मिलती है तरक्की या असफलता, जाने कैसे

Pradosh Vrat  : प्रदोष व्रत का विधान

ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि व्रतकर्ता को प्रात:काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर समस्त दैनिक कृत्यों से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारणकर पूजा-अर्चना के पश्चात् अपने दाहिने हाथ में जल, पुष्प, फल, गन्ध व कुश लेकर प्रदोष व्रत का संकल्प लेना चाहिए। सम्पूर्ण दिन निराहार रहते हुए सायंकाल पुन: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके प्रदोषकाल में भगवान शिवजी की विधि-विधान पूर्वक पंचोपचार, दशोपचार अथवा षोडशोपचार पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

भगवान शिव का अभिषेक कर शृंगार करने के पश्चात् उन्हें वस्त्र, यज्ञोपवीत, आभूषण, सुगन्धित द्रव्य के साथ बेलपत्र, कनेर, धतूरा, मदार, ऋतुपुष्प, नैवेद्य आदि अर्पित करके धूप-दीप के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए। परम्परा के अनुसार कहीं-कहीं पर जगतजननी पार्वती की भी पूजा-अर्चना की जाती है। यथासम्भव स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही पूजा करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें : सुंदरकांड का पाठ करने से मिलती है सफलता, जाने कैसे

शिवभक्त अपने मस्तक पर भस्म व तिलक लगाकर शिवजी की पूजा करें तो पूजा शीघ्र फलदायी होती है। भगवान् शिवजी की महिमा में उनकी प्रसन्नता के लिए प्रदोष स्तोत्र का पाठ एवं स्कन्दपुराण में वर्णित प्रदोषव्रत कथा का पठन या श्रवण अवश्य करना चाहिए। व्रत से सम्बन्धित कथाएँ सुननी चाहिए जिससे मनोरथ की पूर्ति का सुयोग बनता है।

अलग-अलग दिन के प्रदोष व्रत का फल

ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि धर्मशास्त्र में प्रत्येक दिन के प्रदोष व्रत का अलग-अलग प्रभाव उल्लेखित है। वारों (दिनों) के अनुसार सात प्रदोष व्रत माने गए हैं, जैसे—रवि प्रदोष-आयु, आरोग्य, सुख-समृद्धि, सोम प्रदोष-शान्ति एवं रक्षा तथा आरोग्य व सौभाग्य में वृद्धि, भौम प्रदोष-कर्ज से मुक्ति, बुध प्रदोष-मनोकामना की पूॢत, गुरु प्रदोष-विजय व लक्ष्य की प्राप्ति, शुक्र प्रदोष-आरोग्य, सौभाग्य एवं मनोकामना की पूर्ति, शनि प्रदोष-पुत्र सुख की प्राप्ति।

विशेष

व्रतकर्ता को व्रत के दिन शिव मन्दिर में दर्शन-पूजन करके लाभ उठाना चाहिए। यह प्रदोष व्रत समस्त जनों के लिए मान्य है। व्रतकर्ता को दिन के समय शयन नहीं करना चाहिए। व्रत के दिन अपने परिवार के अतिरिक्त कहीं कुछ भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। साथ ही अपनी दिनचर्या को संयमित रखते हुए व्रत करके जीवन को खुशहाल बनाना चाहिए।

(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी)

तिलक लगाने से मिलती है सफलता, राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभाव को करता है कम

Tags : Pradosh Vrat 2023, 2023 Pradosh Vrat,Pradosh Vrat,Pradosh Vrat Date,प्रदोष व्रत कथा, व्रत कथा,

Exit mobile version