जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर राज्य में राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है। यह ट्रस्ट प्रदेश में उपलब्ध खनिज भण्डाराें की वैज्ञानिक तरीके से खोज व खनन में आधुनिक तकनीक का उपयोग, अनुसंधान, शोध, कौशल विकास व राजस्व बढ़ोतरी सहित इससे जुड़ी गतिविधियों के बेहतर संचालन और मोनेटरिंग करेगा। इस ट्रस्ट के संचालन के लिए खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय संचालक मण्डल (गवर्निंग बॉड़ी) बनाया गया हैं वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव खान व पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कार्यकारी समिति (एक्जिक्युटिव कमेटी) बनाई गई है।
खान व पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत राज्य में विपुल खनि संपदा का सुनियोजित व वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण, खोज व खनन में आधुनिक तकनीक के उपयोग और अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए लघु, मध्य एवं दीर्घकालीन नीति बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर जोर देते रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान देश में खनि उत्पादन मूल्य में 20.26 प्रतिशत हिस्सेदारी निभा रहा है जबकि खोज एवं सर्वेक्षण मेें देश में सबसे कम राशि व्यय की जा रही है।
खान मंत्री श्री भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत की मंशा के अनुसार विभाग द्वारा दूरगामी सोच के साथ आरएसएमई ट्रस्ट बनाया गया है। इस ट्रस्ट के गठन का मुख्य उद्देश्य राज्य में खनिज संपदा की खोज, खनिज संसाधनों का विकास और आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीक से दोहन कर अधिक से अधिक उत्पादन व प्रदेश के लिए राजस्व को बढ़ाना है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा प्रदेश में खनिज संसाधनों के नियोजित अन्वेषण व उत्खनन के लिए लघु, मध्य और दीर्घकालीन विजन और योजना तैयार की जाएगी, इसके साथ ही अन्वेषण का मास्टर प्लान और उपलब्ध संसाधनों का विस्तृत अन्वेषण और वर्गीकरण करवाया जाएगा। वन क्षेत्र में खनि संपदा की खोज के लिए वन (कंजरवेसन) अधिनियम 1980 के तहत अनुमति प्राप्त की जाएगी। भूवैज्ञानिक, जमीन और हवाई सर्वेक्षण और स्पष्ट भूवैज्ञानिक संभावित क्षेत्रों के भू रासायनिक सर्वेक्षण की सुविधा के लिए, खनिज विकास, सतत खनन की उन्नत वैज्ञानिक तकनीक को अपनाने और खनिज निष्कर्षण धातु विज्ञान का अध्ययन करवाया जाएगा। खनिज विश्लेषण और अयस्कों के परीक्षण के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करने के लिए, विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा प्रस्तुत चट्टानों और खनिज नमूनों की जांच की जाएगी।
निजी क्षेत्र के खनिज उत्पादों व अयस्कों की गुणवत्ता आदि की रासायनिक, भौतिक परीक्षण और विश्लेषण द्वारा आकलन किया जा सकेगा। राज्य में शोध एवं अनुसंधान के लिए लेबोरेटरी की स्थापित कर उसे नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार टेस्टिंग एण्ड क्रेलिब्रेशन लेबोरेटरी से मान्यता दिलाई जाएगी ताकि खनिज प्रयोगशाला मेें खनिज उत्पादोें के परीक्षण और विश्लेषण के आधार पर अनुसंधान और विकास को बढ़ावा और प्रमाणीकरण किया जा सके।
एसीएस माइन्स डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा राज्य खनिज निर्देशिका, राज्य खनिज एटलस, भू-सूचना विज्ञान और खनिज संसाधन सूचना प्रणाली विकसित की जाएगी और सार्वजनिक डोमेन पर भूवैज्ञानिक और अन्य भू वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही यह ट्रस्ट नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाने और तकनीकी, परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार को सहयोग करेगा। ट्रस्ट द्वारा कम ग्रेड के खनिजों से खनिज लाभ प्राप्त करने के लिए मूल्य संवर्धन अध्ययन करवाया जाएगा, वहीं अन्वेषण परियोजनाओं का लॉजिस्टिक सुविधा सहित जीपीएस और जीएनएनएस सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। आरएसएमईटी खनिज आधारित उद्योगों के निवेशकों की सुविधा और बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय विकास केंद्र स्थापित करने के साथ कौशल विकास के लिए संस्थानों की पहचान, कौशल विकास पाठ्यक्रमों की डिजाइनिंग और कौशल विकास संस्थानों को प्रोत्साहन में सहयोग देगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमई ट्रस्ट में अधिकारियों, भूविज्ञानी या वैज्ञानिक, तकनीकी व्यक्तियों, वित्तीय सलाहकारों, प्रबंधन सलाहकारों और अन्य कर्मचारियों की सेवाएं लेने के साथ ही उनके लिए कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम आयोजित होंगे। खोज कार्य को गति देने और खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी में ड्रोन, सर्वेक्षण आदि का उपयोग किया जाएगा जिससे अवैद्य खनन गतिविधियों पर अंकुश भी लग सकेगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के लिए अप्रधान खनिजों पर ली जा रही रॉयल्टी पर दो प्रतिशत सेस राशि और अवैद्य खनन से प्राप्त राजस्व की दस प्रतिशत राशि से एक कोष बनाया जाएगा। राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की 9 सदस्यीय संचालक मण्डल (गवर्निंग बॉडी) के अध्यक्ष खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया होंगे और एसीएस फायनेंस, वन एवं पर्यावरण, राजस्व, प्रबंध संचालक आरएसएमएमएल, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के राजस्थान इकाई के उपमहानिदेशक, राज्य के निदेशक माइन्स एवं भूगर्भ, मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम इसके सदस्य सचिव होंगे। गवर्निंग बॉडी की साल में कम से कम एक बार मीटिंग अवश्य होगी। इसी तरह से अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कार्यकारी समिति बनाई गई है। इसमें निदेशक माइन्स एवं भूगर्भ सदस्य सचिव व जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के राज्य इकाई के निदेशक तकनीकी समन्वय, आरएसएमएमएल और मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन के प्रतिनिधि व संयुक्त सचिव माइन्स व पेट्रोलियम सदस्य होंगे। इसकी बैठक तीन माह में एक बार होगी।
खान विभाग के संयुक्त सचिव ओम कसेरा ने ट्रस्ट के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।