जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री (CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने मालवीय नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ टैक्नोलॉजी (एमएनआईटी) (MNIT) द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन मेें सुझाए गए टास्क को आगामी 1 अप्रैल से प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना (MNREGA) की विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यों में नियोजित अकुशल श्रमिकों (Unskilled Workers) के लिए लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने एमएनआईटी के वैज्ञानिकों से मनरेगा (NREGA)योजना की विभिन्न गतिविधियों की वर्क टाइम मोशन स्टडी करवाई थी। जिसमें साइंटिफिक तरीके से प्रदेश के सभी जिलों में इस योजना के तहत महिला एवं पुरूष अकुशल श्रमिकों द्वारा अलग-अलग मौसम में किए जा रहे कार्यों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया गया। इस रिपोर्ट में महानरेगा की सबसे ज्यादा की जाने वाली गतिविधियों जैसे-तालाब खुदाई एवं अन्य मिटटी के कार्यों पर वर्तमान में प्रचलित टास्क से कम टास्क प्रस्तावित किया गया। जिसे अकुशल श्रमिकों के लिए लागू करने की मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में ग्रामीण विकास की योजनाओं के लिए निर्धारित टास्क पर 30 प्रतिशत टास्क की छूट प्रदान कर महानरेगा के कार्य करवाए जा रहे हैं। अब एमएनआईटी की वर्क टाइम मोशन स्टडी के आधार पर अकुशल श्रमिकों के लिए टास्क में और कमी की गई है, जिसका लाभ महानरेगा श्रमिकों को मिलेगा।
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