जयपुर। राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से ‘कृष्ण गमन पथ’ धार्मिक सर्किट बनाया जाएगा, जिससे दोनों राज्यों के बीच धार्मिक और सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा तथा आपसी रिश्ते और अधिक मजबूत होंगे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में सपरिवार भगवान महाकाल के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने सांदीपनि आश्रम पहुंचकर वहां भी विधिवत पूजा अर्चना की। प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा ने इसकी घोषणा की है।
इस मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण, बाबा भोलेनाथ की नगरी उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने आए थे। उन्होंने कहा कि मथुरा से लेकर उज्जैन तक जिन जिन स्थानों से कृष्ण होकर आए, उनको राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कर ‘कृष्ण गमन पथ’ धार्मिक सर्किट बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सर्किट के विकसित होने से दोनों राज्यों के बीच धार्मिक और सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा तथा आपसी रिश्ते और अधिक मजबूत होंगे।
उन्होने कहा कि भगवान कृष्ण धर्म के प्रतीक हैं और उनका जीवन आज भी हमें प्रेरित करता हैं। जहाँ-जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के पावन चरण पड़े, उन सभी स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। जगद् गुरु भगवान श्री कृष्ण का लीलामयी जीवन ‘श्रीकृष्ण- गमन पथ’ के माध्यम से हमारे प्रेरणा केंद्र के रूप में स्थापित होगा।श्रीकृष्ण ने मथुरा से भरतपुर और कोटा के रास्ते उज्जैन तक आध्यात्मिक यात्रा की थी।
हम इस ऐतिहासिक मार्ग को विकसित करने का काम करेंगे। लोक आस्था के केंद्र ‘प्रभु श्रीकृष्ण’ से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों व धार्मिक स्थलों को ‘श्रीकृष्ण गमन-पथ’ के रूप में विकसित किया जाएगा। मार्ग में पड़ने वाले मंदिरों जैसे भरतपुर में बांके बिहारी मंदिर, कोटा में श्री मथुराधीश मंदिर, झालरापाटन में श्री द्वारकाधीश मंदिर तथा अन्य तीर्थ स्थानो का सौंदर्यीकरण किया जाएगा, विकास कार्य किए जाएंगे और तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ मेरी बैठक के दौरान, हमने निर्णय लिया था कि प्रधानमंत्री के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना के अनुसार, दोनों सरकारें श्री कृष्ण गमन पथ को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगी ताकि दोनों राज्यों के नागरिक इस आध्यात्मिक अनुभव का आनंद ले सकें।