जयपुर। पंचायत आम चुनाव-2020 (Rajasthan Panchayat Election) में विशेष योग्यजन की मतदान के दौरान शत प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए, उनके लिए मतदान केन्द्रों पर आवश्यक सुविधाओं, आने वाली समस्याओं के निवारण और रचनात्मक सुझावों के लिए विशेष योग्यजन की जिला स्तरीय समति की बैठक जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) एवं जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्टे्रट सभागार में हुई।
श्री नेहरा ने कहा कि विशेष योग्यजनों की निर्वाचन प्रक्रिया मेंं शत प्रतिशत सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने निर्वाचन में विशेष योग्यजनों की सहभागिता की सुनिश्चतता के लिए अब तक सरकार के स्तर पर उठाए गए कदमों की जानकारी विशेष योग्यजनों के कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाले एनजीओ के प्रतिनिधियाें को दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए विशेष योग्यजन का डेटा उपलब्ध है, इसका मतदाता सूची से मिलान कराया जा रहा है। हर विशेष योग्यजन को मतदान करवाने के लिए केन्द्र पर रैंप, व्हील चेयर, दृष्टिबाधित मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र पर डमी बैलेट शीट्स एवं यूनिट की उपलब्धता, पेयजल, शौचालय, छाया युक्त बैठक, उनकी सहायतार्थ वालंटियर्स की व्यवस्था रखी जा रही है।
श्री नेहरा ने शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि को निर्देश दिए कि हर सीनियर सैकण्डरी विद्यालय से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले 18 वर्ष की आयु प्राप्त विशेष योग्यजन का नाम मतदाता सूची में आवश्यक रूप से दर्ज कराया जाए। उन्होंने बैठक में आए गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से विशेष योग्यजनों द्वारा शत प्रतिशत मतदान के लिए एवं उनकी सुविधाओं के लिए सुझाव आमंत्रित किए।
बैठक में आए एनजीओ प्रतिनिधियों ने विशेषयोग्यजों को मतदान दिवस पर मतदान केन्द्र तक लाने-ले जाने की व्यवस्था, उनकी सहायता के लिए लगाए जाने वाले स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण और उसमें एनजीओ को शामिल करने, ब्रेल लिपि के साथ ही ऑडियो में भी डमी बैलेट की उपलब्धता, मतदान टेबिल की कम ऊंचाई रखे जाने, विशेष योग्यजन की पात्रता का दायरा बढाकर मानसिक अक्षमता सहित कुल 21 प्रकार की अक्षमताओं के आधार पर भी विशेष योग्यजन का निर्णय करना जैसे सुझाव दिए।
बैठक का संचालन अतिरिक्त जिला कलक्टर तृतीय राजेन्द्र सिंह कविया ने किया। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर पूर्व राजीव पाण्डे, अतिरिक्त जिला कलक्टर नॉर्थ बीरबल सिंह, उमंग संस्थान, दिशा संस्थान, भगवान महावीर विकलांग समिति के प्रतिनिधि, शिक्षा, चिकित्सा एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रतिनिधि शामिल हुए।