नई दिल्ली। केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल (Union Minister Arjun Ram Meghwal) ने जयपुर के ग्राम मुण्डला तहसील जमरावगढ़ स्थित डाॅ. भीमराव अम्बेडकर फाउंडेशन के अस्तित्व को समाप्त न करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है।
उन्होने पत्र में लिखा कि राजस्थान सरकार के मंत्रिमण्डल की 2 सितम्बर 2020 को हुई बैठक में ग्राम मुण्डला, जयपुर में स्थापित डाॅ. भीमराव अम्बेेडकर फाउंडेशन अम्बेडकर पीठ का अस्तित्व समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार अम्बेडकर पीठ के प्रशासनिक नियंत्रण, समस्त सम्पति एवं परिसम्पतियों डा. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग को हस्ंतातरित करने का निर्णय हुआ है।
मेघवाल ने कहा है कि अम्बेडकर पीठ का निर्माण 2007-08 में भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के विचार एवं अवधारणा के प्रचार-प्रसार तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितों के लिए उनके आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास के लिए किया गया था।यह पीठ 75 बीघा भूमि में स्थापित है एवं इस परिसम्पति की कीमत लगभग 100 करोड़ रूपये है।
उन्होने कहा कि यद्यपि विधि विश्वविद्यालय का नाम बाबा साहब के नाम पर ही रखा गया है किन्तु इस नाम मात्र से ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति को अलग से कोई विशिष्ट लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा।
चूंकि पीठ अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के सामाजिक, आर्थिक एवं सामाजिक जीवन से संबंधित बिंदुओं का अध्ययन एवं शोध केन्द्र के रूप में स्थापित है अतः अम्बेडकर पीठ को समाप्त करने से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के शैक्षणिक एवं कौशल विकास का बहुत अहित होगा। इसी संदर्भ में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र के माध्यम से निवेदन किया है कि समाज के वंचित वर्ग के अधिकारो की रक्षा तथा डाॅ. अम्बेडकर की चिंतन की परंपरा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अम्बेडकर पीठ का स्वशासी अस्तित्व कायम रखा जाऐ।